माघ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना : जीवन के अंधकार में प्रकाश प्रदान करती है देवी शैलपुत्री
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Yugvarta
, Jan 29, 2025 10:01 PM 0 Comments
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DELHI : देवी दुर्गा के नौ रूप हैं, जिनकी नवरात्रि में पूजा-अर्चना की जाती है। प्रथम स्वरूप- देवी शैलपुत्री हैं, जिनकी नवरात्रि के पहले दिन पूजा-अर्चना की जाती है। पर्वतराज हिमालय पुत्री स्वरूप होने के कारण इन्हें माता शैलपुत्री पुकारा जाता है। वृषभ-स्थिता माता शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। देवी को प्रिय चमेली का फूल अर्पित करें, देवी जीवन के अंधकार को दूर कर जीवन में सफलता के लिए प्रकाश प्रदान करेंगी।
मन के कारक चन्द्रदेव की प्रसन्नता और मानसिक शांति के लिए नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करें। वैसे तो नवरात्रि
माघ घटस्थापना - बृहस्पतिवार, 30 जनवरी 2025 घटस्थापना मुहूर्त - 09:36 से 10:55
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - 12:24 से 13:08
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागरः तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानन्द प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह विनाशिनीं।
मुक्ति भुक्ति दायिनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥
के व्रत-पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि-सफलता आती है लेकिन कर्क राशि के जो श्रद्धालु यदि सभी दिन व्रत नहीं कर सकें तो उन्हें नवरात्रि के पहले दिन का व्रत रख कर जीवन में सुख-समृद्धि-सफलता के लिए देवी शैलपुत्री की आराधना करनी चाहिए। नवरात्रि पर पूजा-अर्चना-घटस्थापना अपने क्षेत्र के धर्मगुरु के निर्देशानुसार करें।