राम नवमी में श्री रामलला का जन्मोत्सव होगा अद्भुत सौंदर्य से ओतप्रोत , सोने-चांदी से बने वस्त्र पहनेंगे भगवान, सूर्य देव स्वेम करेंगे अभिषेक
Go Back |
Yugvarta
, Apr 15, 2024 11:28 AM 0 Comments
0 times
0
times
Lucknow : अयोध्या । इस बार अयोध्या में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाने की विशेष तैयारी की जा रही है। उनके श्रृंगार से लेकर अभिषेेक व पूजा-अर्चना तक को अविष्मरणीय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सैकड़ों वर्षों के बाद राम की नगरी में ऐसी भव्य व मनमाेेहक तैयारी की जा रही है।
जन्मोत्सव की तैयारियों के बारे मेें बताते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि इस बार अपने जन्मदिन पर श्री रामलला चांदी और सोने के तारों से बुना विशेष डिजाइनर वस्त्र पहनेंगे। इसे दिल्ली से विमान के जरिए लाया जाएगा। इसी
जन्मोत्सव की तैयारियों के बारे मेें बताते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि इस बार अपने जन्मदिन पर श्री रामलला चांदी और सोने के तारों से बुना विशेष डिजाइनर वस्त्र पहनेंगे। इसे दिल्ली से विमान के जरिए लाया जाएगा। इसी तरह उनके श्रृंगार और मंदिर को सजाने के लिए दिल्ली और कर्नाटक से खास तरह के पुष्प लाए जाएंगे
तरह उनके श्रृंगार और मंदिर को सजाने के लिए दिल्ली और कर्नाटक से खास तरह के पुष्प लाए जाएंगे।
इस मौके पर बधाई गीत गाए जाएंगे, वेदों और पुराणों का पाठ होगा, भोग के लिए 56 प्रकार के विशेष पकवान बनाए जाएंगे। यहां तक कि भगवान सूर्य भी अपनी किरणों से भगवान का अभिषेक करते दिखाई देंगे ।
जन्मोत्सव की तैयारियों के बारे में बताते हुए पूजा अर्चक समिति राम मंदिर के मिथिलेश नंदनी शरण ने कहा कि जन्मदिन के उत्साह में डूबे राम भक्त रामनवमी पर दोपहर 12 बजे गर्भ गृह का पर्दा हटने के बाद जब श्री रामलला का दर्शन करेंगे तो वह क्षण अद्भुत होगा। उस समय सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर पड़ेंगी और खुद सूर्य देवता उनका अभिषेक करेंगे।
नंदनी शरण ने भगवान सूर्य से श्री राम के रिश्तेे के बारे में बताते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने दोनों के संबंधों का बड़ा मार्मिक वर्णन किया है। गोस्वामी जी ने रामचरित मानस में लिखा है कि जब श्री राम प्रकट हुए, तब भगवान सूर्य ने कहा कि मेरा मान बढ़ गया, मैं जन्मोत्सव देखूंगा। उसके बाद अब ऐसा होने वाला है, जब दोपहर में रामलला की आरती हो रही होगी, उस समय उनके मस्तिष्क पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी। यह वैसा ही है, जैसे किसी बालक के जन्मदिन पर उसके अभिभावक व बड़े लोग उसके सिर पर हाथ रखकर उसकी मंगल कामना करते हैं व आशीर्वाद देते हैं।