» आश्चर्यजनक
दुनिया में ग्लेशियर सिकुड़ रहा है लेकिन उत्तराखंड में मिला इतना बड़ा बेनाम ग्लेशियर, असाधारण रूप से हर साल रहा है बढ़
Go Back | agency , Jan 04, 2025 09:00 AM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Dehradun : 
एक तरफ जहां ग्लेबल वार्मिंग की वजह से दुनियाभर में ग्लेशियर(Glacier) पिघल कर सिकुड़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड(Uttarakhand) में एक ऐसा बेनाम ग्लेशियर (Unknown Glacier ) है जो इस गर्म होते इनवायर्मेंट में पिघलने के बजाय साल दर साल बढ़ता जा रहा हैं। लेकिन क्या है इस बढ़ते हुए ग्लेशियर की सच्चाई?आइए जानते हैं इस आर्टिकल में।

असाधारण रूप से बढ़ रहा है ग्लेशियर
क्या है ग्लेशियर के बढ़ने की वजह?
बेनाम ग्लेशियर हिमालय में खतरे की घंटी!
चमोली के धौलीगंगा बेसिन में मौजूद है ये बेनाम ग्लेशियर
48 वर्ग किमी में फैला ये खास ग्लेशियर चमोली के धौलीगंगा बेसिन में मौजूद है। दरअसल हाल ही में वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ हिमालयन जियोलॉजी के ग्लेशियोलॉजिस्ट डॉ. मनीष मेहता की टीम का एक रिसर्च पेपर “Manifestations of a glacier surge in central Himalaya using multi‑temporal satellite data” पब्लिश हुआ।



जिसमें इस हैरान कर देने वाले ग्लेशियर का जिक्र किया गया है। उत्तराखंड के सिमांत नीती दर्रे के करीब मौजूद इस ग्लेशियर का उद्गम तो भारत में है। लेकिन ये ग्लेशियर बहता तिब्बत की तरफ है।

असाधारण रूप से बढ़ रहा है ग्लेशियर
शोध में ये सामने आया की ये ग्लेशियर असाधारण रूप से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। साल 2001 तक इस ग्लेशियर के बढ़ने की स्पीड 7 मीटर प्रति साल थी। लेकिन उसके बाद इसके बढ़ने की स्पिड 163 मीटर प्रति साल हो गई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अध्ययन में ग्लेशियर का एरिया बढ़ने के पीछे दो अहम वजहें हो सकती हैं।

क्या है ग्लेशियर के बढ़ने की वजह?
एरिया बढ़ने के पीछे दो अहम वजहें है, जिसमें Hydrological Pressure Melting यानी टेंपरेचर बढ़ने की वजह से ग्लेशियर बेसिन में पानी ग्लेशियर के बेस में चला जाता है, जिससे ग्लेशियर फिसलने लगता है और आगे बढ़ जाता है।

इसके अलावा दूसरी जियोलॉजिकल वजह भी हो सकती है। जिसका मतलब है कि जब जियोलॉजिकल कंडीशन की वजह से ग्लेशियर के नीचे मौजूद रॉक्स पर कुछ तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है, तो ग्लेशियर आगे खिसक जाते हैं।

बेनाम ग्लेशियर हिमालय में खतरे की घंटी!
हालांकि इसकी सही वजह अब तक किसी को पता नहीं चल पाई है। वैज्ञानिकों का कहना है की ग्लेबल वार्मिंग के चलते आगे बढ़ने वाले ग्लेशियर काराकोरम औऱ अलास्का में पहले पाए जा चुके हैं। लेकिन हिमालयी इलाके में मिलने वाला ये पहले ग्लेशियर है।

लिहाजा वैज्ञानिक अभी तक इसका कुछ नाम नहीं रख पाए हैं तो लोग इसे बेनाम ग्लेशियर भी कह रहे हैं। ये बेनाम ग्लेशियर जो लगातार बढ़ता जा रहा है ये हिमालय में एक खतरे की घंटी साबित हो सकता है क्योंकि अगर ये ग्लेशियर अपनी जगह से और आगे खिसका तो ये फरवरी 2020 में आई रैणी आपदा से बढ़ी आपदा को न्यौता दे सकता है।
  agency
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT






Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
PM Modi Visits Ahmedabad Crash Site, Calls
Prime Minister Modi To Travel To Ahmedabad
एयर इंडिया हादसा: मणिपुर के दो केबिन
अहमदाबाद प्लेन क्रैश : मृतकों के परिजनों
एयर इंडिया विमान हादसे पर सीएम योगी
शॉर्टकट से नहीं, संघर्ष से मिलती है
 
 
Most Visited
Rice water & Methi Dana Toner for
(710 Views )
मुकुल देव आखिरी बार इस फिल्म में
(409 Views )
‘Justice Served’ : India Launches ‘Operation Sindoor’,
(349 Views )
भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत :
(342 Views )
Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर पर MEA
(342 Views )
प्रो. के.जी. सुरेश को मिली इंडिया हैबिटेट
(319 Views )