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Yugvarta
, Jan 11, 2022 11:37 PM 0 Comments
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Delhi : गेट्स ऑफ हेल' (The Gates of Hell) यानी 'नरक का दरवाजा' कहा जाने वाला प्राकृतिक गैस क्रेटर (Gas Crater) अब बंद होने जा रहा है. तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan) के राष्ट्रपति ने देश के सबसे प्रमुख स्थलों में शामिल 'गेट्स ऑफ हेल' को बंद करने का ऐलान किया है. ये धधकता प्राकृतिक गैस क्रेटर राजधानी अश्गाबात से लगभग 160 मील उत्तर में स्थित रेगिस्तानी गड्ढा है, जो दशकों से जल रहा है. तुर्कमेनिस्तान आने वाले पर्यटकों के लिए यह
इस तरह आया था अस्तित्व में
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्कमेनिस्तान में प्रवेश करना आसान नहीं है, इसलिए यहां पर्यटकों की संख्या अन्य
गेट्स ऑफ हेल' (The Gates of Hell) यानी 'नरक का दरवाजा' कहा जाने वाला प्राकृतिक गैस क्रेटर (Gas Crater) अब बंद होने जा रहा है. तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan) के राष्ट्रपति ने देश के सबसे प्रमुख स्थलों में शामिल 'गेट्स ऑफ हेल' को बंद करने का ऐलान किया
देशों की तुलना कम रहती है. 1971 के गैस-ड्रिलिंग की असफलता के चलते इस गड्ढे का जन्म हुआ था. जिसका व्यास करीब 60 मीटर और गहराई करीब 20 मीटर है. गैस को फैलने से रोकने के लिए भूवैज्ञानिकों ने यहां आग लगा दी थी. दरअसल, वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि कुछ हफ्तों में गैस जल जलकर खत्म हो जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
इस वजह से किया जा रहा बंद
यहां तब से लगातार आग जल रही है. टूरिस्ट के बीच 'गेट्स ऑफ हेल' का काफी क्रेज है. यहां तक कि देश के राष्ट्रपति गुरबांगुली बेर्दयमुखमेदोव (Gurbanguly Berdymukhamedov) को 2019 में एक ऑफ-रोड ट्रक से इसके चारों घूमते हुए देखा गया था. अब बेर्दयमुखमेदोव ने अपनी सरकार को आग बुझाने के तरीकों की तलाश करने के आदेश दिए हैं. क्योंकि यह पारिस्थितिक नुकसान पैदा कर रही है. बताया जा रहा है कि इससे आसपास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.
Turkmenistan में हैं कई अजूबे
तुर्कमेनिस्तान इस तरह के कई अजूबों वाला देश है. यहां के शासक ने अपने पसंदीदा कुत्ते की 50 फीट की सोने की मूर्ति बनवाई है, जिसे राजधानी अश्गाबात के नए नवेले इलाके के मध्य में लगाया गया. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2007 से राज कर रहे गुरबांगुली बेर्दयमुखमेदोव ने 2020 में तुर्कमेन अलबी प्रजाति के इस कुत्ते की विशाल मूर्ति का अनावरण किया था.