» जीवन मंत्र
DRDO की कोरोना दवा बनाने के लिए 4 कंपनियों को ट्रांसफर की गई टेक्नोलॉजी, अगस्त तक ट्रायल
Go Back | Yugvarta , Jul 20, 2021 08:43 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Delhi :  केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि DRDO ने अपनी कोरोना वायरस की दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2DG) के उत्पादन के लिए 4 फार्मा कंपनियों को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर किया है. DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) की इस दवा को मध्यम और गंभीर लक्षण वाले मरीजों के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिली थी. इस दवा को डीआरडीओ की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलायड साइंस (INMAS) ने डॉ रेड्डीज लैब के साथ मिलकर तैयार किया.

मनसुख मंडाविया ने सदन में कहा, “डीआरडीओ की 2डीजी दवा के फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल की पूरी स्टडी रिपोर्ट अगस्त

डीआरडीओ ने एक बयान जारी कर बताया था कि 2DG के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों के इलाज में मदद के लिए दी गई है.

के अंत तक उपलब्ध होने की उम्मीद है.” फिलहाल इस दवा का उत्पादन डॉ रेड्डीज लैब द्वारा किया जा रहा है. डीआरडीओ ने इस दवा को बनाने की तकनीक भारतीय दवा कंपनियों को हस्तांतरित करने के लिए पिछले महीने एक्सप्रेशन ऑफ इन्टेरेस्ट (EOI) आमंत्रित किया था.


17 मई को पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इस दवा की पहली खेप जारी की थी. डीआरडीओ ने एक बयान जारी कर बताया था कि 2DG के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों के इलाज में मदद के लिए दी गई है.

सरकार के दावों के मुताबिक, यह दवा अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों की तेजी से रिकवरी में मदद करता है और बाहर से ऑक्सीजन देने पर निर्भरता को कम करता है. DCGI ने 8 मई को इस दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी. यह दवा पाउडर के रूप में छोटे-छोटे पैकेट में उपलब्‍ध है, जिसे पानी में मिलाकर लिया जाता है.

18 साल के कम उम्र के मरीजों के लिए नहीं

डीआरडीओ ने कहा था कि अनियंत्रित डायबिटीज, गंभीर हृदय रोग की समस्या, सांस की समस्या (ARDS), गंभीर लीवर की परेशानी और किडनी के मरीजों पर 2 डीजी का अध्ययन नहीं किया गया है, इसलिए उन्हें यह दवा देने में सावधानी बरतनी चाहिए. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 18 साल से कम उम्र के मरीजों को 2डीजी नहीं दी जानी चाहिए.

केंद्र सरकार ने बताया था कि क्लीनिकल ट्रायल के नतीजों के मुताबिक, इस दवा से अस्पताल में भर्ती मरीज जल्दी ठीक हुए और उनकी अतिरिक्त ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम हुई. 2-डीजी से इलाज कराने वाले अधिकतर मरीज आरटी-पसीआर जांच में निगेटिव आए.
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT






Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
ऋण प्रक्रियाओं को सरल बनाकर जनसहभागिता बढ़ायें:
Special Public Security Bill Passed in Maharashtra
A US Link Found In Alia Bhatt
Shots Fired, Spirits Unshaken: Kap’s Café Stands
Priyanka Chopra Roasts Trolls Who Criticised Her
A Music Video Surfaces Amid Probe Into
 
 
Most Visited
Rice water & Methi Dana Toner for
(1006 Views )
मुकुल देव आखिरी बार इस फिल्म में
(494 Views )
उत्तराखंड : केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश, 7
(477 Views )
‘Justice Served’ : India Launches ‘Operation Sindoor’,
(421 Views )
प्रो. के.जी. सुरेश को मिली इंडिया हैबिटेट
(412 Views )
भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत :
(404 Views )