» उत्तर प्रदेश
श्रावस्ती में जीवनदायनी बनेगी विलुप्त बूढ़ी राप्ती नदी, किसानों को होगा फायदा
Go Back | Yugvarta , Jul 11, 2025 02:16 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Shravasti : 
लखनऊ, 11 जुलाई: योगी सरकार विलुप्त हो रही नदियों के पुनरोद्धार, पुराने स्वरूप और अस्तित्व में लाने के लिए प्रदेशभर में अभियान चला रही है। ऐसे में अब तक प्रदेश भर में 100 से अधिक छोटी और विलुप्त हो चुकी नदियां फिर से अपने पुराने स्वरूप में लौटने लगी हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन को विजन के रूप में धरातल पर उतारने के लिए श्रावस्ती में बूढ़ी राप्ती नदी के पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे न सिर्फ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी, बल्कि आसपास के किसानों को भी राहत मिलेगी।

जनसहयोग और मनरेगा योजना से अपने पुराने स्वरूप में लाैटेगी बूढ़ी राप्ती-

श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जल संकट और पर्यावरणीय संतुलन बनाने के लिए श्रावस्ती में विलुप्त हो रही राप्ती नदी के पुनरोद्धार के लिए काम किया जा रहा है। ऐसे में बूढ़ी राप्ती नदी काे पुनर्जीवित करने के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीकी से नदी के संरेखण का चिन्हांकन किया गया और अब इस पर काम शुरू हो चुका है। इस कड़ी में जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी और मुख्य विकास अधिकारी शाहिद अहमद ने पूजा-अर्चना के बाद फावड़ा चलाकर कार्य का शुभारंभ किया। बूढ़ी राप्ती नदी के पुनरोद्धार का कार्य जनसहयोग और मनरेगा योजना के तहत बड़े पैमाने पर किया जाएगा। बरसात के बाद नदी की सफाई और प्रवाह को पुनः ठीक करने का कार्य वृहद स्तर पर किया जाएगा, ताकि नदी अगले वर्ष अपने स्वाभाविक रूप में लौट सके। उन्होंने बताया कि बूढ़ी राप्ती नदी की कुल लंबाई 67.03 किमी है, और इसका कैचमेंट एरिया 18356.64 हेक्टेयर है। नदी का 16.91 किमी हिस्सा अवरोधित है, जबकि शेष 51.12 किमी का हिस्सा स्वाभाविक रूप में मौजूद है। इस पुनरोद्धार कार्य में नदी के प्रवाह क्षेत्र को सुधारने का प्रयास किया जाएगा।

54 गांवों के किसानों को होगा सीधा लाभ-

बूढ़ी नदी के पुनर्जीवित होने से आसपास के किसानों को जल आपूर्ति में मदद मिलेगी, जिससे उनकी कृषि गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। बूढ़ी राप्ती नदी 54 ग्रामों से गुजरती है और अंत में राप्ती नदी में मिल जाती है। सर्वेक्षण के आधार पर यह स्पष्ट हुआ है कि नदी के प्रवाह क्षेत्र में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ है। नदी के सफाई कार्य में मिट्टी की मात्रा का आंकलन कर इसे पुनः जीवन प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह कार्य प्रदेश में जल प्रबंधन के नए मानक स्थापित करने में मदद करेगा और किसान समुदाय को जल आपूर्ति की बेहतर स्थिति प्रदान करेगा। इस पुनरोद्धार कार्य से न केवल पर्यावरणीय संतुलन होगा, बल्कि किसानों को जल आपूर्ति में भी सुधार मिलेगा। नदी के पुनजीवित होने से आसपास के किसानों को सिंचाई के लिए अधिक पानी मिलेगा, जिससे उनकी कृषि गतिविधियों को सहारा मिलेगा।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT






Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
धामी सरकार का "नशा मुक्त उत्तराखंड संकल्प"
धामी सरकार का "नशा मुक्त उत्तराखंड संकल्प"
डिजिटल गांव, सशक्त भारत: सीएससी दिवस पर
ऋण प्रक्रियाओं को सरल बनाकर जनसहभागिता बढ़ायें:
Special Public Security Bill Passed in Maharashtra
A US Link Found In Alia Bhatt
 
 
Most Visited
Rice water & Methi Dana Toner for
(1006 Views )
मुकुल देव आखिरी बार इस फिल्म में
(495 Views )
उत्तराखंड : केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश, 7
(477 Views )
‘Justice Served’ : India Launches ‘Operation Sindoor’,
(421 Views )
प्रो. के.जी. सुरेश को मिली इंडिया हैबिटेट
(412 Views )
भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत :
(404 Views )