आम बजट 2025: उत्तराखंड को बड़ी उम्मीद, चारधाम से रेलवे तक मिल सकती है सौगात
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Yugvarta
, Feb 01, 2025 10:06 AM 0 Comments
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New Delhi :
नई दिल्ली, 1 फरवरी: देशभर की निगाहें 1 फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2025-26 पर टिकी हैं, और उत्तराखंड सरकार को इससे खास उम्मीदें हैं। सरकार को भरोसा है कि इस बार विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन, परिवहन और जल संरक्षण से जुड़े अहम प्रोजेक्ट्स को केंद्र से बड़ा समर्थन मिल सकता है।
उत्तराखंड सरकार की बजट प्राथमिकताएं
उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि 20 दिसंबर 2024 को जैसलमेर में प्री-बजट कंसल्टेशन बैठक में राज्य सरकार ने 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा था। इसमें चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा, पर्यटक सुविधाओं, सड़क निर्माण और जल संरक्षण के लिए विशेष पैकेज की मांग की गई थी।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा?
उत्तराखंड में स्थायी जनसंख्या की तुलना में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की संख्या पांच गुना अधिक होती है, जिससे राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी दबाव पड़ता है। सरकार ने केंद्र से फ्लोटिंग पॉपुलेशन को ध्यान में रखते हुए विशेष वित्तीय सहायता की मांग की है।
चारधाम यात्रा और कांवड़ यात्रा राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, और इनके लिए अलग बजट का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें यात्रा मार्गों की सफाई, पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाएं और सुरक्षित परिवहन व्यवस्था विकसित करने की बात कही गई है। साथ ही, बागेश्वर-कर्णप्रयाग और रामनगर-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजनाओं के सर्वेक्षण की मांग की गई है, जिससे राज्य में यातायात सुविधाओं में बड़ा सुधार होगा।
रोपवे और जल संरक्षण पर फोकस
राज्य सरकार ने रोपवे परियोजनाओं के लिए केंद्र से वित्तीय सहयोग बढ़ाने की अपील की है। सरकार चाहती है कि पर्वतीय राज्यों में रोपवे प्रोजेक्ट्स के लिए केंद्रांश 20% से बढ़ाकर 40% किया जाए, ताकि आवागमन सुगम हो और पर्यटन को बढ़ावा मिले।
इसके अलावा, भूजल संरक्षण के लिए नई केंद्र-पोषित योजना शुरू करने की मांग की गई है। जल विद्युत परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए 2 करोड़ प्रति मेगावाट की दर से 8,000 करोड़ रुपये की वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) की आवश्यकता बताई गई है। इससे हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी और राज्य की ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी।
स्वास्थ्य और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
उत्तराखंड में एक अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना की मांग भी केंद्र सरकार के सामने रखी गई है, जिससे आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और साइबर सुरक्षा से जुड़े उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) स्थापित करने का भी अनुरोध किया गया है।
ग्रामीण विकास और आपदा प्रबंधन
उत्तराखंड सरकार चाहती है कि मनरेगा में पर्वतीय राज्यों के लिए श्रम और सामग्री अनुपात को 60:40 से घटाकर 50:50 किया जाए। इससे ग्रामीण विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी। साथ ही, ढुलान (माल ढुलाई) के लिए अलग से वित्तीय सहायता की भी मांग की गई है।
राज्य सरकार ने SDRF (राज्य आपदा मोचन निधि) के मानकों में संशोधन का अनुरोध किया है, ताकि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में अधिक वित्तीय मदद मिल सके। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिक पेंशन में केंद्रांश को बढ़ाकर 500 रुपये करने की भी मांग की गई है।
उत्तराखंड को क्या मिलेगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष रुचि को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि बजट 2025-26 में उत्तराखंड को बड़ी सौगातें मिल सकती हैं। राज्य सरकार को भरोसा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर, धार्मिक पर्यटन, परिवहन और जल संरक्षण को प्राथमिकता मिलेगी। अब सबकी नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण पर टिकी हैं कि उत्तराखंड के विकास को कितनी मजबूती मिलती है।