» उत्तर प्रदेश
प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल महाकुम्भ के विजन को सीएम योगी कर रहे साकार
Go Back | Yugvarta , Dec 31, 2024 08:37 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Lucknow :  महाकुम्भ नगर, 30 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल महाकुम्भ के विज़न को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुम्भ 2025 में साकार कर रहे हैं। योगी सरकार उत्तर प्रदेश के नए 76वें जनपद "महाकुम्भ नगर" को रिकॉर्ड समय में सभी नागरिक सुविधाओं के साथ बसा रही है। महाकुम्भ 2025 में पहली बार मेला को बसाने का काम डिजिटल तरीके से किया जा रहा है। "महाकुम्भ भूमि एवं सुविधा आवंटन" की साइट पर भूमि और सुविधाएं एक क्लिक में मिल रही हैं। प्रयागराज मेला प्राधिकरण मेले में जमीन आवंटन और मूलभूत सुविधाओं के काम में विभागों की जवाबदेही के साथ

डिजिटल स्वरूप में भूमि आवंटन एवं सुविधा देने में दिखाई दे रही "डिजिटल महाकुम्भ" की बानगी

"महाकुम्भ भूमि एवं सुविधा आवंटन" की साइट पर एक क्लिक में मिल रहीं भूमि और सुविधाएं

कुम्भ 2019 में 5500 से अधिक संस्थाओं का सम्पूर्ण विवरण एवं उनके आवंटन का किया गया था

पूरी पारदर्शिता बरत रही है जिससे ऑनलाइन आवेदन के साथ ही आवेदक अपनी जमीन और मेला में सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का स्टेटस ऑनलाइन कभी भी देख सकता है। कुम्भ 2019 में 5500 से अधिक संस्थाओं का सम्पूर्ण विवरण एवं उनके आवंटन का डिजिलाइज़ेशन किया गया है। इस बार पूरे मेला में 10 हजार से अधिक संस्थाओं का भूमि आवंटन किया जा रहा है, जिसमें सरकारी, आपातकालीन, सामजिक और धार्मिक संस्थाए शामिल हैं। सरकार की इस पारदर्शी व्यवस्था से साधु-संतों और संस्थाओं का काम बिना कतार में लगे आसानी से और जल्द हो रहा है।

गूगल मैप्स पर मुख्य स्थानों को मिली जगह
महाकुम्भ सनातन के धार्मिक अनुष्ठानों का महायज्ञ है। अमृत काल में लग रहे अमृत महोत्सव महाकुम्भ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान है। वहीं लाखों लोग महाकुम्भ के दौरान यहां कल्पवास करेंगे। अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि कुम्भ मेला के लिए 25 सेक्टर में फैले 4000 हेक्टेयर क्षेत्र का लेआउट जीआईएस आधारित नक्शे का उपयोग करके तैयार किया गया है। मॉनसून के पहले और बाद में ड्रोन सर्वेक्षण कर जमीन की टोपोग्राफी और भू-भाग का सटीक नक्शा तैयार किया गया है। सर्वेक्षणों के माध्यम से हाई -रिजॉल्यूशन के नक्शे, जीआईएस बेस लेयर और 0.5 सेमी की एक्युरेसी के साथ जियो-रेफरेंस कैड फाइल तैयार की गई। प्रमुख सार्वजनिक उपयोगिताओं और अन्य आपातकालीन मुख्य स्थानों को श्रद्धालुओं के लिए गूगल मैप्स पर उपलब्ध कराया गया है। इसमें मुख्य रूप से आपातकालीन सेवाएं, थाने, चौकियां, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, अस्पताल, पार्किंग क्षेत्र, फूड कोर्ट, वेंडिंग ज़ोन, शौचालय, पांटून ब्रिज, सड़क इत्यादि शामिल हैं।

सुविधा पर्चियों का किया गया डिजिटिलाइजेशन

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पारदर्शिता बरतने और सभी को अवसर देने के लिए जो संस्थाएं कुम्भ 2019 में मेला का हिस्सा रहीं हैं उनके भी आवेदनों को स्वीकार किया है। इसके लिए मेला प्राधिकरण ने स्थानीय ​और राष्ट्रीय समाचार पत्रों में व्यापक प्रचार किया है और पोर्टल पर 29 अक्टूबर 2024 से 12 नवंबर 2024 तक आवेदन प्राप्त किए। भूमि और सुविधा आवंटन के लिए कुम्भ 2019 के डेटा का विश्लेषण किया गया और जमीन आवंटन के लिए तय नियमों के अनुसार कार्य किया गया। आवेदनों के विश्लेषण, प्राधिकरण द्वारा आवंटन और स्वीकृति के बाद, डिजिटाइज्ड सुविधा पर्चियां बनाई गईं। मेला प्राधिकरण द्वारा संस्था को दी गई सुविधा पर्ची को वेंडर ऑनलाइन देख सकते हैं और संस्था को दी गई सुविधा को उनके समन्वय के साथ फोटो के साथ अपडेट कर सकते हैं। डिजिटल और ऑनलाइन सुविधा की सबसे बड़ी पारदर्शिता ये है कि आवेदक जब चाहे अपने जमीन के आवंटन संबंधित जानकारी और सुविधा का अपडेट देख सकता है और कमियों पर अपनी आपत्ति जता सकता है। श्रद्धालुओ की सुविधा और उनके कामों को जल्दी निपटाने के लिए मेला प्रशासन की मदद के लिए बड़ी तादात में "कुम्भ फ़ेलो" तैनात किये गए हैं।

ढाई साल से जुटे अधिकारी
महाकुम्भ की तैयारियों की नींव लगभग ढाई साल पहले पढ़ चुकि थी। जिसको लेकर प्रसाशनिक अधिकारी लगातार जुटे रहें हैं । जिसकी ज़मीन अब पूरी तरह से तैयार हो गई है। महाकुम्भ में श्रद्धालुओ की श्रद्धा को देखते हुए सरकार महाकुम्भ को दिव्य भव्य और सुरक्षित बना रही है। महाकुम्भ 2013 की तुलना में महाकुम्भ 2025 में क्षेत्रफल दोगुना हो गया है। वहीं सेक्टर की संख्या 18 से 25 और जाने की संख्या 7 से बढ़कर कर 10 हो गई है।

डिजिटलाइजेशन के प्रमुख बिंदु और लाभ

-आवेदनों की सम्पूर्ण जानकारी का डाटा डिजिटलाईज़ेशन और आवेदन की स्थिति की लाइव ट्रैकिंग के साथ आवंटन

-समयबद्ध स्थापना के लिए सुविधा पर्चियों से संबंधित विक्रेताओं और सरकारी विभागों में स्वचालित ऑटोमेटेड डाटा फ्लो

-सुविधाओं की स्थापना के फोटोग्राफिक साक्ष्य के साथ सत्यापन के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन और सत्यापन समिति मॉडल

-प्रयागराज मेला प्राधिकरण, कस्टमाइज़्ड एमआईएस रिपोर्ट और व्यापक संस्था विश्लेषण, यह सॉफ्टवेयर प्रयागराज मेला प्राधिकरण को संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा न्यूनतम कतार और भौतिक नियुक्तियों के साथ भूमि और सुविधा आवंटन को समय पर पूरा करने में सक्षम बनाएगा।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT




Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
पर्व, त्योहारों में एकता व सद्भावना का
दक्षिण कोरिया से अयोध्या पहुंचा 78 सदस्यीय
सीएम योगी ने होली से पहले ही
सीएम योगी ने यूपी पुलिस में नवचयनितों
Cultural Richness and Unity of Uttarakhand Witnessed
उत्तराखंड : मुख्यमंत्री आवास में होली मिलन
 
 
Most Visited
टूटते-झड़ते बालों के लिए घर पर ही
(3426 Views )
UP Board Result 2024: 10वीं और 12वीं
(1078 Views )
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर (मॉडल हाउस) में
(1038 Views )
राम नवमी में श्री रामलला का जन्मोत्सव
(921 Views )
भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख
(896 Views )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभल में किया
(838 Views )