संभल में खुदाई के दौरान कुएं से निकली खंडित मूर्ति, इलाके में मची हलचल
Go Back |
Yugvarta
, Dec 16, 2024 03:36 PM 0 Comments
0 times
0
times
Delhi : संभल। उत्तर प्रदेश के संभल स्थित खग्गू सराय के एक प्राचीन मंदिर के पास स्थित कुएं से खंडित मूर्ति निकली है। यह घटना तब सामने आई जब मंदिर के पास स्थित कुएं की खुदाई की जा रही थी। खुदाई के दौरान निकली मूर्ति से आसपास के इलाके में हलचल मच गई।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिरीष चंद्र ने बीते दिनों दावा किया था कि मंदिर परिसर के बाहर स्थित कुएं की खुदाई के दौरान और भी चीजों का पता चलने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि इस मंदिर को 46 साल बाद खोला गया है। मंदिर के खुलने के बाद यहां बड़ी संख्या
उत्तर प्रदेश के संभल स्थित खग्गू सराय के एक प्राचीन मंदिर के पास स्थित कुएं से खंडित मूर्ति निकली है। यह घटना तब सामने आई जब मंदिर के पास स्थित कुएं की खुदाई की जा रही थी। खुदाई के दौरान निकली मूर्ति से आसपास के इलाके में हलचल मच गई
में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को भी भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर आरती उतारी और फिर हनुमान जी की आरती की गई। यह मंदिर अब अपने पुराने स्वरूप में दिखने लगा है और यहां पूजा-पाठ की गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। कई वीडियो भी सामने आये हैं, जिसमें श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा करते हुए देखा जा सकता है।
बता दें कि यह मंदिर पिछले कई दशकों से बंद पड़ा हुआ था। संभल में बीच बीते दिनों प्रशासन की टीम विद्युत चोरी पकड़ने के लिए इलाके में आई थी। इसी दौरान टीम को मंदिर का पता चला और फिर इसे खोला गया। मंदिर का दरवाजा खोलने के बाद वहां की स्थिति देख प्रशासन भी हैरान रह गया। बीते दिनों जब मंदिर के दरवाजे खोले गए थे, तो अंदर भारी मात्रा में धूल और गंदगी जमी हुई थी। इस दौरान मंदिर के अंदर शिवलिंग, हनुमान जी की प्रतिमा, नंदी, और कार्तिकेय की प्राचीन मूर्तियां मिलीं। इसके साथ ही यहां एक प्राचीन कुआं भी मौजूद था, जहां से खुदाई के दौरान एक खंडित मूर्ति निकाली गई।
एसडीएम वंदना मिश्रा ने इस मंदिर को खोलने की अनुमति जिलाधिकारी से ली और फिर मंदिर जाकर निरीक्षण किया। जानकारी के अनुसार, यह मंदिर 1978 से बंद पड़ा था और अब 46 साल बाद श्रद्धालुओं के लिए पुनः सुलभ हो गया है। प्रशासन ने इस पूरे मामले में खुदाई और अन्य पहलुओं की जांच शुरू कर दी है, ताकि इस प्राचीन स्थल को और अच्छे तरीके से संरक्षित किया जा सके।