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प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा के 7 महत्वपूर्ण पहलू
Go Back | Aditya Amitabh Trivedii , Jul 09, 2024 09:01 AM
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-आदित्य अमिताभ त्रिवेदी
मॉस्को, 9 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा, जो यूक्रेन युद्ध के बाद उनकी पहली यात्रा है, कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित होगी। इस यात्रा में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा होने की संभावना है, जो दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत कर सकते हैं।
आइये उन 7 मुद्दों पर रौशनी डालते हैं जो इस द्विपक्षीय भेंट में सबसे दिलचस्प होंगे।

1. द्विपक्षीय संबंध (Bilateral Relations)
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच के संबंधों की समीक्षा करना है। यह वार्षिक शिखर सम्मेलन 2021 के बाद पहली बार हो रहा है, जिसमें दोनों नेता विभिन्न मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण साझा करेंगे।

2. क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे (Regional and Global Issues)
दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन युद्ध और इसके प्रभाव पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार एससीओ शिखर सम्मेलन में कहा था कि यह “युद्ध का युग नहीं है”। इस बार सभी की निगाहें इस पर होंगी कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर क्या सार्वजनिक संदेश देते हैं।

3. व्यापार और भुगतान प्रणाली (Trade and Payment Mechanism)
भारत और रूस के बीच व्यापारिक आंकड़े युद्ध के बाद से कई गुना बढ़ गए हैं। लेकिन इस व्यापारिक वृद्धि के साथ ही व्यापार घाटा भी बढ़ा है। इस यात्रा के दौरान, दोनों नेता व्यापार संतुलन और भुगतान प्रणाली को और सुचारू बनाने पर चर्चा करेंगे।

4. ऊर्जा (Energy)
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच ऊर्जा क्षेत्र में दीर्घकालिक समझौतों पर चर्चा होगी। भारत ने पिछले दो वर्षों में रूस से तेल आयात को 20 गुना बढ़ाया है। इस संदर्भ में, भारतीय तेल कंपनियों को रूस के तेल और गैस क्षेत्रों में निवेश के और अधिक अवसर प्रदान किए जा सकते हैं।

5. सैन्य और रक्षा सहयोग (Military and Defense Cooperation)
दोनों देशों के बीच रक्षा सौदों को तेजी से लागू करने और लंबित डिलीवरी को शीघ्र पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एक सैन्य तार्किक समझौता “RELOS” भी तैयार है, जिसे इस यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित किया जा सकता है।

6. कनेक्टिविटी (Connectivity)
भारत और रूस ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री मार्ग पर कदम बढ़ाए हैं। इस यात्रा के दौरान, कनेक्टिविटी से संबंधित समझौतों की घोषणा की जा सकती है।

7. भारत-चीन संबंध (India-China Relations)
रूस का चीन पर बढ़ती निर्भरता भी इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण पहलू होगी। भारत और चीन के बीच 2020 से तनाव चल रहा है, और इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी रूस से स्थिति पर स्पष्टता की उम्मीद करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भारत की स्थिति को मजबूत करेगी और भारत-रूस संबंधों को नए आयाम देगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत से क्या परिणाम निकलते हैं और यह भविष्य के लिए क्या संदेश देती है।
  Aditya Amitabh Trivedii
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