उत्तराखंड : कैबिनेट बैठक में लिये गये 6 महत्वपूर्ण निर्णय, महिला-बाल कल्याण से लेकर पर्यटन और स्वास्थ्य क्षेत्र को मिलेगी मजबूती
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Yugvarta
, Jun 11, 2025 03:08 PM 0 Comments
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Dehradun :
देहरादून, 11 जून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सम्पन्न उत्तराखण्ड कैबिनेट बैठक में राज्यहित से जुड़े छह महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। इन निर्णयों से राज्य के बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य व्यवस्था, महिला-बाल विकास, जैव प्रौद्योगिकी तथा पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की उम्मीद है।
बैठक में जैव प्रौद्योगिकी परिषद की विभागीय संरचना को और अधिक व्यावसायिक एवं दक्ष बनाने के लिए पदों की संख्या में कोई बदलाव किये बिना सभी पदों को एकीकृत रूप से रखने और भर्ती स्रोतों में संशोधन की स्वीकृति दी गई। इससे परिषद के संचालन में पारदर्शिता और कुशलता आएगी। वहीं, बागेश्वर जिले में भू-धंसाव से जुड़े जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में 18 अतिरिक्त पद सृजित करने का निर्णय लिया गया, जिससे विभागीय कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और वैज्ञानिक निगरानी को मजबूती मिलेगी।
जनपद देहरादून के विकासनगर एवं सदर तहसील के अंतर्गत बहने वाली आसन नदी के दोनों तटों पर लगभग 53 किलोमीटर क्षेत्र में बाढ़ मैदान परिक्षेत्र अधिसूचना को अंतिम रूप देने की स्वीकृति दी गई। इससे संबंधित क्षेत्रों में नियोजित विकास, पर्यावरण संतुलन और सुरक्षा सुनिश्चित होगी। कैबिनेट ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे चिन्हित क्षेत्रों में एसटीपी, रोपवे टावर, मोबाइल टावर, हाई टेंशन लाइन व एलिवेटेड रोड के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण अनुमन्य रहेगा।
पर्यटन को बढ़ावा देने और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लोक निर्माण विभाग के पांच निरीक्षण भवन—रानीखेत, उत्तरकाशी, दुग्गलबिट्टा, हर्षिल और ऋषिकेश—को पीपीपी मोड में संचालित करने का कार्य यूआईआईडीबी को सौंपा गया है। यह कार्य इस शर्त के साथ होगा कि भवनों से संबंधित भूमि का स्वामित्व लोक निर्माण विभाग के पास ही रहेगा। इससे भवनों का रखरखाव बेहतर होगा, राजस्व में वृद्धि होगी तथा पर्यटकों को भी गुणवत्तापूर्ण आवासीय सुविधा प्राप्त होगी।
स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए कैबिनेट ने राष्ट्रीय सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख वृत्ति आयोग अधिनियम-2021 के अंतर्गत ‘उत्तराखण्ड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद’ के गठन को मंजूरी दी है। यह परिषद allied और healthcare पेशेवरों की शिक्षा, सेवाओं और पंजीकरण से जुड़े सभी पहलुओं को विनियमित करेगी, जिससे पाठ्यक्रमों में मानकीकरण, पारदर्शिता और पंजीकरण प्रक्रिया में एकरूपता सुनिश्चित होगी।
महिलाओं और बच्चों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि’ (कॉर्पस फंड) को स्वीकृति दी है। यह फंड राज्य में महिलाओं एवं बच्चों की सहायता के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतरालों को भरने और आवश्यकता के अनुसार नवाचार योजनाएं लागू करने में उपयोग किया जाएगा। निधि के तहत आपदा अथवा दुर्घटना में अनाथ हुए बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्ध महिलाओं के जीवनयापन के लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी। विदेशी मदिरा और बियर पर उपकर (सेस) से प्राप्त राशि को इस निधि के रूप में उपयोग किया जाएगा।
इन फैसलों से स्पष्ट है कि उत्तराखण्ड सरकार राज्य के समग्र विकास, सामाजिक सुरक्षा, वैज्ञानिक प्रबंधन और बुनियादी ढांचे की मजबूती की दिशा में निरंतर अग्रसर है।