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भय और हिंसा के पर्याय रह चुके क्षेत्र गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में शांति और विकास के पथ पर अग्रसर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
Go Back | Yugvarta , Apr 17, 2025 10:03 PM
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सिरोही। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सशस्त्र बलों के सुरक्षा कर्मियों के त्याग-तप और बलिदान के कारण आज हम सुरक्षित हैं। माइनस 46 डिग्री टेंपरेचर से लेकर प्लस 46 डिग्री टेंपरेचर के अंदर हमारी सीमाओं की सुरक्षा वे अपने जीवन का स्वर्णकाल देकर करते हैं।

शाह गुरूवार को सिरोही के आबूरोड स्थित ब्रह्मकुमारीज हैडक्वार्टर शांतिवन में आयोजित सुरक्षा बल के कर्मियों के लिए आंतरिक जागृति के माध्यम से आत्म-सशक्तीकरण विषयक राष्ट्रीय संवाद के शुभारम्भ के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सुरक्षा कर्मियों के मन, आत्मा और शरीर को शांति का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में कार्य करने के लिए ब्रह्माकुमारीज़ संस्था को साधुवाद दिया।

केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि योग और अध्यात्म से मन-बुद्धि, शरीर और आत्मा को एकरूप करके ज्ञान से प्रगति के रास्ते पर मानवता को आगे ले जाने की भारत की बहुत पुरानी परंपरा है। हम इस परंपरा को आज भी समग्र विश्व में पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। वसुधैव कुटुंबकम की भावना, विश्व को सबसे पहले भारत ने दी।

आजादी की शताब्दी तक हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य

शाह ने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व में पांचवें नंबर का अर्थतंत्र बना है। कुछ ही सालों में देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि जब आजादी का शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विश्व में हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य लेकर हम चल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी परंपराओं में पूरे विश्व को विश्व बंधुत्व की भावना की ओर ले जाने की क्षमता है, हर मानव के अंदर मौजूद आत्मा को परमात्मा के साथ जोड़ने की शक्ति और हर जीवन को सद्वृत्ति की नई राह पर ले जाने की शक्ति है। इन परम्पराओं को इतनी ही तेजी के साथ आगे ले जाना यह भी हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज ने अपने त्याग, तपस्या और तेज से दुनिया भर में सादगी, संयम और सहयोग का एक अद्भुत वातावरण खड़ा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था में मनुष्य के अंदर की सद्वृत्ति को जाग्रत करने का प्रयास अनेक वर्षों से किया जा रहा है। इसके फलस्वरूप मन को अगाध शांति का अनुभव यहां आकर होता है और मैंने आज स्वयं भी यह महसूस किया है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था के संस्थापक पूज्य दादा लेखराज कृपलानी जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जीवन में जब गुरु मिल जाता है तो कई लोगों का जीवन सन्मार्ग पर प्रशस्त हो जाता है। लेखराज कृपलानी जी ने ब्रह्माकुमारी की स्थापना कर हर एक व्यक्ति की आत्मा को ही दीप बनाकर उसके प्रकाश में आगे बढ़ने का बहुत बड़ा आह्वान किया।

उन्होंने राजयोगिनी दादी स्व. रतन मोहिनी जी को नमन करते हुए और राजयोगिनी मोहिनी दीदी को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास प्रकट किया कि वे समाज को सद्वृत्ति की ओर ले जाने वाले इस आंदोलन को उतनी ही ऊर्जा और तत्परता के साथ आगे ले जाएंगी।

शाह देश की सुरक्षा और विकास के दर्शन के प्रमुख शिल्पी : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि यशस्वी केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह देश की सुरक्षा और विकास के दर्शन के प्रमुख शिल्पी हैं। वे सशक्त भारत के निर्माण के लिए देश की सुरक्षा नीति के कुशल सारथी होने के साथ देश की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों के भी संवाहक हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व देश की आंतरिक सुरक्षा, संवैधानिक सुधारों और राष्ट्रीय अखंडता को सशक्त करने वाले कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। अनुच्छेद-370 का स्थायी समाधान कश्मीर घाटी में शांति, नवाचार और प्रगति की नींव रखने वाला ऐतिहासिक कदम है, वहीं नक्सलवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति से भय और हिंसा के पर्याय रह चुके क्षेत्र अब शांति और विकास के पथ पर अग्रसर हैं।

शर्मा ने कहा कि ब्रह्मकुमारीज संस्था ने राजयोग को सहजता के साथ जन-जन तक पहुंचाया है, जो तनावमुक्त जीवन, मानसिक स्वास्थ्य और आत्मबोध का माध्यम बन गया है। उन्होंने राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी को नमन करते हुए कहा कि उनका जीवन त्याग, प्रेम, सेवा, सादगी और आध्यात्मिक अनुशासन की एक अनूठी मिसाल रहा तथा उनके विचार करोड़ों लोगों को प्रेरणा और मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व एकता और विश्वास के लिए ध्यान की राष्ट्रीय थीम वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक और वैश्विक परिदृश्य में अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि जवानों को शारीरिक सामर्थ्य के साथ एक शांत और स्थिर चित्त की जरूरत होती है और यह शक्ति उन्हें ध्यान एवं योग से मिलती है। शांति और सद्भाव की यह तपोभूमि आंतरिक जागृति के माध्यम से हमारे बहादुर जवानों के आत्म-सशक्तीकरण से जुड़े राष्ट्रीय संवाद को और प्रभावी बनाएगी।
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