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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: नए भारत को गढ़ती आधी आबादी
Go Back | Yugvarta , Mar 07, 2025 08:37 PM
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News Image Lucknow :  लखनऊ, 7 मार्च : नए भारत का यह अमृत काल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आधी आबादी के जरिए नया रूप लेता जा रहा है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण लोकसभा चुनाव 2024 में आधी आबादी ने मोदी को जिताया और आधी आबादी ने हीं हरियाणा महाराष्ट्र और दिल्ली में बीजेपी को जीत दिलाई। प्रधानमंत्री मोदी ने भी आधी आबादी का कर्ज उतारते हुए राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू से लेकर रेखा गुप्ता तक महिलाओं को तवज्जो दी।
आप याद कीजिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस पद पर बैठने के बाद विपक्ष ने कितना हो हल्ला मचाया और उनके प्रति अमर्यादित शब्दों का

देश में अगर अहम नेतृत्व ही महिलाओं से हो तो उस देश की ताकत को कोई नहीं रोक सकता

सुविधा, सुरक्षा और अवसर समान, आधी आबादी का पूरा सम्मान

इस्तेमाल तक कर डाला कांग्रेस ने। लेकिन नारी शक्ति चट्टान की तरह खड़ी रही आइए आपको याद कराते हैं की नारी शक्ति के लिए जब मोदी ने सस्ती दरों पर रसोई सिलेंडर घर-घर तक बिजली पहुंचाई और सरकारी मदद से घर बनवा कर दिए तो नारी की ममता ने बीजेपी और मोदी को जीत के रूप में बार-बार आशीर्वाद दिया जैसे ही मोदी ने नारा दिया बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वैसे ही महिलाओं ने अपनी बेटियों को पढ़ने के लिए अपने-अपने घरों से मुहिम चला दी और आज बेटियां एयर फोर्स से लेकर चंद्रमा पर यान उतारने तक हर क्षेत्र में विकसित भारत को विकास की नई सीढियां चढ़ा रही हैं यहां तक की अब सेना में भी महिलाएं कमीशंड  अधिकारी बन रही हैं यह मोदी की ही देन है।

मोदी ने महिलाओं का साथ देकर समाज को बार-बार चौकया है इसकी सबसे बड़ी मिसाल दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता है किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि उनको मुख्यमंत्री बनाया जाएगा इसी तरीके से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने महिलाओं को ताकत देने के लिए तीन तलाक खत्म किया सदन में स्टार्टअप योजनाओं के बिल पास करवाये महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी की और महिलाओं को अपना व्यापार शुरू करने के लिए सस्ती दरों पर लोन मुहैया कराने की व्यवस्था की यह मोदी ही हैं जिन्होंने नारी की शक्ति को समझा, और कहा , कि भारत का विकास बगैर आधी आबादी के नहीं हो सकता इसके लिए उन्होंने सदन में महिला आरक्षण बिल तक पेश किया जिसका विपक्षी दलों ने बहुत विरोध भी किया। आज संसद में महिला सांसद हैं जिनकी गिनती लोकसभा में 74 और राज्यसभा मे 39 है।
मोदी की कैबिनेट में देश का वित्त मंत्रालय निर्मला सीतारमण संभालती हैं और यह तो सबको पता है महिलाओं से अच्छा घर का बजट कोई नहीं बना सकता आज देश की आर्थिक ताकत दुनिया में पांचवें नंबर की है जो मोदी के विजन और निर्मला सीतारमण की मेहनत से है। आपको बताते चले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में वर्तमान में कुल 7 महिला मंत्री हैं। कैबिनेट मंत्री: निर्मला सीतारमण ,अन्नपूर्णा देवी, राज्य मंत्री: अनुप्रिया पटेल, शोभा करंदलाजे, रक्षा खडसे, सावित्री ठाकुर, निमुबेन बांभनिया।
आज मोदी को चुनौती भी तीन महिलाओं से ही मिल रही है पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और विपक्ष में सोनिया गांधी और उनकी बेटी प्रियंका गांधी अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं लेकिन आधी आबादी के ही आशीर्वाद से मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री हैं सदन में 240 सीट लेकर बीजेपी भले ही गठबंधन से बहुमत में है लेकिन देश के 19 राज्यों में उसकी सरकार आधी आबादी की भागीदारी से है मोदी ने महिलाओं को आगे बढ़ाया और युवाओं पर भरोसा किया तो उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्या ने उन्हें निराश नहीं किया और 38 में राष्ट्रीय खेलों का खेल मंत्री के रूप में सफल आयोजन कर उन्होंने साबित कर दिया महिलाएं बेहतर आयोजन करती हैं इसके बाद उन्होंने मां गंगा से हरिद्वार में पूजा कर साथ देने के लिए आभार व्यक्त करते हुए आशीर्वाद लिया और फिर उन्होंने सपरिवार कुंभ में जाकर त्रिवेणी में स्नान भी किया इससे साबित होता है महिलाएं सरकार भी चला सकती हैं और परिवार भी इतना ही नहीं मोदी ने बांसुरी स्वराज पर भी भरोसा जताया और उन्होंने अपनी सीट जीत कर देश की संसद की शोभा बढ़ाई । बात उत्तराखंड के जिक्र की है तो विधानसभा की स्पीकर रितु भूषण खंडूरी को कैसे भूला जा सकता है उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए अवैध नियुक्तियों को खत्म किया और वैधता के साथ नई नियुक्तियां कर विधानसभा को पूर्णतया इलेक्ट्रॉनिक बना दिया यानी पेपरलेस और उन्हें इस बात पर गर्व है जब वह सदन चलती हैं तो सदन में कार्य होता है मर्यादा कायम रहती है विधायकों ने हेड मास्टरनि कहते हैं और उसे वह इसे गर्व से स्वीकार करती हैं।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी महिलाओं के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ा , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में वर्तमान में 5 महिला मंत्री शामिल हैं। इनमें बेबी रानी मौर्य कैबिनेट मंत्री के रूप में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग का कार्यभार संभाल रही हैं। गुलाब देवी को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में माध्यमिक शिक्षा विभाग सौंपा गया है। इसके अलावा, प्रतिभा शुक्ला, रजनी तिवारी और विजय लक्ष्मी गौतम राज्यमंत्री के पद पर कार्यरत हैं। यूपी की विधानसभा 47 महिला विधायक है, और उत्तर प्रदेश की गवर्नर भी आनंदीबेन पटेल भी एक महिला है और मेयर सुषमा खर्कवाल भी एक महिला है ।
इतना ही नहीं उत्तराखंड की अर्थ को मर्दों से कंधे से कंधा मिलाते हुए नारी शक्ति ने ही संभाल रखा है इसके लिए वह शाबाशी की पात्र हैं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से वे खेती करने के साथ-साथ पशुपालन मत्स्य पालन तो कर ही रही हैं एलइडी लाइट्स बनाने के साथ-साथ हथकरघा उद्योग में भी हाथ आजमा रही हैं चारों धाम का प्रसाद और भगवान के कपड़े भी वही बनाती हैं।
यहां तक की उत्तराखंड की चीफ सेक्रेटरी भी राधा रतूड़ी एक महिला है देश में कुल 543 लोकसभा सांसद हैं. अभी पिछले बरस अप्रैल से जून के बीच हुए आम चुनाव में 74 महिला सांसद चुनी गईं. इस तरह, 17वीं लोकसभा की तुलना में मौजूदा लोकसभा में (18वीं लोकसभा) महिला सांसदों की संख्या बढ़ने की बजाय कम ही हो गई. अगर प्रतिशत में बात करें तो आधी आबादी का प्रतिनिधित्व मौजूदा लोकसभा में 14 फीसदी से भी कुछ कम है. 2019 के आम चुनाव के बाद 78 महिलाएं संसद पहुंची थीं.
भारत वर्ष हमेशा से ही विदुषी महिलाओं के लिए जाना जाता रहा है भारत में अब तक 17 महिला मुख्यमंत्री रह चुकी है-
1. सुचेता कृपलानी (उत्तर प्रदेश): अक्टूबर 1963 से मार्च 1967 तक।
2. नंदिनी सत्पथी (ओडिशा): जून 1972 से मार्च 1973 और मार्च 1974 से दिसंबर 1976 तक।
3. शशिकला काकोडकर (गोवा): अगस्त 1973 से अप्रैल 1979 तक।
4. सैयदा अनवरा तैमूर (असम): दिसंबर 1980 से जून 1981 तक।
5. जानकी रामचंद्रन (तमिलनाडु): जनवरी 1988 (23 दिन)।
6. जे. जयललिता (तमिलनाडु): पांच कार्यकाल: जून 1991 से मई 1996, मई 2001 से सितंबर 2001, मार्च 2002 से मई 2006, मई 2011 से सितंबर 2014, मई 2015 से दिसंबर 2016 तक।
7. मायावती (उत्तर प्रदेश): चार कार्यकाल: जून 1995 से अक्टूबर 1995, मार्च 1997 से सितंबर 1997, मई 2002 से अगस्त 2003, मई 2007 से मार्च 2012 तक।
8. राजिंदर कौर भट्टल (पंजाब): जनवरी 1996 से फरवरी 1997 तक।
9. राबड़ी देवी (बिहार): तीन कार्यकाल: जुलाई 1997 से फरवरी 1999, मार्च 1999 से मार्च 2000, मार्च 2000 से मार्च 2005 तक।
10. सुषमा स्वराज (दिल्ली): अक्टूबर 1998 से दिसंबर 1998 तक।
11. शीला दीक्षित (दिल्ली): दिसंबर 1998 से दिसंबर 2013 तक।
12. उमा भारती (मध्य प्रदेश): दिसंबर 2003 से अगस्त 2004 तक।
13. वसुंधरा राजे (राजस्थान): दो कार्यकाल: दिसंबर 2003 से दिसंबर 2008 और दिसंबर 2013 से 2018 तक।
14. ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल): मई 2011 से वर्तमान तक।
15. आनंदीबेन पटेल (गुजरात): मई 2014 से अगस्त 2016 तक।
16. महबूबा मुफ्ती (जम्मू और कश्मीर): अप्रैल 2016 से जून 2018 तक।
17. रेखा गुप्ता (दिल्ली): फरवरी 2025 से वर्तमान तक।

लोकसभा में महिला सदस्यों का प्रतिशत वर्ष 2004 तक 5-10% से बढ़कर वर्तमान 18वीं लोकसभा में 13.6% हो गया है
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