उत्तराखंड समाचार : समान नागरिक संहिता पर कार्यशाला: सामाजिक अधिकारों और विधिक पहलुओं पर चर्चा
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Yugvarta
, Jan 22, 2025 08:44 PM 0 Comments
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Dehradun :
देहरादून, 22 जनवरी : पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के विषय पर एक महत्वपूर्ण वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि व पदाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग कर अपने-अपने विचार रखे और विभिन्न विधिक बिन्दुओं पर चर्चा की गई।
निवेदिता कुकरेती, पुलिस उप महानिरीक्षक/ अपर सचिव गृह उत्तराखण्ड शासन ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के विधिक बिन्दुओं- विवाह, विवाह विच्छेद, विल, सहवासी सम्बन्ध, के पंजीकरण की अनिवार्यता, व उसकी प्रक्रिया पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। साथ ही संहिता के विधिक प्रावधानों के उल्लंघन के दाण्डक परिणामों के बारे में बताया गया। संहिता को लागू करने व उसकी प्रक्रिया के तहत सम्बन्धित पदाधिकारियों के दायित्व व कर्तव्यों पर भी जानकारी दी गई।
वर्कशॉप के दौरान विभिन्न समुदाय के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने संहिता के लागू होने पर उनके अपने सामाजिक अधिकार से जुड़े बिन्दुओं पर प्रश्न कर परिचर्चा में सक्रिय भाग लिया। विधिक जानकारों ने उनके प्रश्नों का उत्तर देकर यह स्पष्ट किया कि संहिता द्वारा सभी धर्म व समुदाय के सामाजिक अधिकारों में सामंजस्य स्थापित करते हुए एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है। इस संहिता से समाज में समन्वय व एकरूपता स्थापित होगी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए और उत्तराखंड में कानून के बेहतर क्रियान्वयन के लिए उपयोगी सुझाव भी दिए।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड दीपम सेठ ने कहा कि संहिता के लागू होने से इसके दाण्डिक परिणामों के सापेक्ष पुलिस के कर्तव्य और लोगों के विधिक अधिकारों पर प्रभाव को समझने के लिए भविष्य में भी इस तरह की वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी, ताकि लोगों की शंकाएं दूर की जा सकें और उन्हें संहिता के संबंध में जागरूक किया जा सके।
वर्कशॉप में वी0 मुरूगेशन (अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था), ए पी अंशुमान (अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन / अभिसूचना एवं सुरक्षा), समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण सहित मुफ्ती शमून कासमी (अध्यक्ष उत्तराखण्ड मदरसा शिक्षा बोर्ड), नदीम जैदी (सदस्य वक्फ ट्रिब्यूनल), जावेद अहमद (सहायक अभियोजन अधिकारी), सीमा जावेद (पूर्व सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग), गुरबक्श सिंह राजन (प्रधान श्री गुरु सिंह सभा), गुरजिंदर आनंद, सैमुअल पॉल लाल (अध्यक्ष उत्तराखण्ड क्लर्जी फैलोशिप), अभिनव जैकब (Father Church Nehrugram), देवेंद्र भसीन (पूर्व प्रचार्य डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून), प्रोफेसर सत्यव्रत त्यागी (डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून), अरुण कुमार रतूडी (डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून), सुनील मैसोन (दून उद्योग व्यापार मंडल नेता), गीता जैन (प्रिंसिपल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज), गीता खन्ना (अध्यक्ष राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग) सम्मिलित रहे।