मानसून ऑफ़र: सौ लाओ, सरकार बनाओ!

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2024 बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा चुनौती और समस्या को कैसे समाधान में परिवर्तित करता है यह आने वाले कुछ दिनों में दिखाई पड़ेगा लेकिन आरएसएस प्रमुख से लेकर और जिला स्तर की छोटी इकाइयां तक इस वक्त विरोध के स्वर में बोल रही हैं आपको बताते चलें इस वक्त लखनऊ से लेकर दिल्ली तक और पटना से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक हल्का प्रशासनिक गलियारों में सर गर्मी तेज है और योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के उपचुनावों के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं में दम भरने के साथ हर व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त कर मेहनत कर रहे हैं जिससे कि बेहतर नतीजे बीजेपी को मिल सके।" />
 
 
 
 
     
 
 
  » सम्पादकीय
BJP INTERNAL CLASH : अपनों की चुनौती और विपक्ष के हमले से कैसे निपटेगी भाजपा ?
Go Back | Prakhar Mishra and Aditya A Trivedii , Jul 18, 2024 04:55 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image लखनऊ : 
-प्रखर मिश्रा एवं आदित्य॰ए॰त्रिवेदी
लखनऊ 18 जुलाई : हाल ही में संपन्न हुए 2024 लोकसभा चुनाव के जो नतीजे आए इसके बाद भाजपा बैक फुट पर है और डैमेज कंट्रोल करने के साथ-साथ पार्टी में चल रहे अंदरूनी विरोध और कलह को समाप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश बिहार उत्तराखंड समेत अपनी सभी प्रादेशिक इकाइयों को मजबूत करने में जुटी है उसकी मुख्य वजह बीजेपी को अपने दम पर केंद्र में बहुमत न मिलना रहा है हालांकि एनडीए की सरकार सत्ता में तीसरी बार आ गई लेकिन इस वक्त वह सहयोगी दलों के दबाव में है।

विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह जादू बरकरार नहीं रह सका जो कि इससे पहले के दो लोकसभा चुनाव में था, राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण भी बीजेपी के लिए जीत का सहारा ना बन सका और इस बीच अलग-अलग प्रदेशों से संगठन में उठ रही बगावत और विरोधी सुरों की वजह से बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व मंथन चिंतन और दबाव में है अब देखना यह है कि 2027 के उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी क्या रणनीति अपनाती है क्योंकि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और योगी आदित्यनाथ के बीच के रिश्ते जग जाहिर है योगी और मौर्य के बीच 36 का आंकड़ा है संबंध में शीर्ष नेतृत्व ने मौर्य को दिल्ली तलब कर रखा है अंदर खाने सूत्रों का कहना है की लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जितना बड़ा नुकसान उठाया है इसका ठीकरा किसी न किसी के सर पर तो फोड़ा ही जाएगा अब देखना है बली का बकरा कौन बनता है बीजेपी का एक धड़ा योगी के कामकाज के तरीके से बहुत ज्यादा नाराज है क्योंकि उनके कार्यकाल में विधायकों कार्यकर्ताओं और सांसदों की अधिकारी सुनते नहीं है हद तो यह हो गई है कि मंत्री भी अपने आप को ठगा हुआ महसूस करते हैं दूसरी तरफ बीजेपी में जनता की लोकप्रियता का गिरता हुआ ग्राफ चिंता का विषय है क्योंकि बीजेपी के कई नेताओं ने हाल ही में संपन्न हुई पार्टी की बैठकों में अपनी नाराजगी जताई है।

बीजेपी की मुख्य चुनौतियां इस वक्त उसके लिए सर का दर्द बनी हुई है विशेष तौर पर बेरोजगारी, प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर का लीक होना , महंगाई, किसान समाज की नाराजगी और देश की बाहरी ताकतों का बीजेपी को अस्थिर करना है। जब से केंद्र में तीसरी बार बीजेपी की सरकार आई है तब से ही आतंकवाद तेजी से बड़ा है देखना है बीजेपी जो की एक अनुशासित पार्टी है चाल चरित्र चेहरा और नीति पर काम करने वाली है वह कैसे अपने संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ एक सूत्र में बांधने में कामयाब होती है क्योंकि जातिगत समीकरणों के हिसाब से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वर्ग और पिछड़ा वर्ग बीजेपी से नाराज नजर आ रहा है क्योंकि इस मामले में बीजेपी को समर्थन दे रही अपना दल पार्टी की प्रमुख अनुप्रिया पटेल भी पत्र लिखकर नाराजगी जाता चुकी हैं क्योंकि विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि पिछड़े वर्ग के साथ न्याय नहीं हो रहा है और योगी आदित्यनाथ पिछड़ों को रिक्त पदों पर नौकरियां देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं और सामान्य युवा वर्ग भी उनसे नाराज है विपक्ष इस बात को लगातार पूर जोर स्वर में उठा रहा है बीजेपी के नेताओं कार्यकर्ताओं और विधायकों का तो यहां तक आरोप है कि मुख्यमंत्री आवास अधिकारी उनके काम नहीं करते हैं और उनको मुख्यमंत्री के पैर छूने के निर्देश देते हैं।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि संगठन, सरकार से ऊपर होता है। कोई व्यक्ति या सरकार संगठन से बड़ा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि बड़े पेड़ की टहनी से जब कुल्हाड़ी बनती है तभी वो पेड़ काटा जा सकता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं की समस्याओं का जिक्र किया और कहा कि जो दर्द आपका (कार्यकर्ता) है, वही दर्द हमारा भी है। केशव मौर्य ने कार्यकर्ताओं के मन की बात पर तालियां तो खूब बटोरीं, लेकिन उनका संबोधन कई सवाल भी छोड़ गया।

केशव प्रसाद मौर्य ने करीब दो साल बाद एक बार फिर संगठन को सरकार से बड़ा बताया है। व्यावहारिक तौर पर तो केशव का बयान सही है, लेकिन मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में इस बयान ने असंतुष्टों के लिए मुखर होने का मौका दे दिया है। बीजेपी नेता ही नहीं बल्कि सहयोगी दल के नेताओं ने भी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। निषाद पार्टी के संजय निषाद ने भी सरकार के कामकाज पर आपत्ती जताई और कहा कि अगर लोगों के घरों पर बुलडोजर चलेंगे तो हम कैसे जीतेंगे
विरोधी स्वरों पर योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा बीजेपी के कार्यकर्ता को बैक फुट पर जाने की जरूरत नहीं है 2022 का विधानसभा चुनाव याद कीजिए जब विपक्ष बहुत ज्यादा उछल कूद कर रहा था कुला मचा रहा था और मारपीट की नौबत तक पर उतर आया था तब भी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया था और पूरे राज्य को यह पता चल गया था कि स्वच्छ और मजबूत सरकार ही उत्तर प्रदेश के स्वरूप को बदल सकती है हम उत्तर प्रदेश को एक नई राह पर ले जा रहे हैं और 2027 तक यह मूमेंट और मोमेंटम जारी रहेगा।

इसी बीच सपा अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया ऐप ‘एक्स’ पर लिखा मानसून ऑफ़र: सौ लाओ, सरकार बनाओ! -
समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव भाजपा के ऊपर तंज कसने में कभी कोई कमी नहीं छोड़ते, इतने राजनीतिक ऊहापोह के बीच उन्होंने सोशल मीडिया ऐप ‘एक्स’ पर लिखा की “मानसून ऑफर : सौ लाओ सरकार बनाओ”, अखिलेश का यह ट्वीट उनकी भाजपा के दो-फाड़ करने की मानसिकता को साफ़ ज़ाहिर करता है।
राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि यदि भाजपा में कोई भी नेता 100 विधायकों का समर्थन जुटा लेता है, तो सपा उसे मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन दे सकती है। इसे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जोड़कर देखा जा रहा है।
इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक चर्चाओं के बीच दिल्ली से केशव प्रसाद मौर्य के लखनऊ लौटने पर अखिलेश यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा है, "लौट के बुद्धू घर को आए।"


बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा चुनौती और समस्या को कैसे समाधान में परिवर्तित करता है यह आने वाले कुछ दिनों में दिखाई पड़ेगा लेकिन आरएसएस प्रमुख से लेकर और जिला स्तर की छोटी इकाइयां तक इस वक्त विरोध के स्वर में बोल रही हैं आपको बताते चलें इस वक्त लखनऊ से लेकर दिल्ली तक और पटना से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक हल्का प्रशासनिक गलियारों में सर गर्मी तेज है और योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के उपचुनावों के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं में दम भरने के साथ हर व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त कर मेहनत कर रहे हैं जिससे कि बेहतर नतीजे बीजेपी को मिल सके।
  Prakhar Mishra and Aditya A Trivedii
Previous News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT




Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
Devotional atmosphere fills Gorakhnath Temple as CM
कुंभ की संवाद परंपरा को पुनर्जीवित कर
A society that respects women is capable
जम्मू-कश्मीर .उमर अब्दुल्ला, चुने गए विधायक दल
अखिलेश यादव को JNPC जाने से रोकने
सीएम योगी ने बेटियों के पांव पखार
 
 
Most Visited
टूटते-झड़ते बालों के लिए घर पर ही
(3278 Views )
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर (मॉडल हाउस) में
(840 Views )
UP Board Result 2024: 10वीं और 12वीं
(824 Views )
राम नवमी में श्री रामलला का जन्मोत्सव
(746 Views )
भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख
(714 Views )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभल में किया
(675 Views )