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सबसे किफायती कार्बन कैप्चर प्रौद्योगिकी की गति को विस्तार देने के लिए सीवार ने जिंदल स्टील एंड पॉवर (जीएसपी) समूह के साथ की साझेदारी
Go Back | Yugvarta , Aug 08, 2023 05:54 PM
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News Image Lucknow :  नई दिल्ली, 8 अगस्त 2023: भारतीय मूल की टीम के नेतृत्व वाले एक अमेरिकी स्टार्टअप सीवार ने कार्बन डाई ऑक्साइड (सीओटू) को कैप्चर करने की अमाइन-मुक्त एक नई प्रक्रिया विकसित की है। इससे कार्बन कैप्चर प्रणाली की लागत घटकर 17 डॉलर प्रति टन सीओटू पहुंच जाने की उम्मीद है। यह सफलता बिजली संयंत्रों सहित विभिन्न उद्योगों में इमीशन कैप्चर सिस्टम लगाने में सीवार के व्यापक अनुभवों का नतीजा है। दक्षिणी कैलिफोर्निया स्थित इस कंपनी को 2007 में भारतीय मूल के एक अनुभवी कैमिकल इंजीनियर ने स्थापित किया था, जिसके पास इमीशन कैप्चर प्रणालियों में 53 वर्षों का अनुभव है।

सीवार

_स्टार्ट-अप सीवार का लक्ष्य कार्बन कैप्चर की मौजूदा व्यवसायिक लागत को घटाकर एक-तिहाई करना है_

ने कार्बन कैप्चर की किफायती और गैर-विषाक्त तकनीक के प्रायोगिक परीक्षण के लिए जिंदल स्टील एंड पॉवर (जीएसपी) समूह के साथ साझेदारी की है। इसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी के तकनीकी और व्यवसायिक संभावनाओं को साबित करना है। प्रायोगिक परीक्षण सफल होने पर यह प्रौद्योगिकी वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन घटाने में गेम-चेंजर साबित होगी। इसके साथ सीवार ने 2030 तक 250 मिलियन टन सीओटू को कैप्चर करने, भंडारित करने और दोबारा उपयोग में लाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया है, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में बहुत ज्यादा असरदार होगा।

*श्रेयस चिपलकट्टी, सीईओ, सीवार एलसीसी*, ने कहा, “ऊर्जागत परिवर्तन जारी है, लेकिन परिणाम आने में समय लगेगा। ऐसे में सीवार की कार्बन कैप्चर की अग्रणी तकनीक मौजूदा ऊर्जा बुनियादी ढांचे में कोई व्यवधान पैदा किए बगैर जीवाश्म ईंधन को जिम्मेदारीपूर्ण तरीके से उपयोग करने की सुविधा देती है। सबसे किफायती तरीके से सीओटू को कैप्चर करके, सीवार एक नई कार्बन अर्थव्यवस्था की शुरुआत को संभव बनाता है, जिसमें सिंथेटिक ईंधन, मिट्टी पुनर्जनन और खाद्य सुरक्षा जैसे लाभ शामिल हैं। भारत की जी20 अध्यक्षता ने पर्यावरण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। हम साझेदारी के लिए सीईईडब्ल्यू और जेएसपी समूह के आभारी हैं, जो भारत के कार्बन प्रबंधन नेतृत्व को मदद करेंगे।”

*देबाशीष मैती, एग्जीक्यूटिव वाइस-प्रेसिडेंट, जेएसपी समूह*, ने कहा, “जिंदल स्टील एंड पॉवर समूह शुरुआत से ही नई और पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने में अग्रणी रहा है। जेएसपी समूह ने भारत में लौह और इस्पात जैसे मुश्किल क्षेत्र में डिकार्बोनाइजेशन की पहल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्बन घटाने, कार्बन से बचने और कार्बन रिसाइकिल करने जैसे उपायों से अपने कार्बन फुट प्रिंट में कमी लाने के कई प्रयास किए हैं। हमें यकीन है कि सीओटू को कैप्चर करने की लागत घटने से कार्बन का उपयोग बढ़ेगा और इससे तेज रफ्तार से नेट जीरो लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी।”
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