Go Back |
Rupali Mukherjee
, Mar 08, 2023 04:44 PM 0 Comments
0 times
0
times
Lucknow : होली आपके जीवन में नया संचार लाने वाली होगी. कहते है कि होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं. इस दिन सारे गिले शिकवे भूल के दोस्त दुश्मन भी गले मिल जाते हैं.
पौराणिक कथा एवं पुराणों के अनुसार रंग वाली होली खेलने का संबंध भगवान श्रीकृष्ण और ब्रज की किशोरी राधा रानी से है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण ने ग्वालों के संग मिलकर होली खेलने की प्रथा शुरू की थी। यही कारण है कि आज भी ब्रज में धूमधाम से होली खेली जाती है। लड्डू होली, फूलों की होली, लट्ठमार होली,
आज भी ब्रज में धूमधाम से होली खेली जाती है। लड्डू होली, फूलों की होली, लट्ठमार होली, रंग और अबीर की खेली जैसे कई नामों से इस उत्सव को मनाया धूमधाम से जाता है।
रंग और अबीर की खेली जैसे कई नामों से इस उत्सव को मनाया धूमधाम से जाता है।
प्राचीन किंवदंतियों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का रंग सांवला था और राधा रानी गोरी थीं। इस बात की शिकायत श्री कृष्ण ने मैया यशोदा से कई बार की और मैया उन्हें समझा-बुझाकर टालती रहीं। लेकिन जब वह नहीं माने तो मैया ने यह सुझाव दिया कि जो तुम्हारा रंग है, उसी रंग को राधा के चेहरे पर भी लगा दो। तब तुम्हारा और राधा का रंग एक जैसा हो जाएगा। नटखट कृष्ण को मैया का यह सुझाव बहुत पसंद आया और उन्होंने मित्र ग्वालों के संग मिलकर कुछ अनोखे रंग तैयार किए और ब्रज में राधा रानी को रंग लगाने पहुंच गए। श्री कृष्ण ने साथियों के साथ मिलकर राधा और उनकी सखियों को जमकर रंग लगाया। ब्रज वासियों को उनकी यह शरारत बहुत पसंद आई और तब से रंग वाली होली का चलन शुरू हो गया। जिसे आज भी उसी उत्साह के साथ खेला जाता है।
अन्य देशों में होली
पूरे देश में लोग अलग-अलग तरीकों से इस त्योहार को सेलिब्रेट करते हैं। रंगों के अलावा लोग फूलों और लट्ट से भी इस त्योहार को मनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के अलावा विदेशों में होली का त्योहार मनाया जाता है।
म्यांमार
भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में होली से मिलता-जुलता एक त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को वहां मेकांग या थिंगयान नाम से जाना जाता है। हालांकि, यहां रंगों की जगह पानी से इस त्योहार को मनाया जाता है। वहां के लोग एक-दूसरे पर पानी की बौछार करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा करने से सभी के सारे पाप धुल जाते हैं। बीते कुछ समय यहां के लोग पानी के साथ ही रंगों से भी होली खेलने लगे हैं।
नेपाल
भारत के कई त्योहारों की झलक पड़ोसी देश नेपाल में भी देखने को मिलती है। नेपाल में होली को फागु पुन्हि कहा जाता है। हफ्तेभर चलने वाले इस त्योहार की शुरुआत महल में एक बांस का स्तंभ गाड़कर होती थी। पहाड़ी इलाकों में जहां इस त्योहार को भारत की होली से एक दिन पहले मनाया जाता है, तो वहीं, तराई की होली भारत के साथ बिल्कुल भारत जैसी ही होती है।
अफ्रीका
अफ्रीकी देशों में होली का त्योहार मनाया जाता है। यहां पर होलिका दहन जैसी एक परंपरा भी मनाई जाती है, जिसे स्थानीय लोग ओमेना बोंगा के नाम से जानते हैं। लोग इसे जलाकर अन्न देवता को याद करते हैं। साथ ही रातभर इस आग के चारों तरफ नाचते-गाते और जश्न मनाते हैं।
थाईलैंड
थाईलैंड में होली का यह पर्व सांग्क्रान के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन यहां के लोग बौद्ध मठों में भिक्षुओं से आशीर्वाद लेते हैं। साथ ही इस दिन यहां एक-दूसरे पर इत्र वाला पानी डालने की भी परंपरा है।
मॉरिशस
अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में मशहूर मॉरिशस में होली का त्योहार बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाता है। यह पर्व यहां पूरे एक महीने के लिए चलता है। साथ ही यहां भी होलिका दहन भी किया जाता है। इस दौरान यहां आने वाले पर्यटक भी इस उत्सव का हिस्सा बनते हैं।