» सम्पादकीय
India Taiwan Policy: क्‍या है भारत की 'ताइवान नीति', मोदी सरकार के सत्‍ता में आने पर आया बड़ा बदलाव
Go Back | Yugvarta , Aug 05, 2022 03:59 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image New Delhi :  भारत का अभी तक ताइवान के साथ कोई औपचारिक व कूटनीतिक संबंध नहीं है। भारत ‘वन चाइना पालिसी’ को ही मान्यता देता है। इसके पीछे कारण यही है कि पहले से ही चीन के साथ सीमा विवादों में घिरा भारत, चीन को ताइवान के मुद्दे पर भड़काना नहीं चाहता हैं। परंतु धीरे-धीरे भारत ने अपनी नीति बदली है। दिसंबर 2010 में चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ जब भारत की यात्र पर आए थे, तब जारी किए गए संयुक्त दस्तावेज में भारत ने ‘वन चाइना पालिसी’ के समर्थन की बात का उल्लेख नहीं किया गया था।

बीजिंग ने भारत को अपना संदेश

China Taiwan Tension दो अगस्त को ताइवान पहुंचीं अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी (मध्य में) ने बढ़ाई चीन की चिंता। भारत ताइवान के साथ व्यापारिक आर्थिक संबंधों को बनाए रखना चाहता है। जानिए क्‍या है भारत की ताइवान नीति।

दे रखा है कि अगर वह ‘वन चाइना पालिसी’ को बनाए रखता है, तो इससे दोनों देशों के बीच में पारस्परिक विश्वास बढ़ेगा, लेकिन हाल के समय में भारत ने इस पालिसी का समर्थन करने की बात को ठुकरा दिया है, क्योंकि बीजिंग ने भी चीन की यात्रा करने वाले जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को नार्मल वीजा की जगह नत्थी वीजा जारी किया था, जो बात भारत को पसंद नहीं आई।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में भारत के नवनियुक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में ताइवान के एंबेसडर और तिब्बत के राष्ट्रपति को भी आमंत्रित किया गया था और इसके माध्यम से भारत ने चीन को एक संदेश दे दिया था। भारत ताइवान के साथ व्यापारिक आर्थिक संबंधों को बनाए रखना चाहता है। व्यापार, निवेश, पर्यटन, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच गहरे संबंध हैं।

ताइवान की राजधानी ताइपेई में भारत का एक कार्यालय है जो कूटनातिक कार्यों को संपन्न करता है। इसके अलावा एक इंडिया ताइपेई एसोसिएशन और ताइपेई इकोनमिक एवं कल्चरल सेंटर भी है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। इन दोनों संस्थाओं के जरिए भारत और ताइवान के संबंधों को मजबूती देने की कोशिश की जाती है। बीते वर्षों चीन द्वारा गलवन घाटी में हमले के बाद भारत ने ताइवान में अपने नए राजदूत को भी नियुक्त किया था। चूंकि भारत क्वाड, इंडो पेसिफिक इकोनमिक फ्रेमवर्क जैसे संगठनों समेत प्रशांत महासागरीय सुरक्षा के अभ्यासों का भी हिस्सा है। इसलिए उसका दायित्व बनता है कि वह ताइवान मसले पर बेहतर रणनीति बनाकर आगे बढ़े।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT




Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
प्रधानमंत्री ने दिया हैं विकास, सुरक्षा और
UP के 08 लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रों
चारधाम यात्रा के लिए जारी हुई SOP,
Lok Sabha Election / EVM को लेकर
Metro In Dino Postponed: अनुराग बसु की
Lok Sabha Election / गुजरात की गांधी
 
 
Most Visited
भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख
(464 Views )
ऋषिकेश रैली में अचानक बोलते हुए रुक
(451 Views )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभल में किया
(446 Views )
MI vs RCB / आरसीबी के खिलाफ
(401 Views )
Lok Sabha Elections / अभी थोड़ी देर
(366 Views )
Lok Sabha Election 2024: BJP
(357 Views )