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UCC से खुला समानता का रास्ता, बाबा साहेब के सपनों को साकार कर रहा उत्तराखंड : धामी
Go Back | Yugvarta , Apr 14, 2025 04:28 PM
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News Image Haridwar : 
हरिद्वार, 14 अप्रैल : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर महामंच द्वारा हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर हरिद्वार में बी.एच.ई.एल मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें चिलचिलाती धूप में बड़ी संख्या में स्थानीय जनता की जोशपूर्ण मौजूदगी रही।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सम्मान के लिए आभार जताते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में उमड़ी जनता से जाहिर है कि जनता ने इस साहसिक फैसले पर अपना भरोसा जता दिया है।

उन्होंने कहा कि यह सम्मान सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि उस विचारधारा को था जिसने वर्षों से भारतीय समाज में न्याय और समानता की आवाज़ बुलंद की है।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने बाबा साहेब को एक युगदृष्टा बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर इस बात में विश्वास रखते थे कि जब तक देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्राप्त नहीं होते, तब तक समाज में सच्ची समानता संभव नहीं है। यही सोच थी, जिसने उन्हें समान नागरिक संहिता जैसी क्रांतिकारी अवधारणा को संविधान में स्थान देने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार ने सिर्फ एक कानून नहीं लागू किया, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्षों तक बाबा साहेब की उपेक्षा की गई, उनके विचारों को हाशिए पर रखा गया, जबकि आज का भारत उनके सपनों को अपनाने की ओर अग्रसर है। यह नया भारत है — जो न सिर्फ अपनी विरासत को सम्मान देता है, बल्कि साहसिक निर्णय लेकर नए मानदंड भी स्थापित करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में उमड़ी यह भीड़ केवल उपस्थित लोगों का जमावड़ा नहीं है— यह एक जनआवाज़ है, जो कह रही है कि मुख्यमंत्री धामी के फैसलों पर जनता का भरोसा है और अब यह गूंज उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश में सुनाई दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति ने मिलकर यह ऐतिहासिक निर्णय संभव किया है।

उत्तराखंड आज एक बार फिर देश को दिशा दिखा रहा है — जहां समानता अब सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि कानून की शक्ल में ज़मीन पर उतर चुकी है। यह सिर्फ एक कानून लागू करने की बात नहीं, यह एक नए भारत की ओर बढ़ाया गया निर्णायक कदम है।

मुख्यमंत्री धामी ने आने वाली पीढ़ी को अनुसूचित समाज का उद्धार करने वाले समाजसेवकों के जीवन चरित्र और भारतीय संविधान की जानकारी देने हेतु हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल के निर्माण की घोषणा की। साथ ही अनुसूचित समाज की बाहुल्यता वाले क्षेत्रों में बहुद्देशीय भवनों का निर्माण समाज सुधारकों के नाम पर करने की बात कही। अनुसूचित जाति आयोग के माध्यम से विशेष जन-जागरुकता कार्यक्रम भी स्कूलों और कॉलेजों में संचालित किए जाएंगे।

कार्यक्रम से पूर्व बीएचईएल मैदान से केंद्रीय विद्यालय परिसर तक आयोजित रैली में हजारों लोगों ने मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा कर उनका आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने समाज को समानता, समरसता और न्याय का मार्ग दिखाया। उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने गुलाम भारत में जन्म लेकर अपने ज्ञान और संकल्प से करोड़ों लोगों का जीवन बदला।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने संविधान में न्याय, स्वतंत्रता और समानता जैसे मूल स्तंभ स्थापित किए। समान नागरिक संहिता को संविधान के अनुच्छेद 44 में नीति निदेशक सिद्धांत के रूप में शामिल किया गया। बाबा साहेब ने इसे कानूनी, सामाजिक और नैतिक आवश्यकता माना था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि UCC के माध्यम से महिलाओं को सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति मिली है और उन्हें अब उत्तराधिकार में समान अधिकार प्राप्त हैं। यह महिला सशक्तिकरण के नए युग की शुरुआत है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली में बाबा साहेब के विचार झलकते हैं। पंचतीर्थ की स्थापना, राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा और दलित उत्थान की योजनाएं उनकी विचारधारा को आगे ले जा रही हैं।

राज्य सरकार ने अनुसूचित समाज के कल्याण हेतु बजट बढ़ाया है, छात्रवृत्ति, आवासीय विद्यालय, निशुल्क कोचिंग, और अंतर-जातीय विवाह प्रोत्साहन जैसी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उत्तराखंड की सांस्कृतिक मूल्यों और जनसंख्या संरचना की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सामाजिक समरसता को खंडित करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं और सरकार हर स्तर पर संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है।
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