» उत्तर प्रदेश
यूपी में जल परिवहन और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, प्राधिकरण के गठन को कैबिनेट की मंजूरी
Go Back | Yugvarta , Feb 06, 2025 02:18 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Lucknow : 
लखनऊ । प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में जल परिवहन एवं जल पर्यटन को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 'उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण' के गठन को मंजूरी दे दी है। इस प्राधिकरण के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 'उत्तर प्रदेश जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली 2025' को प्रख्यापित किया गया है।
योगी कैबिनेट ने इस नियमावली को अपनी सहमति प्रदान कर दी है। गुरुवार को लोकभवन में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक में 12 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इनमें से एक को छोड़कर 11 को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।

गौरतलब है कि देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग मौजूद हैं। जलमार्गों के जरिए परिवहन को किफायती और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से इस प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है। सरकार का मानना है कि जल परिवहन प्रणाली विकसित होने से यातायात के अन्य साधनों पर दबाव कम होगा और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस प्राधिकरण का नेतृत्व मुख्यमंत्री द्वारा नामित परिवहन मंत्री या अंतर्देशीय जलमार्ग, शिपिंग, नेविगेशन, पोर्ट्स और मैरीटाइम मामलों के विशेषज्ञ द्वारा किया जाएगा। उपाध्यक्ष के रूप में ऐसे ही विशेषज्ञ व्यक्तियों में से किसी एक को राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, वित्त, लोक निर्माण, पर्यटन एवं संस्कृति, सिंचाई एवं जल संसाधन और वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव इस प्राधिकरण के पदेन सदस्य होंगे। इसके अलावा, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के अध्यक्ष द्वारा नामित एक प्रतिनिधि भी सदस्य के रूप में शामिल होगा। उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त इस प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे।

इस प्राधिकरण के अंतर्गत विभिन्न महत्वपूर्ण प्रावधानों को शामिल किया गया है। इनमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की शक्तियां एवं कर्तव्य, आवासीय व्यवस्था, यात्रा भत्ता, बैठकों की प्रक्रिया, कोरम, सलाहकार समितियों का गठन, कार्य संचालन की प्रक्रिया, सदस्यों का कार्यकाल, विशेषज्ञों का पैनल, बजट, लेखा और लेखा परीक्षा से जुड़े नियमों को सम्मिलित किया गया है। इसके अलावा, वार्षिक लेखा रिपोर्ट, आरक्षित निधि, तथा भूमि और संपत्ति में प्रवेश करने से संबंधित प्रावधान भी निर्धारित किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार जल परिवहन के साथ-साथ जल पर्यटन को भी विकसित करने की योजना बना रही है। इस प्राधिकरण के माध्यम से विभिन्न पर्यटन स्थलों को जलमार्ग से जोड़ने और उन्हें आकर्षक बनाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे। इससे पर्यटकों को एक नया अनुभव मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। सरकार का यह कदम जल परिवहन को बढ़ावा देने और राज्य में आर्थिक विकास को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

2025-26 की आबकारी नीति को भी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। लोक भवन में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि इस नीति के तहत शराब की दुकानों का लाइसेंस अब ई-लॉटरी द्वारा दिया जाएगा और इस बार पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल नहीं किया जाएगा। हालांकि, 2026-27 में लाइसेंस रिन्यूवल का विकल्प दिया जाएगा। इसके अलावा, सरकार ने 55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य तय किया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 4000 करोड़ रुपये अधिक है। नई नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति, फर्म या कंपनी दो से अधिक लाइसेंस नहीं ले सकेंगी। इसके अलावा, अब से विदेशी मदिरा 60 और 90 मिलीलीटर के पैक में भी उपलब्ध होगी, जो पहले नहीं थी।

यूपी 112 के निर्बाध संचालन के लिए कैबिनेट ने 469 पुराने वाहनों की जगह 469 नए वाहनों का अनुमोदन प्रस्ताव मंजूर कर लिया। इसके लिए 43 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की जाएगी। इसमें चार पहिया वाहनों के साथ-साथ दो पहिया वाहनों की भी खरीद की जाएगी।

डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को हाई स्पेशिफिकेशन वाले टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए भारत सरकार से अनुमोदित राशि के अतिरिक्त खर्च होने वाली राशि को राज्य सरकार वहन करेगी। मालूम हो कि भारत सरकार द्वारा टैबलेट खरीद के लिए 5166.70 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है, लेकिन टैबलेट को छात्र हित में अधिक उपयोगी बनाने के लिए उच्च स्पेशिफिकेशन वाले टैबलेट की खरीद के लिए राज्य सरकार द्वारा 1468.80 लाख रुपये वहन किए जाएंगे।

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ में मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि को देखते हुए यहां स्थापित ट्रामा सेंटर के विस्तार का निर्णय लिया गया है। वर्तमान ट्रामा सेंटर का विस्तार करते हुए इसे 460 बेड से बढ़ाकर 500 बेड का किया जाएगा। इसके साथ ही पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स का भी निर्माण कराया जाएगा। इस पर 272 करोड़ 97 लाख रुपये की राशि खर्च होगी। इस निर्णय से एक ही छत के नीचे किसी भी दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीजों को सभी सर्जिकल स्पेशियलिटी सुविधाएं सुलभ हो सकेंगी।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT




Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
Mahakumbh filled me with immense pride in
"A challenging task accomplished efficiently," says Goa
आत्मनिर्भरता से ही विकसित होगा उत्तराखंड :
महाकुम्भ सिर्फ मेला नहीं, भारतीय संस्कृति और
Mahakumbh : रील बनाने वाली जेनरेशन रीयल
महाकुम्भ की दिव्यता-भव्यता देख अभिभूत हुए केंद्रीय
 
 
Most Visited
टूटते-झड़ते बालों के लिए घर पर ही
(3394 Views )
UP Board Result 2024: 10वीं और 12वीं
(1047 Views )
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर (मॉडल हाउस) में
(1000 Views )
राम नवमी में श्री रामलला का जन्मोत्सव
(884 Views )
भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख
(859 Views )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभल में किया
(803 Views )