उत्तराखंड के इगास बग्वाल की धूम: पीएम मोदी ने अनिल बलूनी के आवास पर की गौ पूजा, बढ़ाई सांस्कृतिक गौरव की पहचान
Go Back |
Yugvarta
, Nov 12, 2024 12:57 PM 0 Comments
0 times
0
times
Dehradun : देहरादून, 12 नवंबर : उत्तराखंड के ऐतिहासिक लोकपर्व इगास बग्वाल को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के दिल्ली स्थित आवास पहुंचे। इस अवसर पर पीएम मोदी ने इगास-बग्वाल के उत्सव की कुछ झलकियां सोशल मीडिया पर साझा कीं, जिससे यह पर्व राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो गया।
सोमवार को गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर स्थित बलूनी के आवास पर यह पर्व पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया। इस मौके पर पीएम मोदी के साथ योगगुरु बाबा रामदेव और परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती ने गौ पूजा की और पवित्र
उत्तराखंड के मेरे परिवारजनों सहित सभी देशवासियों को इगास पर्व की बहुत-बहुत बधाई! दिल्ली में आज मुझे भी उत्तराखंड से लोकसभा सांसद अनिल बलूनी जी के यहां इस त्योहार में शामिल होने का सौभाग्य मिला। मेरी कामना है कि यह पर्व हर किसी के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाए।@anil_balunipic.twitter.com/KERvqmB6eA
अग्नि प्रज्वलित की। इस विशेष अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल समेत अन्य वरिष्ठ नेता और गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने अनिल बलूनी द्वारा उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और पर्वों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों की सराहना की। बलूनी ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से उन्होंने वर्षों से लगभग विस्मृत हो चुके इस पर्व को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया। अब पांच वर्षों की मेहनत के बाद, इगास न केवल उत्तराखंड बल्कि देश और दुनिया में भी मनाया जा रहा है। बलूनी ने राज्य सरकार द्वारा इस पर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने के फैसले का भी स्वागत किया।
दिवाली के 11 दिन बाद मनाया जाने वाला यह अनोखा पर्व
बलूनी के अनुसार, इगास से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं। एक प्रमुख मान्यता यह है कि जब भगवान राम लंका विजय के बाद अयोध्या लौटे तो अयोध्यावासियों ने घी के दीयों से उनका स्वागत किया। हालांकि, यह समाचार गढ़वाल क्षेत्र में कार्तिक शुक्ल एकादशी को पहुँचा, तब वहाँ के लोगों ने दीपावली मनाई, जिसे इगास या बूढ़ी दिवाली का नाम दिया गया। एक अन्य मान्यता है कि गढ़वाल के वीर सेनापति माधो सिंह भंडारी के नेतृत्व में तिब्बत पर विजय प्राप्त कर उनकी सेना दिवाली के 11 दिन बाद गढ़वाल लौटी थी, और इस जीत की खुशी में यह पर्व मनाया गया।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर साझा कीं इगास की झलकियां
पीएम मोदी ने इस अवसर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं, और लिखा, “उत्तराखंड के मेरे परिवारजनों सहित सभी देशवासियों को इगास पर्व की बहुत-बहुत बधाई! दिल्ली में आज मुझे भी उत्तराखंड के लोकसभा सांसद अनिल बलूनी जी के यहां इस त्योहार में शामिल होने का सौभाग्य मिला। मेरी कामना है कि यह पर्व हर किसी के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाए।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम विकास और विरासत को साथ लेकर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लगभग लुप्तप्राय हो चुकी लोक संस्कृति से जुड़ा इगास पर्व एक बार फिर से उत्तराखंड के मेरे परिवारजनों की आस्था का केंद्र बन रहा है।” उन्होंने इस पर्व की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, “उत्तराखंड के मेरे भाई-बहनों ने इगास की परंपरा को जीवंत रखा है, जो न सिर्फ प्रेरणादायक है बल्कि देशभर में इस पवित्र पर्व के व्यापक रूप से मनाए जाने का प्रमाण भी है। मुझे विश्वास है कि देवभूमि की यह सांस्कृतिक धरोहर और फलेगी-फूलेगी।”
इस प्रकार, उत्तराखंड का इगास पर्व अब केवल राज्य का ही नहीं, बल्कि देश और विश्व के सांस्कृतिक मानचित्र पर अपनी अनोखी पहचान बना रहा है।