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Sri Lanka New PM / श्रीलंका को मिलीं दूसरी महिला PM, राष्ट्रपति के बाद अब हरिनी अमरसूर्या ने भी ली शपथ
Go Back | Yugvarta , Sep 24, 2024 09:56 PM
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News Image Delhi : 
Sri Lanka New PM: श्रीलंका की राजनीति में एक बड़ा बदलाव तब देखने को मिला जब अनुरा कुमारा दिसानायके ने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद, हरिनी अमरसूर्या ने मंगलवार को देश की नई प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। अमरसूर्या, जो ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ (एनपीपी) की 54 वर्षीय नेता हैं, श्रीलंका की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बन गई हैं। इससे पहले, सिरीमावो भंडारनायके ने वर्ष 2000 में यह पद संभाला था।
राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने स्वयं उन्हें शपथ दिलाई। अमरसूर्या का प्रधानमंत्री बनना एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है और राजनीतिक स्थिरता की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
चार सदस्यीय मंत्रिमंडल की घोषणा
राष्ट्रपति दिसानायके ने अपने मंत्रिमंडल में सिर्फ चार सदस्यों को शामिल किया है, जिनमें से प्रमुख हरिनी अमरसूर्या हैं। उन्होंने न्याय, शिक्षा, श्रम, उद्योग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और निवेश जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है।
अमरसूर्या ने दिनेश गुणवर्धने का स्थान लिया, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा, एनपीपी के अन्य दो सांसद विजिता हेराथ और लक्ष्मण निपुर्णाच्ची को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। हालांकि, ये सभी मंत्री संसद के भंग होने तक कार्यवाहक कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करेंगे। अधिकारियों के अनुसार, श्रीलंका में संसदीय चुनाव नवंबर के अंत तक होने की संभावना है।
राष्ट्रपति दिसानायके ने ली थी शपथ
श्रीलंका के राजनीतिक घटनाक्रम में एक और अहम मोड़ रविवार को आया था, जब 56 वर्षीय अनुरा कुमारा दिसानायके ने देश के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की थी। उनकी नेतृत्व क्षमता और सुधारवादी दृष्टिकोण से यह उम्मीद की जा रही है कि वह देश को आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाएंगे।
आईएमएफ करेगा श्रीलंका सरकार के साथ बातचीत
नए नेतृत्व के साथ श्रीलंका के लिए एक और सकारात्मक खबर यह है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि वह राष्ट्रपति दिसानायके नीत नई सरकार के साथ मिलकर आर्थिक सुधारों पर काम करेगा।
आईएमएफ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह जल्द ही श्रीलंका के ऋण कार्यक्रम की अगली समीक्षा पर चर्चा करेगा, ताकि देश के लिए आवश्यक आर्थिक सुधारों को तेज किया जा सके। आईएमएफ के बयान में कहा गया, "हम राष्ट्रपति दिसानायके और उनके दल के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हैं। हमारा लक्ष्य श्रीलंका को उन सुधारों के मार्ग पर आगे ले जाना है, जिन्होंने 2022 में देश को सबसे गंभीर आर्थिक संकटों से उबारने में मदद की थी।"
श्रीलंका की आर्थिक चुनौतियाँ
2022 में श्रीलंका ने अपने इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकटों का सामना किया था। देश को कर्ज के भारी बोझ, विदेशी मुद्रा की कमी और बढ़ती महंगाई का सामना करना पड़ा। इस संकट से उबरने के लिए आईएमएफ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने श्रीलंका को कर्ज राहत और वित्तीय सहायता प्रदान की थी। अब, नए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, श्रीलंका से यह उम्मीद की जा रही है कि वह अपने आर्थिक सुधारों को गति देगा और स्थिरता की दिशा में मजबूत कदम उठाएगा।
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