Delhi CM Atishi Oath: दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनी आतिशी, लिया शपथ, आतिशी के अलावा पांच विधायक भी बने मंत्री
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Yugvarta
, Sep 21, 2024 06:14 PM 0 Comments
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Delhi : Delhi CM Oath: दिल्ली में आज से आम आदमी पार्टी की नई पारी की शुरुआत हो गई. अरविंद केजरीवाल के बाद अब आम आदमी पार्टी ने आतिशी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया है. आतिशी ने शनिवार शाम दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. आतिशी के अलावा आप के पांच विधायकों को भी आतिशी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है. इनमें सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत का नाम शामिल है
आतिशी के दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के बाद वह सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित की सूची में शामिल हो गई हैं. वह दिल्ली की
आतिशी के अलावा आप के पांच विधायकों को भी आतिशी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है. इनमें सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत का नाम शामिल है
तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं. उनसे पहले शीला दीक्षित इस पद पर रही और शीला दीक्षित से पहले सुषमा स्वराज ने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभाला था. इसके साथ ही आतिशी दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री भी बन गई हैं. 43 वर्षीय आतिशी के पास दिल्ली के सबसे ज्यादा मंत्रालय संभालने की जिम्मेदारी भी है. वह आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्य रही हैं. उन्होंने इसकी नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम किया है
मंगलवार को केजरीवाल ने दिया था इस्तीफा
दिल्ली शराब नीति में कथित घोटालों के आरोप में फंसे अरविंद केजरीवाल ने बीते मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने राज निवास पहुंचकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इसके बाद आप नेता आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. आतिशी की कैबिनेट में पूर्व के सभी चारों मंत्रियों को दोबारा से मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है. जबकि आरक्षित सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले मुकेश अहलावत को भी कैबिनेट में जगह दी गई है.
आतिशी ने साल 2013 में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. उसके बाद साल 2015 में उन्होंने पार्टी द्वारा मध्य प्रदेश में चलाए गए जल सत्याग्रह में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में आप ने उन्हें बीजेपी के उम्मीदवार गौतम गंभीर के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा लेकिन वह इस चुनाव में चार लाख से ज्यादा वोटों से हार गईं.