West Bengal: ममता के लिए मुश्किलें बढ़ी, सुवेंदु अधिकारी को भाजपा ने बना दिया विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष
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Yugvarta
, May 10, 2021 06:58 PM 0 Comments
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Kolkata : नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा में सुवेंदु अधिकारी को विपक्ष का नेता चुना गया है, जबकि पूर्व विधायक दल के नेता मनोज टिग्गा को उपनेता चुना गया है। सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट से 1,956 वोटों से मात दी थी। सोमवार को केंद्रीय पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद, महासचिव भूपेंद्र यादव, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष की उपस्थिति में यह घोषणा की गई।
सोमवार को बीजेपी कार्यालय में हुई बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने सुवेंदु अधिकारी के नाम का प्रस्ताव किया। 22 विधायकों ने उनके नाम का
बीजेपी के बंगाल ईकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि चुनाव के बाद लगातार हिंसा हो रही है। इस हिंसा के खिलाफ विधानसभा के अंदर और बाहर मुकाबला करेंगे। बीजेपी के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा कि हमने सोनार बांग्ला बनाने का सपना देखा था,लेकिन हम विफल रहे हैं, लेकिन निश्चित रूप से ही हम भविष्य में इसे हासिल करेंगे। शुभेंदु अधिकारी योग्य साथी हैं। शुभेंदु के नेतृत्व में हम वह स्थान हासिल करेंगे
समर्थन किया। बाद में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुवेंदु अधिकारी केवल विधायक दल के नेता नहीं हैं, वरन विधानसभा में विपक्ष के नेता भी होंगे। इसकी संवैधानिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
बीजेपी के बंगाल ईकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि चुनाव के बाद लगातार हिंसा हो रही है। इस हिंसा के खिलाफ विधानसभा के अंदर और बाहर मुकाबला करेंगे। बीजेपी के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा कि हमने सोनार बांग्ला बनाने का सपना देखा था,लेकिन हम विफल रहे हैं, लेकिन निश्चित रूप से ही हम भविष्य में इसे हासिल करेंगे। शुभेंदु अधिकारी योग्य साथी हैं। शुभेंदु के नेतृत्व में हम वह स्थान हासिल करेंगे।
पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम सीट से हार के बाद टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को एक और बड़ा झटका लगा है। अपने पूर्व सहयोगी सुवेंदु अधिकारी से नजदीकी मुकाबले में हार के बाद वोटों की दोबारा गिनती की उनकी मांग को खारिज कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर का फैसला अंतिम है और इसे केवल हाई कोर्ट में ही चुनौती दी जा सकती है। इस बीच नंदीग्राम में आरओ रहे अधिकारी को सुरक्षा प्रदान की गई है। चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी की ओर से लगाए गए मतगणना में गड़बड़ी के आरोपों को भी खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा है कि सभी काउंटिंग टेबल पर एक माइक्रो ऑब्जर्वर था और उन्होंने अपनी रिपोर्ट्स में किसी तरह की गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं दिया है। सभी राउंड के बाद आरओ ने सभी प्रत्याशियों को मिले वोट की संख्या की एंट्री की थी और इसे डिस्पले बोर्ड पर दर्शाया गया था, जिसे काउंटिंग एजेंट आसानी से देख सकते थे। पूरी काउंटिंग प्रक्रिया के दौरान किसी ने कोई शंका नहीं जाहिर की थी और पूरी प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के चली। हर राउंड के बाद सभी एजेंट को रिजल्ट की कॉपी दी जा रही थी।
चुनाव आयोग ने कहा है कि नियम के आधार पर यदि दोबारा गिनती की मांग की जाती है तो रिटर्निंग ऑफिसर उसे स्वीकार कर सकते हैं या असंगत लगने पर खारिज कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि आरओ के फैसले को आरपी एक्ट 1951 की धारा 80 के तहत चुनाव याचिका के जरिए ही चुनौती दी जा सकती है।