कमला नेहरू ट्रस्ट मामले में शीला कौल के बेटे समेत 12 पर FIR, कांग्रेस विधायक ने कहा- योगी सरकार पर है पूरा भरोसा
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Yugvarta
, Mar 15, 2021 07:58 PM 0 Comments
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Bareilly : रायबरेली जिले के चर्चित कमला नेहरू टस्ट मामले में एक नया मोड़ आ गया है। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र और उन्हीं की पार्टी की सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल, ट्रस्ट के सचिव सुनील देव, तत्तकालीन एडीएम वित्त एवं राज्स्व मदन मोहन पाल आर्य, सब रजिस्टार घनश्याम, प्रशासनिक अधिकारी विध्वासिनी प्रसाद समेत 12 लोगों पर अभिलेखों में हेरा-फेरी कर जमीन को फ्री होल्ड कराने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है। डीएम के निर्देश पर दर्ज हुई एफआईआर पर कांग्रेसी खेमे से लेकर प्रशासनिक तंत्र तक सभी में हड़कंप मचा है।
कमला नेहरू ट्रस्ट की जमीन को गांधी
कमला नेहरू ट्रस्ट मामले में 12 लोगों पर अभिलेखों में हेरा-फेरी कर जमीन को फ्री होल्ड कराने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है। कमला नेहरू ट्रस्ट की जमीन को गांधी परिवार से जोड़ कर देखा जाता है। बता दें सिविल लाइन्स स्थिति करीब पांच बीघा भूमि को कमला नेहरू ट्रस्ट के नाम किया गया था।
परिवार से जोड़ कर देखा जाता है। बता दें सिविल लाइन्स स्थिति करीब पांच बीघा भूमि को कमला नेहरू ट्रस्ट के नाम किया गया था। उस पर एक महाविद्यालय प्रस्तावित था। तब से ये जमीन पड़ी हुई है। इस पर करीब सैकड़ों लोगों ने रोजगार के लिए दुकाने लगा रखी थी। 16 दिसंबर 2020 को जिला प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेश पर कब्जा हटवाया था। इसके बाद अभिलेखों में हेरा-फेरी कर नजूल की जमीन को फ्री होल्ड करा दिया गया। जिसके बाद एडीएम वित्त ने मामले में 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। मौजूदा अपर जिलाधिकारी (एडीएम) वित्त एवं राजस्व प्रेम प्रकाश उपाध्याय की तहरीर पर दर्ज किया गया है। उपाध्याय ने शहर कोतवाली पुलिस को दी गयी तहरीर में कहा कि कमला नेहरू एजुकेशनल सोसायटी की ओर से 6 फरवरी 2001 फ्रीहोल्ड के लिए आवेदन किया था। तत्कालीन नजूल लिपिक और प्रभारी अधिकारी नजूल सोसायटी के पदाधिकारियों के साथ मिलकर विधिक तथ्यों को छिपाते हुए जमीन को सोसायटी के पक्ष में बिना पट्टा प्राप्त किए फ्रीहोल्ड किए जाने की संस्तुति की गई।
कांग्रेस विधायक ने कहा- धन्यवाद
पूरे मामले पर कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने योगी सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें इस सरकार पर पूरा भरोसा है कि सरकार सभी को बगैर पक्षपात के न्याय देने का कार्य कर रही है। चाहे वो कितने भी बड़े पद पर क्यों न बैठा हो।