उत्तराखंड : महिला आयोग ने NARI 2025 रिपोर्ट पर कंपनी को घेरा, रिसर्च टीम व एमडी को तलब
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Yugvarta
, Sep 08, 2025 09:04 PM 0 Comments
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Dehradun : देहरादून, 8 सितंबर : देवभूमि उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून शहर को पीवैल्यू एनालैटिक्स कम्पनी द्वारा धारणा आधारित जारी राष्ट्रीय वार्षिक रिपोर्ट और सूचकांक (एनएआरआई) 2025 में महिलाओं के लिए असुरक्षित बताने के मामले में आज दिनाँक 8 सितंबर 2025 को उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग द्वारा कंपनी के प्रबन्ध निदेशक को समन भेजकर उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे।
मामले में आज कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर मयंक ढय्या राज्य महिला आयोग में उपस्थित रहे। जहाँ उन्होंने आयोग के सवालों पर वार्षिक रिपोर्ट व इंडेक्स में संदेहास्पद स्थिति के लिए क्षमा मांगते हुए कहा कि यह एक एकेडमिक रिपोर्ट है
नारी 2025 एक एकेडमिक रिपोर्ट, सवालों के घेरे में आयी राष्ट्रीय वार्षिक रिपोर्ट और सूचकांक (एनएआरआई) 2025
एक सप्ताह में जमा करने होंगे सभी दस्तावेज, महिला आयोग की अध्यक्ष ने मांगे सर्वे से सम्बंधित सभी मिनट्स
आयोग के सवालों के आगे पीवैल्यू एनालैटिक्स कम्पनी के प्रतिनिधि नही दे पाए जवाब, अगली सुनवाई पर रिसर्च टीम व प्रबन्ध निदेशक को उपस्थित होने के निर्देश
जिसका उद्देश्य किसी शहर की छवि को खराब करना नहीं था।
हालाँकि, आयोग की अध्यक्ष व पैनल के समक्ष कंपनी के प्रतिनिधि मयंक ढय्या रिपोर्ट से जुड़े सवालों के जवाब देने में असमर्थ रहे। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के संबंध में उनके पास पर्याप्त जानकारी नहीं है और वे कंपनी से बात करने के बाद ही विस्तृत जवाब दे पाएंगे। इस पर आयोग की अध्यक्ष ने कड़ी आपत्ति जताते हुए अगली सुनवाई में कंपनी की रिसर्च टीम व प्रबंध निदेशक की अनिवार्य उपस्थिति के निर्देश दिए।
महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने बताया कि कंपनी के प्रतिनिधि के पास जानकारी का अभाव था, इसलिए इस मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर 2025 को निर्धारित की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि अगली सुनवाई में कंपनी के प्रबंध निदेशक के साथ वार्षिक रिपोर्ट व इंडेक्स के प्रमुख इन्वेस्टिगेटर/सहायक इन्वेस्टिगेटर उपस्थित हों। साथ ही आयोग के सभी सवालों के जवाब, रिसर्च व सर्वे से संबंधित सभी दस्तावेज और सर्वे के लिए की गई मीटिंगों व कार्रवाई की मिनट्स रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर आयोग को उपलब्ध कराई जाए।
कुसुम कण्डवाल ने कहा कि पीवैल्यू एनालैटिक्स कम्पनी द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट व इंडेक्स में आयोग की टीम ने अनेक खामियां पाई हैं, जिनके संतोषजनक जवाब आज की सुनवाई में नहीं मिल पाए। रिपोर्ट पूरी तरह से संदेहास्पद प्रतीत होती है। इसमें शामिल महिलाओं से पूछे गए सवाल पब्लिक नहीं किए गए, यह भी स्पष्ट नहीं है कि सर्वे में शामिल महिलाएँ वर्किंग हैं या गृहिणी। टेलीफोनिक सर्वे में पूछे गए प्रश्न भी स्पष्ट नहीं हैं और एकेडमिक रिसर्च के कई मानक अधूरे हैं। ऐसे में यदि कंपनी की ओर से ठोस स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।