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UP News : 2017 से पहले हुई डेमोग्राफिक उलटफेर, जबरन धर्मांतरण और जमीन कब्जे की साजिशों को योगी सरकार ने किया ध्वस्त
Go Back | Yugvarta , Aug 30, 2025 02:43 PM
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News Image Lucknow :  लखनऊ, 30 अगस्त। आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश लगातार तुष्टिकरण की आग में झुलसता रहा। साजिशन डेमोग्राफी को बिगाड़ा जाता रहा। 2017 से पहले कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की सरकारों के दौर में डेमोग्राफिक बदलाव, जबरन धर्मांतरण, सुनियोजित दंगे और मस्जिद-मदरसे के नाम पर सरकारी व निजी जमीनों पर कब्जे की अनगिनत कहानियां राष्ट्रीय बहस का में आ चुकी हैं। 2017 से पहले तमाम चीजें चरम पर थीं। लेकिन योगी सरकार आने के बाद अब हिन्दुओं के खिलाफ रची गई साजिशें न सिर्फ परत-दर-परत खुलीं बल्कि हिन्दू व भारत विरोधी एजेंडा पर भी तगड़ा प्रहार हुआ है।

संभल में

2017 के बाद योगी सरकार की सख्ती ने लगाई लगाम, हिन्दुओं के खिलाफ साजिशों का निकल रहा दम

तुष्टिकरण की राजनीति के काले अध्याय से निकल कर विकास की नई रफ्तार पर यूपी, घरों में लौट रहे हिन्दू

हाल ही में आई न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने इस विषय को एक बार फिर राष्ट्रीय चर्चा के केंद्र में ला दिया है। लीक रिपोर्ट के अनुसार, जिस प्रकार पूर्ववर्ती सरकारों में तुष्टिकरण की राजनीति के नाम पर हिन्दू समाज को निशाना बनाया गया, वह न केवल अन्यायपूर्ण था बल्कि हिंदुओं का जबरिया पलायन और उनके धार्मिक तीर्थों पर कब्जे की साजिश थी। संभल की लीक रिपोर्ट समूचे उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के प्रयासों पर मुहर लगाते दिख रही।

वैसे न सिर्फ संभल बल्कि पश्चिमी यूपी के मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर से लेकर नेपाल बॉर्डर के जिलों तक हिन्दू आबादी का पलायन और मुस्लिम जनसंख्या बढ़ाने की कोशिशें राष्ट्रीय सुरक्षा को भी चुनौती दे रही थीं। अतिक्रमण हटाने से लेकर धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ और कानून का राज कायम करने तक की कार्रवाईयों ने यूपी को नया भरोसा दे रही। राष्ट्रीय स्तर पर यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहा है, जहां डेमोग्राफिक असंतुलन और अवैध कब्जे राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा बने हुए हैं।

बेहद डरावनी थी 2017 से पहले की तस्वीर-
2017 से पहले की तस्वीर बेहद डरावनी थी। तुष्टिकरण की राजनीति ने पश्चिमी यूपी को दंगों की भेंट चढ़ा दिया। संभल जिले में आजादी के समय हिंदू आबादी 45 प्रतिशत थी, जो अब घटकर महज 15-20 प्रतिशत रह गई है, जबकि मुस्लिम आबादी 85 प्रतिशत तक पहुंच गई है। न्यायिक आयोग की हालिया 450 पेज की रिपोर्ट ने इस सच्चाई को उजागर किया है कि एसपी-कांग्रेस शासन में हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जाता था। दंगे करवाकर इलाकों को हिंदू-विहीन बनाने की साजिश रची जाती थी। 1947 से अब तक 15 बड़े दंगों में कट्टरपंथी समूहों और बाहरी तत्वों की भूमिका सामने आई, जिससे हिन्दू परिवारों का पलायन बढ़ा और डेमोग्राफी पूरी तरह बदल गई। संभल की यह कहानी यूपी के पश्चिम हिस्से और दूसरे तमाम जिलों की भी कहानी है। हर जगह संभल का पैटर्न दिख रहा।

संभल से पहले मेरठ, सहारनपुर, कैराना, शामली, और मुजफ्फरनगर में दंगों ने हिन्दू-मुस्लिम अनुपात को बिगाड़ दिया। यहां भी दंगे डेमोग्राफिक शिफ्ट का माध्यम बने, जहां हिन्दू आबादी अपने इलाकों से हिंदू-मेजॉरिटी एरिया में शिफ्ट हुए। नेपाल सीमा पर तमाम जिलों में 400 से ज्यादा मस्जिदें और मदरसे अवैध रूप से खड़े हो गए, जो सीमा से 15 किमी के दायरे में थे। ये निर्माण अवैध घुसपैठ और डेमोग्राफिक बदलाव को बढ़ावा दे रहे थे। वक्फ बोर्ड के नाम पर समूचे यूपी में सरकारी जमीनों पर कब्जे आम थे, जहां मस्जिद-मदरसे बनाकर स्थानीय हिंदू आबादी को दबाया जाता था। अतीक अहमद और मुक्तार अंसारी जैसे माफिया और आजम खान जैसे सफेदपोश नेताओं ने योगी राज से पहले जमकर कानून का मखौल उड़ाया। हिंदुओं की संपत्ति और उनकी आस्था को निशाना बनाया गया। सबमें संभल जैसा पैटर्न नजर आता है।

इस्लामी संगठनों और संस्थानों से जुड़े रैकेट्स ने गरीब हिंदुओं को निशाना बनाया, जहां लालच देकर या धमकी से धर्म बदलवाया जाता था। बलरामपुर, अंबेडकर नगर और लखनऊ और बलरामपुर में छांगुर बाबा जैसे गिरोहों ने कन्वर्जन हेडक्वार्टर बना रखे थे, जहां अवैध जमीनें कब्जाकर ऑपरेशन चलाए जाते थे। प्रयागराज और पूर्वांचल के इलाकों मे अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसै माफिया राजनीतिक सरपरस्ती में राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम कर हिन्दुओं के खिलाफ साजिशों को मजबूत कर रहे थे।

इन सब कोशिशों की वजह से यूपी के 37 मुस्लिम बहुल, 33 हाई मुस्लिम इन्फ्लुएंस्ड और 94 मुस्लिम प्रभावित क्षेत्रों को जन्म दिया, जहां हिंदू मंदिर बंद पड़े थे और जमीनें कब्जाई गईं। बड़े पैमाने पर धर्मांतरण किया गया। लेकिन योगी सरकार आने के बाद संभल से पहले तमाम इलाकों में कानून का राज कायम किया गया। माफियाओं और दंगाइयों की कमर टूटी। अवैध कब्जों पर बुलडोजर चला। योगी राज में माफिया यातो जमीन के नीचे हैं या फिर जेल में। कानून का राज स्थापित हुआ है और हर नागरिक के लिए समान अवसर का रास्ता खुला है।

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बदली तस्वीर-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कानून के राज का असर यह हुआ कि समूचे उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदुओं का भरोसा वापस लौटा। घरबार, खेत खलिहान, दुकान और अपने मंदिरों को छोड़कर पलायन करने वाले हिंदुओं की लगातार वापसी हो रही है। योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। बुलडोजर एक्शन लॉ एंड ऑर्डर का प्रतीक बन गया।

अकेले संभल में मस्जिद, मजार और मदरसा के नाम पर 37 अवैध कब्जे हटाए गए। इंडो-नेपाल बॉर्डर पर 350 से ज्यादा अवैध धार्मिक स्ट्रक्चर्स हटाए गए, जिसमें 225 मदरसे, 30 मस्जिदें, 25 मजार और 6 ईदगाह शामिल थे। बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी जैसे जिलों में सैकड़ों अवैध मदरसे सील किए गए और कब्जे हटाए गए। आगरा पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए विभिन्न राज्यों से 10 आरोपियों को अरेस्ट किया। इसके अलावा प्रयागराज पुलिस ने फूलपुर में धर्मांतरण की जानकारी होने के बाद 48 घंटे में कार्रवाई करते हुए न केवल नाबालिग किशोरी को धर्म परिवर्तन से बचाया बल्कि उसे बहला फुसलाकर केरल लेने जाने वाले धर्मांतरण में शामिल गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया।

अवैध धर्मांतरण पर योगी सरकार ने की गहरी चोट-
यूपी के तमाम इलकों में धर्मांतरण पर सख्ती और बढ़ी। यूपी प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल रिलीजियस कन्वर्जन एक्ट 2021 लाया गया, जिसे 2024 में और सख्त बनाया गया। अब अवैध कन्वर्जन पर 20 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये जुर्माना है, जबकि मास कन्वर्जन पर लाइफ इम्प्रिजनमेंट। एटीएस दो दर्जन से अधिक अवैध धर्मांतरण गिरोहों के सरगना और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार सलाखों के पीछे धकेल चुकी है। वहीं, अभियोजन विभाग द्वारा कोर्ट में प्रभावी पैरवी, वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर पिछले आठ वर्षों में अवैध धर्मांतरण में लिप्त 16 आरोपियों को सजा दिलायी गयी। इनमें से 12 आरोपियों को आजीवन कारावास और 4 आराेपियों को 10 वर्ष के कारावास की सजा दिलायी गयी। इसके साथ ही कोर्ट द्वारा आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया गया। इसके अलावा योगी सरकार की पुलिस ने अवैध धर्मांतरण को रैकेट चलाने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ एक्शन के बाद एक और बड़े अवैध धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह प्रदेश में युवतियों को बरगलाकर, प्रलोभन देकर और कट्टरपंथी सोच के जरिए अवैध धर्मांतरण कराने में संलिप्त था।

लौट रहा कल्कि नागरी का वैभव-
संभल में ही एक वर्ष में 1067 अतिक्रमण हटाकर 68.942 हेक्टेयर जमीन मुक्त कराई गई, जिसमें मस्जिदों से 16, मजारों से 12, कब्रिस्तानों से 7 और मदरसों से 2 कब्जे शामिल थे। 68 पौराणिक तीर्थस्थल और 19 प्राचीन कूप कब्जा मुक्त कराए गए, कल्कि अवतार मंदिर जैसे स्थलों का पुनरुद्धार शुरू हुआ। अतीत में संभल नगरी का जो वैभव रहा होगा उसे फिर से रचने के प्रयास हुए। कई तीर्थों के निर्माण कार्य जारी हैं। सुरक्षा के व्यापक और आधुनिक इंतजाम की गए जिसमें सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी भी शामिल है। योगी सरकार ने अवैध कब्जों और अतिक्रमण के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान चलाकर इसके खिलाफ कार्रवाई की। प्रदेश के चिन्हित माफिया समेत समस्त अपराधियों द्वारा कब्जाये गए 142 अरब रुपये से अधिक मूल्य की चल व अचल संपत्तियों के जब्तीकरण की कार्रवाई की गई। इसमें प्रयागराज में अतीक अहमद की अवैध कब्जेवाली 50 कोरड़ रुपये से अधिक की संपत्ति भी शामिल है।

यूपी से पलायन रुका, विकास लौटा-
अतिक्रमण से मुक्त जमीनों का विकास किया जा रहा। वहाँ स्कूल और सार्वजनिक निर्माण हो रहे। गरीबों और अनुसूचित जाति के लिए आवासों का निर्माण किया गया। यूपी में आठ साल में 130 आतंकियों को पकड़कर जेल में डालने की कार्रवाई की गई। प्रयागराज में अतीक अहमद के कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन पर सार्वजनिक निर्माण हुए जो योगी सरकार के माफियामुक्त न्यायपूर्ण विजन का अनूठा उदाहरण है।
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