उत्तराखंड : पंचायत चुनाव को लेकर फैलाई जा रही अफवाहें बेबुनियाद, आयोग ने किया स्पष्ट – नहीं जारी हुए कोई नए पात्रता निर्देश
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Yugvarta
, Jul 08, 2025 10:43 PM 0 Comments
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Dehradun :
देहरादून, 08 जुलाई 2025 : राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तराखंड ने पंचायत चुनावों को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामक जानकारियों को पूरी तरह खारिज किया है। आयोग ने एक प्रेस नोट जारी कर स्पष्ट किया है कि उम्मीदवार की पात्रता को लेकर किसी प्रकार के नए निर्देश जारी नहीं किए गए हैं और चुनाव की सभी प्रक्रियाएं पूर्ववत उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 (यथासंशोधित) के प्रावधानों के अनुरूप ही संचालित की जा रही हैं।
आयोग के अनुसार, हाल ही में कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य डिजिटल माध्यमों पर यह झूठा प्रचार किया जा रहा है कि यदि किसी व्यक्ति का नाम शहरी एवं ग्रामीण दोनों मतदाता सूचियों में है, तो उसकी उम्मीदवारी अमान्य मानी जाएगी। इसके साथ ही यह भ्रम भी फैलाया जा रहा है कि आयोग ने पात्रता को लेकर कोई नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस तरह के प्रचार को पूरी तरह निराधार बताया है और कहा है कि:
• पंचायत चुनाव केवल उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 के अंतर्गत कराए जाते हैं।
• आयोग द्वारा पात्रता को लेकर कोई नया आदेश या दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है।
• सभी निर्देश पूर्व से ही अधिनियम के तहत प्रविधानित हैं।
किसी भी उम्मीदवार की पात्रता के बारे में अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान हैं:
• अधिनियम की धारा 9(13) के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति का नाम ग्राम पंचायत की मतदाता सूची में है, तो वह मत देने और चुनाव लड़ने का अधिकारी है।
• इसी तरह क्षेत्र पंचायत के लिए धारा 54(3) और जिला पंचायत के लिए धारा 91(3) में भी यही व्यवस्था की गई है।
• उम्मीदवार की अपात्रता से संबंधित स्पष्ट नियम धारा 8 (ग्राम पंचायत), धारा 53 (क्षेत्र पंचायत) और धारा 90 (जिला पंचायत) में दिए गए हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने आमजन, संभावित उम्मीदवारों और मीडिया से अपील की है कि वे:
• सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों पर वायरल किसी भी अपुष्ट जानकारी पर विश्वास न करें।
• केवल अधिनियम में दिए गए प्रावधानों और आयोग द्वारा जारी अधिकृत सूचना पर ही भरोसा करें।
• किसी भ्रम की स्थिति में संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी या राज्य निर्वाचन आयोग से संपर्क करें।
इस स्पष्टता के साथ आयोग ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और विधिसम्मत बनाए रखने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है।