प्रदेश के इकॉनमिक ग्रोथ के बैकबोन हैं एक्सप्रेसवे : योगी आदित्यनाथ
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Yugvarta
, Jul 03, 2025 08:42 PM 0 Comments
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Lucknow : लखनऊ, 3 जुलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास से प्रदेश के 26 जिलों में 27 इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एवं लॉजिस्टिक क्लस्टर (आईएमएलसी) की ऐतिहासिक शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश में संचालित और निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा भी की। मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेसवे को प्रदेश की इकॉनमिक ग्रोथ का बैकबोन बताते हुए कहा कि यह पहली बार है जब यूपी में एक साथ 5 एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 13,240 एकड़ से अधिक क्षेत्र में आईएमएलसी की स्थापना हो रही है।
साकार हो रहा प्रधानमंत्री का विजन
मुख्यमंत्री ने इस लॉन्चिंग को प्रसन्नता का क्षण बताते हुए इसे
सीएम योगी ने आईएमएलसी के लॉन्चिंग इवेंट के दौरान प्रदेश के विभिन्न एक्सप्रेसवे किनारे विकसित किए जा रहे डिफेंस कॉरीडोर्स पर भी जारी कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर (यूपीडीआईसी) योजना के अंतर्गत प्रदेश में 6 जिलों में कुल 5,184 एकड़ क्षेत्रफल में डिफेंस नोड्स को स्थापित किया जा रहा है। इसमें से 5017 एकड़ क्षेत्रफल प्राधिकरण द्वारा अर्जित किया जा चुका है जबकि 167 एकड़ का अधिग्रहण बाकी है। जिन जिलों में डिफेंस नोड के अंतर्गत कार्य हो रहा है उनमें चित्रकूट, झांसी, कानपुर, अलीगढ़, लखनऊ व आगरा मुख्य हैं। यहां पहले ही ब्रह्मोस, भारत डायनामिक्स, अडानी डिफेंस व एयरोस्पेस, आधुनिक मटीरियल साइंस प्राइवेट लिमिटेड, डीप एक्सप्लो, एरोलॉय टेक्नोलॉजी व टाटा टेक्नोलॉजी जैसी कंपनियां कार्यरत हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विजन का हिस्सा बताया, जिसमें उत्तर प्रदेश को देश के औद्योगिक विकास का केंद्र बनाना है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार ने बीते 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश को 'एक्सप्रेसवे प्रदेश' के रूप में स्थापित किया है। यही कारण है कि आज यूपी निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के सभी 6 नोड भी एक्सप्रेसवे के किनारे ही विकसित किए जा रहे हैं।
नये भारत का नया उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री ने आईएमएलसी को नये भारत के नये उत्तर प्रदेश की तस्वीर बताया। उन्होंने कहा कि निवेश के लिए सुरक्षा, लैंडबैंक और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर पहली शर्त होती है और उत्तर प्रदेश ने इन सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के उद्घाटन का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने स्वयं इस पर सफर किया, जो तेज रफ्तार के साथ-साथ आरामदायक भी था। सीएम ने कहा कि जिस उत्तर प्रदेश को कभी पिछड़ा माना जाता था, जहां निवेशक आने से हिचकते थे, वहां आज आईएमएलसी के रूप में एक बड़ा सपना साकार हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उद्योगों और फैक्ट्रियों को हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल रूप में विकसित करना होगा, ताकि स्थान का अधिकतम उपयोग हो सके।
देश के लिए रोल मॉडल बनेगा आईएमएलसी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएमएलसी पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों की धारणा बदलेगी, बल्कि वैश्विक निवेश और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आईएमएलसी के निर्माण में मैनपावर की कोई कमी न हो और निवेशकों की भावनाओं का पूरा ध्यान रखा जाए।
एक्सप्रेसवे और पर्यावरण का संतुलन का दिया मंत्र
कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को निर्माणाधीन और गतिशील एक्सप्रेसवे की प्रगति की जानकारी दी। मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे की समीक्षा के दौरान सीएम ने सुझाव दिया कि इसका अलाइनमेंट शुक तीर्थ से भी जोड़ा जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि एक्सप्रेसवे निर्माण में वन क्षेत्र को न्यूनतम नुकसान हो। मुख्य सचिव ने बताया कि एक्सप्रेसवे के किनारे आईएमएलसी के विकास से उत्तर प्रदेश में वैश्विक निवेश को और बल मिलेगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी', राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।