संवेदनशील नेतृत्व की मिसाल बना जनता दर्शन: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 185 से अधिक मामलों में दिया त्वरित समाधान का भरोसा
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Yugvarta
, Jun 30, 2025 06:16 PM 0 Comments
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Lucknow : लखनऊ, 30 जून : उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को अपने कैम्प कार्यालय, 7 कालिदास मार्ग पर आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम के माध्यम से जनसुनवाई की एक मिसाल पेश की। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों फरियादियों की समस्याओं को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सुना और समाधान का भरोसा दिलाया।
जनता दर्शन में भूमि विवाद, अवैध कब्जे, दुर्घटना सहायता, शिक्षा, स्वास्थ्य, विद्युत, सड़क निर्माण, अतिक्रमण हटाने, आवास आवंटन सहित अन्य विषयों से जुड़ी समस्याएं सामने आईं। उप मुख्यमंत्री खुद फरियादियों के बीच पहुँचे, प्रत्येक व्यक्ति से संवाद किया और उनकी व्यथा जानी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा,
“प्रदेश
— वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों की सेवा को बताया आत्मीय सुख का स्रोत
की जनता मेरे लिए प्रिय है, उनकी समस्या का समाधान कराना मेरा कर्तव्य है। बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगजनों की सेवा कर मुझे आत्मीय सुख की अनुभूति होती है।”
जनता दर्शन में प्रदेश के तीन दर्जन से अधिक जिलों से आए लोगों द्वारा कुल 185 शिकायती पत्र प्रस्तुत किए गए, जिन्हें संबंधित मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों (जैसे अमरोहा, गोंडा, गाजीपुर, मिर्जापुर, ललितपुर आदि) को त्वरित कार्यवाही हेतु भेजा गया। इसके अतिरिक्त, पुलिस से संबंधित लगभग 86 प्रकरणों को संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को न्यायोचित कार्यवाही हेतु अग्रसारित किया गया।
कुछ गंभीर मामलों पर उप मुख्यमंत्री ने प्रत्यक्ष हस्तक्षेप करते हुए जिलाधिकारियों (जैसे प्रतापगढ़, प्रयागराज, सिद्धार्थनगर, रायबरेली, कानपुर देहात) और संबंधित पुलिस अधीक्षकों (जैसे बहराइच, लखीमपुर खीरी, मऊ, सुल्तानपुर) से वार्ता कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि
“भूमि से जुड़े मामलों में राजस्व व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम गठित कर मौके पर जांच की जाए और निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित हो।”
“समस्या का समाधान कराना मेरा धर्म है, और जो अधिकारी लापरवाही बरतेंगे, वे जवाबदेही से बच नहीं सकेंगे।”
जनता दर्शन के माध्यम से उप मुख्यमंत्री ने एक बार फिर यह साबित किया कि उत्तर प्रदेश सरकार आम जन के प्रति प्रतिबद्ध है और शासन का उद्देश्य केवल नीतिगत विकास नहीं, बल्कि नागरिकों की समस्याओं का जमीनी स्तर पर समाधान भी है।