» उत्तर प्रदेश » गोरखपुर
राष्ट्रपति करेंगी यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण,शिक्षा के साथ खुलेंगे रोजगार के नए द्वार
Go Back | Yugvarta , Jun 30, 2025 04:27 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Gorakhpur :  गोरखपुर, 30 जून। भटहट के पिपरी में बना यूपी का पहला महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय आयुर्वेद समेत प्राचीन व परंपरागत आयुष विधाओं की चिकित्सा और इनसे जुड़ी शिक्षा का केंद्र ही नहीं बनेगा बल्कि इसके जरिये रोजगार के नए द्वार भी खुलने जा रहे हैं। गोरखपुर में मेडिकल टूरिज्म, औषधीय पौधों की आयसर्जक खेती की संभावना को धरातल पर उतारने में यह विश्वविद्यालय बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है। आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण मंगलवार (एक जुलाई) को पूर्वाह्न देश की प्रथम नागरिक, महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु करेंगी।

आयुष पद्धति से चिकित्सा, शिक्षा और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए

राज्यपाल और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मंगलवार को राष्ट्रपति करेंगी यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण

*आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथ की ओपीडी पहले से जारी, अब पंचकर्म व शल्य चिकित्सा की भी मिलेगी सुविधा

*औषधीय पौधों की खेती की भी बढ़ेगी मांग, मालामाल होंगे किसान

प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सीएम योगी के विजन से धरातल पर उतरे इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था जबकि लोकार्पण एक जुलाई 2025 को वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों होने जा रहा है। दोनों आयोजनों में राष्ट्रपति को गोरखपुर बुलाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ के नाम दर्ज हुआ है। यह आयुष विश्वविद्यालय भटहट क्षेत्र के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इसकी स्वीकृत लागत 267.50 करोड़ रुपये है।

आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण भले ही मंगलवार को होने जा रहा है लेकिन यहां आयुष ओपीडी का शुभारंभ 15 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जा चुका है। हाल के दिनों में सायंकाल के सत्र में भी ओपीडी चलने लगी है। प्रतिदिन यहां आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी की ओपीडी में औसतन 300 मरीज परामर्श लेते हैं। ओपीडी शुभारंभ के बाद अब तक करीब सवा लाख से अधिक लोग आयुष चिकित्सकों से परामर्श लाभ ले चुके हैं। लोकार्पण के बाद अस्पताल (आईपीडी, ओटी) शुरू होने से आयुष पद्धति से उपचार की बेहतरीन सुविधा भी उपलब्ध होने लगेगी। आयुष विश्वविद्यालय में 28 कॉटेज वाला बेहतरीन पंचकर्म भी बनकर तैयार है और जल्द ही लोगों को पंचकर्म चिकित्सा की भी सुविधा मिलने लगेगी।

योगी सरकार द्वारा राज्य में आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने से आयुष हेल्थ टूरिज्म में रोजगार की संभावनाएं भी बलवती हुई हैं। आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने से गोरखपुर को केंद्र में रखकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए यह संभावना और बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप यदि संभावनाओं पर गंभीरता से काम किया गया तो प्रदेश के इस पहले आयुष विश्वविद्यालय के आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार के किसी न किसी स्वरूप से जोड़ा जा सकता है। आयुष विश्वविद्यालय के पूर्णतः क्रियाशील होने से किसानों की खुशहाली और नौजवानों के लिए नौकरी-रोजगार का मार्ग भी प्रशस्त होगा। लोग आसपास उगने वाली जड़ी बूटियों का संग्रह कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। किसानों को औषधीय खेती से ज्यादा फायदा मिलेगा। आयुष विश्वविद्यालय व्यापक पैमाने पर रोजगार और सकारात्मक परिवर्तन का कारक बन सकता है।

महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से पहले आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, सिद्धा की चिकित्सा पद्धति, जिन्हें समन्वित रूप में आयुष कहा जाता है, के नियमन के लिए अलग-अलग संस्थाएं कार्यरत रहीं। पर, राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने के बाद प्रदेश के सभी राजकीय और निजी आयुष कॉलेजों (वर्तमान में 98) का नियमन अब इसी विश्वविद्यालय से ही होता है।

गोरखपुर का चौथा संचालित विश्वविद्यालय है आयुष विवि
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय प्रदेश का अपनी तरह का पहला और गोरखपुर का चौथा संचालित विश्वविद्यालय है। गोरखपुर में इसके पहले दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, पूर्वी उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के बड़े केंद्र के रूप में ख्यातिलब्ध हैं। गोरखपुर अब उन चुनिंदा जिलों में शामिल हो गया है जहां चार विश्वविद्यालय संचालित हैं। आने वाले दिनों में यहां पांचवें विश्वविद्यालय की भी स्थापना होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी के रूप में पांचवें विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने की घोषणा कर चुके हैं और इसके लिए जमीन भी चिह्नित की जा चुकी है।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT






Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
नहीं रुकेगी बिटिया की पढ़ाई, सीएम योगी
9am की ओर से मिस्टर मिस व
नई दिल्ली में केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित
Uttrakhand: पावर कार्पोरेशन में आधुनिकतम तकनीक एवं
हरिद्वार: मुख्यमंत्री धामी ने श्रीमद् भागवत
Gorakhpur : गोरखनाथ मंदिर में राष्ट्रपति ने
 
 
Most Visited
Rice water & Methi Dana Toner for
(929 Views )
मुकुल देव आखिरी बार इस फिल्म में
(484 Views )
उत्तराखंड : केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश, 7
(453 Views )
‘Justice Served’ : India Launches ‘Operation Sindoor’,
(405 Views )
प्रो. के.जी. सुरेश को मिली इंडिया हैबिटेट
(401 Views )
भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत :
(392 Views )