भारतीय मूल के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला का ऐतिहासिक सफर : अंतरिक्ष में रिसर्च करने वाले बने पहलेभारतीय
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Yugvarta
, Jun 26, 2025 07:49 PM 0 Comments
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Delhi :
फ्लोरिडा। भारत ने गुरुवार को अंतरिक्ष विज्ञान में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है। शुभांशु शुक्ला, भारतीय मूल के एस्ट्रोनॉट, 28 घंटे लंबे रोमांचक सफर के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर पहुंच गए हैं। वे ISS पर कदम रखने वाले पहले भारतीय हैं और अंतरिक्ष में पहुंचने वाले राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय नागरिक।
एक सपना, जो अंतरिक्ष तक पहुंचा
शुभांशु 25 जून को दोपहर करीब 12 बजे ‘एक्सियम मिशन 4’ के तहत स्पेसक्राफ्ट से रवाना हुए थे। मिशन की लॉन्चिंग को मौसम और तकनीकी कारणों से छह बार टाला गया, लेकिन हौसले अडिग रहे। अंततः 26 जून की शाम 4 बजे वह ऐतिहासिक क्षण आया, जब शुभांशु और उनकी टीम अंतरिक्ष की सीमा पार करते हुए ISS से जुड़े।
अंतरिक्ष से शुभांशु का पहला संदेश
"नमस्कार फ्रॉम स्पेस!"
अंतरिक्ष से शुभांशु का पहला संदेश दिल छू लेने वाला था। उन्होंने कहा –"नमस्कार फ्रॉम स्पेस! मैं अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यहां होने के लिए बेहद एक्साइटेड हूं।"
उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा –"जब हमें वैक्यूम में लॉन्च किया गया, तब मैं बहुत अच्छा महसूस नहीं कर रहा था। लेकिन अब मैं काफी सो चुका हूं और खुद को नई दुनिया में एक बच्चे की तरह महसूस कर रहा हूं... सीख रहा हूं कि यहां खाना और चलना कैसे है।"
14 दिन, विज्ञान के नाम
शुभांशु अब 14 दिनों तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रहेंगे। इस दौरान वे सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) की स्थितियों में वैज्ञानिक प्रयोग और अनुसंधान करेंगे। यह रिसर्च भारत और पूरी मानवता के लिए भविष्य की स्पेस टेक्नोलॉजी, मेडिसिन और एनवायरमेंट स्टडीज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
राकेश शर्मा के बाद दूसरी छलांग
1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष की यात्रा की थी। उन्होंने 'सारे जहां से अच्छा' कहकर भारत को गौरवांवित किया था। अब शुभांशु शुक्ला ने उस गौरवगाथा को आगे बढ़ाते हुए भारत की नई पीढ़ी को अंतरिक्ष में सपने देखने की प्रेरणा दी है।
भारत के लिए गर्व का पल
भारतीयों के लिए यह पल गर्व से भरा है।