उत्तराखंड : 30 जून को मैदानी जिलों में होगी बाढ़ से निपटने की मॉक ड्रिल, प्रशासन ने कसी कमर
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Yugvarta
, Jun 19, 2025 10:22 PM 0 Comments
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Dehradun :
देहरादून, 19 जून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में 30 जून को राज्य के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान राहत और बचाव कार्यों की प्रभावशीलता परखने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।
गुरुवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर ओरिएंटेशन एवं कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें जनपदों को मॉक ड्रिल से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई।
सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में मैदानी जनपदों में बाढ़ की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए थे। यह मॉक ड्रिल ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और चंपावत के मैदानी क्षेत्रों में की जाएगी।
मॉक ड्रिल उन स्थानों पर कराई जाएगी, जहां पूर्व वर्षों में जल भराव और बाढ़ की स्थिति बनी थी। 28 जून को टेबल टॉप एक्सरसाइज आयोजित होगी और 30 जून को वास्तविक मॉक ड्रिल की जाएगी। यह अभ्यास आईआरएस (इंसीडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम) के अंतर्गत होगा, जिसकी राज्य, जनपद और तहसील स्तरीय अधिसूचना 9 जून को जारी की जा चुकी है।
आईआरएस प्रणाली में आपदा के समय सभी अधिकारियों और विभागों की भूमिकाएं स्पष्ट रूप से तय की गई हैं, जिससे कार्य के दौरान भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो।
फूड पैकेट एयर ड्रॉप करने का होगा अभ्यास
बाढ़ की स्थिति में भोजन की समस्या आम होती है। मॉक ड्रिल के दौरान हेलीकॉप्टर से भोजन की किट एयर ड्रॉप करने का वास्तविक अभ्यास भी किया जाएगा। सचिव ने कहा कि भोजन और सामग्री सुरक्षित रूप से लोगों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करना जरूरी है।
इवैकुएशन प्लान पर भी होगी रिहर्सल
बाढ़ चेतावनी संदेशों का प्रसारण व्हाट्सएप, एसएमएस, रेडियो आदि माध्यमों से किया जाएगा। सुरक्षित रूट, ट्रांसपोर्ट संसाधन और सुरक्षित ठिकानों को चिह्नित कर बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुरक्षित निकासी की योजना का अभ्यास किया जाएगा।
राहत शिविरों की व्यवस्थाओं को परखा जाएगा
बाढ़ संभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए जाएंगे, जहां बिजली, पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, शिशु आहार और गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक सुविधाएं परखी जाएंगी। महिला और बाल सुरक्षा के लिए शिविरों में पुलिस और होमगार्ड की तैनाती की जाएगी।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य
• बाढ़ जैसी आपदा के लिए जनपदों की तैयारियों का परीक्षण
• विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता को परखना
• राहत एवं बचाव उपकरणों की उपलब्धता और उपयोगिता की जांच
• राहत शिविरों की व्यवस्थाओं की गुणवत्ता का परीक्षण
• चेतावनी तंत्र की प्रभावशीलता का मूल्यांकन
• पूर्व निर्धारित निकासी योजना का अभ्यास
• समुदाय की सहभागिता और जागरूकता को बढ़ाना
इन परिदृश्यों पर होगा अभ्यास
• नदी में जलस्तर अचानक बढ़ना
• रिहायशी इलाकों में जलभराव/मकानों का डूबना
• बस/रेलवे स्टेशनों में जलभराव
• सड़कों में जलभराव एवं वाहनों का फंसना
• स्कूलों में बाढ़ का खतरा और बच्चों की निकासी
• रात में बाढ़ आने की स्थिति
• बाढ़ प्रभावित लोगों को पंचायत भवन या स्कूल में शिफ्ट करना
• पशुओं की सुरक्षा और गौशालाओं में स्थानांतरण
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त सचिव जेएल शर्मा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी आदि उपस्थित रहे।