» ज्योतिष/धर्म/वास्तु
शारदीय नवरात्रि 2022: बस 6 दिन बाद शुरू हो जाएंगे नवरात्र, ज्योतिर्विद ने बताए कलश स्थापना के 4 मुहूर्त
Go Back | Yugvarta , Sep 20, 2022 11:10 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Lucknow : 
आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी पर्यन्त दशमी तक मां भगवती को पूजने ,मनाने, एवं शुभ कृपा प्राप्त करने का सबसे उत्तम समय है। आश्विन मास में पड़ने वाले इस नवरात्र को शारदीय नवरात्र कहा जाता है। इस नवरा
शारदीय नवरात्रि 2022: बस 6 दिन बाद शुरू हो जाएंगे

आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी पर्यन्त दशमी तक मां भगवती को पूजने ,मनाने, एवं शुभ कृपा प्राप्त करने का सबसे उत्तम समय है। आश्विन मास में पड़ने वाले इस नवरात्र को शारदीय नवरात्र कहा जाता है। इस नवरात्र की विशेषता है कि हम घरो में कलश स्थापना के साथ-साथ पूजा पंडालों में भी स्थापित करके माँ भगवती की आराधना करते है।
इस शारदीय नवरात्र की शुरूआत उदय कालिक प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर 2022 दिन सोमवार से होगा । प्रतिपदा तिथि को माता के प्रथम स्वरूप शैल पुत्री के साथ ही कलश स्थापना के लिए भी अति महत्त्वपूर्ण दिन होता है। कलश स्थापना या कोई भी शुभ कार्य शुभ समय एवं तिथि में किया जाना उत्तम होता है। इसलिए इस दिन कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त्त पर विचार किया जाना अत्यावश्यक है।
इस वर्ष कलश स्थापना के लिए दिन भर का समय शुद्ध एवं प्रशस्त है शारदीय नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना कराना तथा देवी चरित्र का पाठ सुनना मनुष्य को सभी प्रकार के बाधाओं से मुक्त करते हुए धन-धन पुत्र आदि से संपन्न करते हुए विजय को प्रदान करता है ।
अभिजीत मुहूर्त्त सभी शुभ कार्यो के लिए अति उत्तम होता है। जो मध्यान्ह 11:36 से 12:24 तक होगा।
शुभ चौघड़िया:-
सुबह 6:00 से 7:30 बजे तक
सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक
दोपहर 1:30 से 6:00 बजे तक


घरों में माता के आगमन का विचार :- देवी भागवत पुराण के अनुसार
शशिसूर्ये गजरूढा शानिभौमे तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता
नवरात्र की शुरुआत सोमवार से हो रहा है अतः माता का घरों में आगमन गज की सवारी पर होगा। जो राष्ट्र की जनता के लिए सामान्य फल दायक एवं वर्षा कारक होगा। आम जन के स्वास्थ्य एवं धन पर सामान्य प्रभाव पड़ता है।

पूजा पंडालों में माता के आगमन का विचार सप्तमी तिथि के अनुसार किया जाता है एवं गमन के विचार दशमी तिथि में । सप्तमी तिथि को रविवार होने से बंगिया पद्धति के अनुसार देवी का आगमन हाथी पर होगा। इस प्रकार घरों में एवं पूजा पंडालों में माता का आगमन हाथी पर हो रहा है। जो राष्ट्र के राजा के विरुद्ध आम जनमानस का एकत्रीकरण ,अत्यधिक वर्षा , राजनेताओं के मध्य वाक युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। फिर भी माँ का आशीर्वाद हम सभी के लिए शुभ कारक ही होगा।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT




Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
जेवर मां- बहनों की अमानत, कांग्रेस उसे
कल है द्वितीय चरण का मतदान 8
"कांग्रेस का मंत्र है - कांग्रेस की
देहरादून: राष्ट्रपति मुर्मु ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय
श्रीलंका में रामायण से जुड़े स्थलों को
अब Credit Card जारी नहीं कर सकेगा
 
 
Most Visited
भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख
(472 Views )
ऋषिकेश रैली में अचानक बोलते हुए रुक
(461 Views )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभल में किया
(453 Views )
राम नवमी में श्री रामलला का जन्मोत्सव
(439 Views )
MI vs RCB / आरसीबी के खिलाफ
(410 Views )
Lok Sabha Elections / अभी थोड़ी देर
(373 Views )