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आधी आबादी की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन का जरिया है मिशन शक्ति,एक करोड़ से अधिक महिलाओं को मिला स्वरोजगार
Go Back | Rupali Mukherjee , Aug 16, 2022 07:10 PM
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News Image Lucknow :  लखनऊ, 16 अगस्त। नवरात्र मातृशक्ति की आराधना का पावन पर्व है। आज से करीब दो साल पूर्व (17 अक्टूबर 2020) को शारदीय नवरात्र के पहले दिन मातृशक्ति के लिए समर्पित "मिशन शक्ति" की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर से की थी। मकसद था आधी आबादी की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन। 15 अगस्त 2022 को आजादी के अमृत महोत्सव के अपने संबोधन में भी मुख्यमंत्री ने इसका जिक्र किया था। फिलहाल योजना का चौथा चरण चल रहा है। इस योजना ने अपनी सार्थकता साबित की है। यह आधी आबादी की सुरक्षा, स्वावलंबन और सम्मान का जरिया बन चुकी है।

मिशन शक्ति

दो साल पूर्व मातृशक्ति की आराधना पर्व पर हुई थी मिशन की शुरुआत

10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों के जरिए एक करोड़ से अधिक महिलाओं को मिला स्वरोजगार

अभियान की प्रमुख उपलब्धियां
अब तक इस अभियान के तहत महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश के सभी 1584 थानों में (जीआरपी सहित) महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी। इनके जरिये करीब 40000 शिकायतें निस्तारित की गईं। महिलाओं एवं बालिकाओं संबंधी अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने तथा उनमें सुरक्षा की भावना जागृत करने के उद्देश्य से पहली बार प्रदेश के सभी थानों में महिला बीट गठित की गई। मकसद यह था कि महिलाएं, महिला पुलिसकर्मियों से खुलकर अपनी समस्या बता सकें। शिकायतें और अभियोग दर्ज कराने के साथ ऐसा करने वालों के मन में डर पैदा हो, इसके लिए जोरदार पैरवी के जरिये सख्त सजा दिलाने पर भी बराबर का जोर रहा। नतीजतन महिला एवं बाल अपराध संबंधी अभियोजन की कार्यवाही में मृत्यु दण्ड-32, 10 वर्ष से अधिक की सजा-1191, अर्थदण्ड- 1431, आजीवन कारावास-1323, 10 वर्ष से कम 3420 सजा करायी गयी।

बुनियादी सुविधाओं की भी चिंता
महिलाओं को बुनियादी सुविधाओं के अभाव में सार्वजनिक स्थानों पर दिक्कत न हो, इसके लिए प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में महिलाओं के लिए 3535 पिंक टॉयलेट स्थापित किए गए। ग्रामीण क्षेत्रों में 50772 सामुदायिक शौचालयों का रखरखाव महिला स्वयं सहायता समूहों को हैण्डओवर किया गया।

ताकि बोझ न समझी जाये बेटी
बालिका के जन्म के प्रति आमजन में सकारात्मक सोच विकसित करने के उद्देश्य से लागू मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत 1,55,000 नई पात्र बालिकाओं को लाभान्वित किया गया। इसी क्रम में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब तक दो लाख जोड़ों की दहेजरहित शादी कराई जा चुकी है।

सबला बनी अबला
नारी सशक्तिकरण के लिए जारी प्रयासों के तहत महिला पट्टेदारों को 3328 तथा पात्र गरीब एवं असहाय महिला पट्टेदारों को 2792 आवासीय पट्टा अभिलेख वितरित किये गये। स्वामित्व योजना के अंतर्गत 17025 महिलाओं को ग्रामीण आवासीय अभिलेख वितरित किये गये। इसी क्रम में वरासत अभियान के अंतर्गत महिला खातेदारों को 19962 निःशुल्क खतौनी वितरित की गयीं। ग्रामीण क्षेत्रों में 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन कर एक करोड़ से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया।
  Rupali Mukherjee
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