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Products Made by Prisoners: जेल की सलाखों के पीछे मिली बंदियों की नई पहचान, स्वालंबन की ओर बढ़ने की मिली राह
Go Back | Yugvarta , Oct 03, 2021 12:18 PM
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News Image Agra :  गांधी जयंती पर केंद्रीय कारागार के बंदियों को सलाखों से स्वालंबन की राह मिली। भारत पताका हथकरघा केंद्र संस्था को 10 और हथकरघा दिए गए। जिससे हथकरघा उद्योग में काम करने वाले बंदियों को चहारदीवारी से बाहर बाजार में नई पहचान मिलेगी।

केंद्रीय कारागार में गांधी जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मेयर नवीन जैन, राज्यमंत्री डा. जीएस धर्मेश, विधायक महेश गोयल, ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पदाधिकारी शैलजा कांत मिश्रा के अलावा पीएनसी के प्रवीन जैन व कवीश ने बंदियों के कल्याण से संबंधित कई याेजनाओं की घोषणा की। इसके साथ ही केंद्रीय कारागार आगरा में चल रहे भारत

गांधी जयंती पर केंद्रीय कारगार में जैन मुनियों ने बंदियों को दिए प्रवचन। मेयर राज्यमंत्री व विधायकों ने बंदियों के कल्याण के लिए कई घोषणाएं। औसतन आगरा की सेंट्रल जेल में छह से सात घंटे तक हर दिन हथकरघा कंद्र में काम करते हैं बंदी।

पताका हथकरघा केंद्र को 10 हथकरघा दिए। जिससे कि बंदियों को स्वालंबन की ओर अग्रसर किया जा सके। जब वह सजा पूरी करके यहां से निकलें तो समाज में खुद को पुर्नवासित कर सकें।

मेयर, राज्यमंत्री और विधायक की ओर से हथकरघा उद्योग में काम बेहतर काम करने वाले दो बंदियों आदेश और गंगाराम को 11-11 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया। मुनिराज प्रणम्य सागर, मुनिराज चंद्रसागर व मुनिराज वीर सागर और बाल ब्रह्राचारी सुनील भैया के प्रवचनों ने बंदियो काे भक्ती भाव से सराबोर कर दिया। वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारगार वीके सिंह ने बताया मेयर ने ओर से बंदी कल्याण निधि में 21 हजार रुपये का चेक दिया गया है।

सेंट्रल जेल आगरा में कार्यक्रम में भाग लेते कैदी।

हथकरघा उद्योग से स्वालंबन की ओर बढ़ रहे बंदी

- बंदी श्रम का पारिश्रामिक प्रति वर्ग मीटर एवं प्रति नग के हिसाब से बंदियों के खाते में जमा किया जाता है।

- पारिश्रामिक की दरें बाजार की दरों से कम नहीं होंगी।

- औसत छह से सात घंटे तक बंदी हथकरघा केंद्र में काम करते हैं।

- बंदी प्रति महीने 4800 से पांच हजार रुपये तक कमाते हैं।

- उनके द्वारा तैयार उत्पाद पर कारागार विभाग एवं ट्रस्ट का नाम व ट्रेडमाड अंकित रहता है।

- दस नए हथकरघा लगने के बाद अब यहां 33 बंदी रोजगार पा सकेंगे।
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