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CM योगी ने प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवं उ0प्र0 के प्रथम मुख्यमंत्री भारत रत्न पं0 गोविन्द बल्लभ पंत की जयन्ती पर उनकी प्रतिमा के सम्मुख चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी
Go Back | Yugvarta , Sep 10, 2021 08:45 PM
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News Image Lucknow :  लखनऊ: 10 सितम्बर, 2021

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री भारत रत्न पं0 गोविन्द बल्लभ पंत की जयन्ती के अवसर पर यहां लोक भवन परिसर में स्थापित उनकी प्रतिमा के सम्मुख चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। इसके उपरान्त उन्होंने लोक भवन में आयोजित पं0 गोविन्द बल्लभ पंत जी पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी-चौरा शताब्दी समारोह की श्रृंखला में यह आयोजन किया जा रहा

पं0 गोविन्द बल्लभ पंत ने काकोरी की घटना में क्रान्तिकारियों की
न्यायालय में पैरवी की तथा इसके लिए एक अभियान चलाया

प्रदेश को मुख्यमंत्री के रूप में पं0 गोविन्द बल्लभ पंत का
यशस्वी नेतृत्व स्वतंत्रता से पूर्व वर्ष 1937 से वर्ष 1939 तक तथा
स्वतंत्रता के पश्चात वर्ष 1947 से वर्ष 1954 तक प्राप्त हुआ

पंत जी के समय उ0प्र0 देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
तथा प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय के समान थी

वर्तमान राज्य सरकार पंत जी के बहुआयामी नेतृत्व एवं देश व समाज के प्रति
उनके योगदान से प्रेरणा प्राप्त कर प्रदेश को विकास के पथ पर अग्रसर कर रही

पंत जी ने प्रदेश को देश की नम्बर एक अर्थव्यवस्था बनाने का
जो बीड़ा उठाया और उसे वहां पर ले गये, उसी पर चलते हुए
विगत चार वर्षों के दौरान उ0प्र0 देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बन गया

उ0प्र0 की कानून-व्यवस्था आज पूरे देश में एक नजीर

प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर व विकास के अन्य क्षेत्रों में जो कार्य हो रहा है
वह आने वाले दिनों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और सुदृढ़ करेगा

है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के आयोजन के माध्यम से देश के स्वतंत्रता सेनानियांे की स्मृतियों को जीवंत बनाने की एक नई पहल प्रधानमंत्री जी द्वारा की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं0 गोविन्द बल्लभ पंत एक प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म अल्मोड़ा में हुआ था। प्रयागराज से उच्च शिक्षा अर्जित करने के दौरान उनके मन में देश की स्वाधीनता के प्रति उमंग एवं उत्साह पैदा हुआ, जिसने उन्हें देश में स्वतंत्रता सेनानियों के नजदीक लाकर स्वतंत्रता आन्दोलन में अपनी भूमिका निभाने की ओर अग्रसर किया। पंत जी ने सन् 1921 में असहयोग आन्दोलन, सन् 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन सहित सभी स्वतंत्रता आन्दोलनों में भागीदारी की। पं0 गोविन्द बल्लभ पंत जी ने स्वतंत्रता आन्दोलन को अपने जीवन का एक हिस्सा बना लिया था। लखनऊ की काकोरी की घटना में उन्हांेने क्रान्तिकारियों की न्यायालय में पैरवी की तथा इसके लिए एक अभियान भी चलाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं0 गोविन्द बल्लभ पंत का यशस्वी नेतृत्व प्रदेश को स्वतंत्रता से पूर्व वर्ष 1937 से वर्ष 1939 तक तथा स्वतंत्रता के पश्चात वर्ष 1947 से वर्ष 1954 तक मुख्यमंत्री के रूप में प्राप्त हुआ। वर्ष 1939 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत को द्वितीय विश्व युद्ध से जोड़े जाने के कारण उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के पश्चात वर्ष 1947 में पं0 गोविन्द बल्लभ पंत पुनः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। पंत जी के समय उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय के समान थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं0 गोविन्द बल्लभ पंत के पश्चात प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय में क्रमशः कमी आयी। 2015-16 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय एक तिहाई रह गई। प्रदेश देश के अन्दर छठी अर्थव्यवस्था के स्थान पर आ गया। वर्तमान राज्य सरकार पंत जी के बहुआयामी नेतृत्व एवं देश व समाज के प्रति उनके योगदान से प्रेरणा प्राप्त कर, प्रदेश को विकास के पथ पर अग्रसर कर रही है। उन्होंने कहा कि पंत जी ने प्रदेश को देश की नम्बर एक अर्थव्यवस्था बनाने का जो बीड़ा उठाया और उसे वहां पर ले गये, उसी पर चलते हुए विगत चार वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बन गया है। उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था आज पूरे देश में एक नजीर प्रस्तुत कर रही है। प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर व विकास के अन्य क्षेत्रों में जो कार्य हो रहा है वह आने वाले दिनों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और सुदृढ़ करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का वर्तमान राजकीय चिन्ह पं0 गोविन्द बल्लभ पंत की देन है। इस राजकीय चिन्ह में गंगा-यमुना एवं प्रयागराज के संगम तथा भगवान श्रीराम जी का धनुष-बाण अंकित हैं। इससे भारत और भारतीयों तथा अपनी परम्परा एवं संस्कृति के प्रति उनका भाव व्यक्त होता है। उन्होंने कहा कि पंत जी के समय ही प्रदेश का नाम उत्तर प्रदेश पड़ा। देश के गृह मंत्री बनने पर पूरे राष्ट्र को पंत जी का नेतृत्व मिला। पंत जी ने देश की आन्तरिक सुरक्षा, रणनीति, पैरा मिलिट्री की भूमिका के सम्बन्ध में विशेष कार्य किया।
इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इतिहास यह बताता है कि यदि वर्तमान पीढ़ी अपनी गौरव गाथा आने वाली पीढ़ी को बताती है तो देश का विकास समुचित ढंग से होता है। महात्मा गांधी द्वारा नमक सत्याग्रह के माध्यम से आत्म निर्भर भारत का अभियान प्रारम्भ किया गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा आजादी के 75वें वर्ष में इस अभियान को ध्यान में रखते हुए आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पं0 गोविन्द बल्लभ पंत जी की पुत्रवधु एवं पूर्व सांसद श्रीमती इला पंत ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवयुवकों को ज्ञात कराना है कि आजादी आसानी से नहीं मिली, बल्कि यह 100 वर्षों तक निरन्तर चले स्वतंत्रता आन्दोलनों के माध्यम से प्राप्त हुई। देश भक्त के लिए देश सर्वोपरि होता है। पंत जी ने छात्र जीवन से ही स्वतंत्रता आन्दोलन में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने ओज एवं वीरता से पूर्ण आजादी से सम्बन्धित विद्यार्थियों की काव्य लेखन प्रतियोगिता एवं जनपद स्तरीय भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः 25 हजार, 11 हजार, 05 हजार रुपए एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक, नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन हेमंत राव, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई एवं सूचना नवनीत सहगल सहित शासन प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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