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संविधान में धर्म निरपेक्ष एवं समाजवादी शब्द जोड़ना भारत की आत्मा पर कुठाराघात: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
Go Back | Yugvarta , Jun 25, 2025 07:30 PM
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News Image Lucknow :  25 जून, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आपातकाल की 50वीं बरसी, संविधान हत्या दिवस पर लोकभवन में आयोजित 'भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय' विषयक संगोष्ठी का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में संशोधन करके धर्म निरपेक्ष और समाजवादी शब्द जोड़ना भारत की आत्मा पर कुठाराघात था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आपातकाल के लिए दलितों, वंचितों एवं पूरे देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए। बाबा साहब अंबेडकर ने अपनी लेखनी के माध्यम से जिन दलितों एवं वंचितों को अधिकार दिलाया था, कांग्रेस ने उनकी आवाज को दबाने का कार्य किया।

सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपातकाल की 50वीं बरसी, संविधान हत्या दिवस पर 'भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय' विषयक संगोष्ठी का शुभारम्भ किया

*लोकतंत्र सेनानियों को सीएम योगी ने दिया बड़ा उपहार, सेनानियों एवं उनके परिवार के सदस्यों को मिलेगी कैशलेस उपचार की सुविधा

*सीएम योगी ने कहा- संविधान हत्या दिवस पर सपा एवं आरजेडी का नहीं आया कोई बयान

ने इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानियों एवं उनके परिवार के सदस्यों को कैशलेस उपचार की सुविधा की घोषणा की। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हो या आरजेडी दोनों ने संविधान हत्या दिवस पर न तो कोई बयान और न ही सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट किया। इन दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता संविधान का गला घोंटने के कांग्रेस के कृत्य के खिलाफ थे, कांग्रेस की तानाशाहीपूर्ण कार्यवाही के विरोध में आंदोलनरत थे। आज वही लोग अपने स्वार्थ के लिए कांग्रेस के सामने नाक रगड़ते दिखाई पड़ते हैं। ये लोग लोकतंत्र और संविधान की दुहाई देते हैं लेकिन संविधान का गला घोंटने वालों और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का अपमान करने वालों को अपने गले का हार भी बनाते हैं। इनका यह दोहरा चरित्र लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस, सपा एवं आरजेडी जैसी परिवारवादी पार्टियों को संविधान की दुहाई देने का कोई अधिकार नहीं है। इन पार्टियों को जब भी अवसर मिला इन्होंने लोकतंत्र का गला घोंटने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि आज का दिन उन लोगों के चेहरों को बेनकाब करने का अवसर प्रदान करता है, जिन लोगों ने लोकतंत्र की आड़ में भारत के मूल्यों एवं आदर्शों को अपने स्वार्थ के लिए बलि चढ़ाने का कुत्सित प्रयास किया है। समाजवादी पार्टी, आरजेडी एवं उनके सहयोगी दल उसी मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि जिस लोकतंत्र एवं संविधान के लिए समाज के प्रत्येक तबके के व्यक्ति ने अनगिनत बलिदान दिए थे। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने तमाम अपमान सहकर अपनी पूरी बुद्धिमत्ता के साथ भारत के नागरिकों के लिए संविधान का जो ड्राफ्ट तैयार करके दिया था, उस संविधान का गला घोंटने में कांग्रेस की सरकार को कोई समय नहीं लगा। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को कांग्रेस ने विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका के अधिकारों को बंधक बना लिया था। सेंसरशिप के माध्यम से मीडिया का गला घोंटने का कार्य किया था। उस समय भी बहुत सारे लोग लोकतंत्र के लिए एवं भारत के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य कर रहे थे। एक लाख से अधिक लोकतंत्र सेनानी गिरफ्तार हुए थे। लोकतंत्र को बचाने के लिए समाज के प्रत्येक तबके के व्यक्ति ने लड़ाई लड़ी।

सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए 25 जून को किया गया पाप कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को एक परिवार ने अपने संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों की प्रतिपूर्ति का माध्यम बना लिया था। व्यवस्था में ऐसे लोग आज भी हैं, जो उस परिवार के माया मोह में जकड़े दिखाई पड़ते हैं। सीएम योगी ने कहा कि क्रांतिकारी नारा देते थे तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहे न रहे और कांग्रेस उन संकल्पों को चकनाचूर करते हुए नारा देती है मेरी सत्ता बनी रहे, चाहे लोकतंत्र रहे न रहे।

संसद में पारित विधेयक की प्रति फाड़ने वाला कृत्य अलोकतांत्रिक था
सीएम योगी ने कहा कि 1952 में बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को देश की संसद न पहुंचने देना, 1975 में आपातकाल, 1984 सिखों का कत्लेआम और 2013 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा संसद में पारित अध्यादेश की प्रति फाड़ने वाला कृत्य अलोकतांत्रिक था। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भावनाओं का अपमान करने वाला था। इस कृत्य के साथ कांग्रेस का वास्तविक आचरण जुड़ता हुआ दिखाई पड़ता है।

आपातकाल की त्रासदी' विषय पर आधारित प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
संगोष्ठी के शुभारम्भ से पूर्व सीएम योगी ने 'आपातकाल की त्रासदी' विषय पर आधारित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के कवर पेज एवं चित्रों के माध्यम से लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष और तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा उन पर किए अत्याचारों को प्रदर्शित किया गया था, जिसका सीएम योगी ने अवलोकन किया।

लोकतंत्र सेनानियों ने साझा किए अपने अनुभव
कुछ लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल के दौरान उन्हीं मिली यातनाओं को कार्यक्रम में मौजूद लोगों से साझा किया। किसी ने अपने भूमिगत होने के किस्से सुनाए तो किसी ने थाने एवं जेल के अपने अनुभवों को बताया। वित्त एवं ससंदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि तत्कालिक सरकार ने इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाए रखने के लिए पूरे देश को जेल बना दिया था। उन्होंने कहा कि संविधान में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा के लिए लोकतंत्र सेनानियों ने जो यातनाएं एवं अत्याचार झेला है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। वहीं विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने बरेली जेल के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने अपनी निरंकुश सत्ता का वर्चस्व बरकरार रखने के लिए आपातकाल जैसा दमनकारी निर्णय लिया, जिसके खिलाफ आम जनता ने भी सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।

कार्यक्रम में सीएम योगी ने लोकतंत्र सेनानियों का किया सम्मान
कार्यक्रम में सीएम योगी ने 26 लोकतंत्र सेनानियों का पटका पहनाकर सीएम योगी ने सम्मान किया। सम्मानित होने लोकतंत्र सेनानियों में कृष्ण कुमार दीक्षित, गणेश राय, राकेश स्वरूप निगम, अजीत कुमार सिंह, सुरेश शिवजी रानी, डॉक्टर अजय शर्मा, जयदेव आहूजा, हरि श्याम रस्तोगी, राम किशोर शर्मा, अशोक शर्मा, डॉक्टर संतोष कुमार वाजपेयी, डॉक्टर बलवेंद्र अवस्थी, मधुकर मिश्रा, रामतीर्थ वर्मा, सुरेश चतुर्वेदी, सत्यप्रकाश जैन, रामचंद्र सिंह, आशुतोष पाठक, डॉक्टर राम लोलाक उपाध्याय, सरल मालवीय, सतीश चंद्र गौड़, दिनेश प्रताप सिंह, दिनेश अग्निहोत्री, संजय मिश्रा, भारत त्रिपाठी, धीरेन्द्र श्रीवास्तव

कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी साथ मंच पर विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह, वित्त एवं ससंदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक, लोकतंत्र सेनानी एवं पूर्व सासंद डॉक्टर अशोक वाजपेयी, राजेंद्र तिवारी, रमाशंकर त्रिपाठी, विश्राम सागर एवं देवी दीन पाल उपस्थित थे।
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