» रोचक संसार
Iकैसे बना कैंची धाम! बाबा नीम करौली ने आखिर कियूँ चुना ये पावन जमीन
Go Back | Yugvarta , May 26, 2025 08:22 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Dehradoon : 
नैनीताल| उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम आज देश-विदेश में अपनी आध्यात्मिक महिमा और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस धाम की स्थापना स्वयं हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले बाबा नीम करौली (नीब करौरी) बाबा ने की थी? यही नहीं, बाबा ने इस पावन स्थान की जमीन भी खुद चुनकर इसे आध्यात्मिक केंद्र में परिवर्तित किया. यह बात 1960 के दशक की है जब बाबा नीम करौली, रानीखेत से नैनीताल की ओर यात्रा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने वर्तमान कैंची धाम वाली जगह पर रुककर सड़क किनारे पैराफिट में बैठकर शिप्रा नदी के उसपार जंगल वाली जगह पर इशारा करके कहा था यह भूमि विशेष है, यहीं पर मंदिर बनेगा.

हनुमान जी का है भव्य मंदिर
कैंची धाम ट्रस्ट के प्रबंधक प्रदीप शाह (भैय्यू दा) बताते हैं कि बाबा की दृष्टि में यह स्थान विशेष ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति से भरपूर था, क्योंकि ये जगह सोमवारी महाराज की तपोभूमि रही थी और उनकी धुनी वहां मौजूद थी. यही वह जगह थी जहां बाद में हनुमान जी का भव्य मंदिर बना, जिसे बाबा ने स्वयं स्थापित करवाया. बाबा ने न केवल हनुमान मंदिर बल्कि इस क्षेत्र में कई अन्य धार्मिक स्थलों का निर्माण करवाया. हर साल 15 जून को कैंची धाम का स्थापना दिवस बड़े ही श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. इस दिन देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु यहां बाबा के दर्शन करने पहुंचते हैं.


हनुमंत स्वरूप हैं बाबा
भैय्यू दा कहते हैं कि पहाड़ के लोग महाराज जी को हनुमान का स्वरूप मानते हैं और बाबा की प्रत्येक लीला में हनुमान जी का स्वरूप दिखाई देता था. नीम करौली बाबा बाल्यकाल में ही गुजरात चले गए उसके बाद फर्रुखाबाद, लखनऊ, कानपुर, ऋषिकेश, वृंदावन, शिमला में बाबाजी ने हनुमान मंदिर स्थापित किए और जहां जहां बाबा रुके वो स्थान हनुमंतमय होता चला गया.

बाबा ने रखी थी कैंची धाम की नींव
साल 1962 में बाबा पहली बार कैंची आए और यहां हनुमान मंदिर की नींव रखी. भैय्यू दा बताते हैं कि नीम करौली बाबा तुलाराम साह और श्री सिद्धि मां के साथ रानीखेत से नैनीताल की तरफ जा रहे थे. तभी बाबा इस जगह पर गाड़ी से उतर गए जहां आज कैंची मंदिर है और सड़क किनारे पैराफीट में बैठकर एकाएक मंदिर वाली जगह की तरफ देखने लगे.

उन्होंने इस जगह सोमबारी महाराज की गुफा और धूनी को देखने की इच्छा जाहिर की और इस स्थान को चिन्हित कर उस स्थान की सफाई करवाने के आदेश दिए. उन्होंने उस समय, जंगल और घास के बीच घिरे सोमबारी महाराज की गुफा को और हवन कुंड को ढकने को कहा, लेकिन जंगलात ने बार बार वहां पर निर्माण की अनुमति नहीं दी.

हर साल आते हैं लाखों श्रद्धालु
लेकिन महाराज जी की शक्तियों से वहां पर मंदिर बनाने की अनुमति मिल गई और महाराज ने सबसे पहले इस स्थान पर हनुमान मंदिर की स्थापना की और फिर धीरे-धीरे अन्य मंदिरों की स्थापना हुई. तबसे लेकर अब तक कैंची धाम लोगों की आस्था का केंद्र हैं. अब यह मंदिर देश के प्रमुख मंदिरों में शामिल हो चुका है और हर साल लाखों की संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालुओं के साथ ही कई नामी हस्तियां यहां पहुंचकर नीम करौली बाबा का आशीर्वाद ले चुकी हैं.
  Yugvarta
Previous News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT






Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
उत्तर प्रदेश : सबसे अधिक राजस्व मामले
UPSWAN 3.0 के जरिए ई-गवर्नेंस के ‘नए
दिव्यांगजनों की बढ़ेंगी सुविधाएं, योजनाओं का
विकसित उत्तराखण्ड बनाने के लिए समाज के
PM Modi, Paraguayan President Peña Hold Strategic
War Intensifies Ahead of Russia-Ukraine Peace Talks
 
 
Most Visited
‘Justice Served’ : India Launches ‘Operation Sindoor’,
(319 Views )
मुकुल देव आखिरी बार इस फिल्म में
(316 Views )
Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर पर MEA
(316 Views )
भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत :
(307 Views )
प्रो. के.जी. सुरेश को मिली इंडिया हैबिटेट
(297 Views )
पाकिस्तानी हमला नाकाम, भारत ने पहली बार
(275 Views )