» रोचक संसार
महाभारत: पांडवों का वो पूर्वज राजा, जो पुरुष से बना मोहक स्त्री, दोनों रूप में पैदा किए बच्चे
Go Back | Yugvarta , Apr 17, 2025 10:12 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image DELHI : 
महाभारत और पुराणों में कई ऐसे रहस्यमयी और चमत्कारिक चरित्र हैं, जिनके जीवन में ऐसा बदलाव हो गया कि विश्वास ही नहीं होगा. पांडवों के पूर्वंज एक ताकतवर राजा थे इल, जिन्हें सुद्युम्न भी कहा जाता था. वह मनु की पुत्री इला के वंश से जुड़े हुए थे. इल बहुत बहादुर और पराक्रमी राजा थे. लेकिन एक शाप के कारण वह पुरुष से मोहक स्त्री बन गए. ऐसी स्त्री जिसकी सुंदरता इतनी अप्रतिम थी कि देखकर कोई भी रीझ जाए.

ये वो राजा थे जिनके पुरुष से स्त्री बनने की कहानी भीष्म ने तब युधिष्ठिर को सुनाई जब महाभारत के युद्ध के बाद वह शयशैया पर लेटे थे. भीष्म को इच्छामृत्यु का वरदान मिला हुआ था. लिहाजा वह मृत्यु से पहले युधिष्ठर को राजधर्म को लेकर सारी शिक्षाएं दे रहे थे. ऐसा उन्हें इसलिए करना पड़ा, क्योंकि युधिष्ठिर युद्ध में इतने लोगों की मृत्यु के बाद राजा नहीं बनना चाहते थे.

हालांकि वह सवाल युधिष्ठिर ने बहुत अजीब सा ही पूछा था लेकिन उन्हें जवाब मिला. सवाल था, “पितामह, क्या ऐसा हो सकता है कि कोई व्यक्ति एक समय पुरुष हो और फिर स्त्री बन जाए – और दोनों रूपों में संतान भी पैदा करे? क्या यह धर्मसंगत है?”


भीष्म मंद – मंद मुस्कुराए. भीष्म – “धर्म के रहस्य अपार हैं, वत्स. सुनो, एक सच्ची कथा कहता हूं, जो अपने ही वंश की है. इस वंश को पहले चंद्र वश के नाम से जाना जाता था, इसमें एक ऐसा पराक्रमी राजा हुआ, जिसने दोनों रूपों में जीवन जिया, वह था – राजा इल.


पांडवों के पूर्वजों में एक शुरुआती राजा थे इल. वह पराक्रमी थे, कुशल शासक थे. लोग उनसे खुश थे.
इल प्रतापी राजा थे. लेकिन जब वह स्त्री बने तो इतनी मोहक स्त्री बने कि वन में उनकी सुंदरता पर तपस्या करने आए एक देवता का मन डोल गया. उसने इस मोहक स्त्री से प्रेम निवेदन ही नहीं किया बल्कि उससे शादी भी की. इससे एक ऐसा वीर पुत्र हुआ, जिसने फिर वंश की बागडोर संभाली. वंश को मजबूत किया. ये कथा भागवत पुराण, महाभारत (आदिपर्व) और देवीभागवत पुराण में विस्तार से मिलती है.

राजा इल शिकार खेलने जंगल गया, भटक गया
पूरी कहानी इस तरह है. एक बार राजा सुद्युम्न (इल) अपने मंत्रियों और सैनिकों के साथ शिकार खेलने के लिए वन में गए. वह घने जंगल में भटक गये. भटकते – भटकते उस जगह पहुंच गया, जहां भगवान शिव और पार्वती के एकांतवास करते थे. वहां किसी को आने की इजाजत नहीं थी.

जिस समय राजा इल उस जगह पहुंचे, तब भगवान शिव और माता पार्वती प्रेमालाप में लीन थे. इसी वजह से वह जगह किसी के लिए भी वर्जित थी.


राजा इल शिकार खेलने जंगल गए. वह जंगल के ऐसे हिस्से में पहुंच गए. जहां जाना किसी के लिए भी प्रतिबंधित था. उन्हें रोका भी गया लेकिन वह नहीं माने.
तब उन्हें स्त्री बन जाने का श्राप मिला
शिव के गणों ने सुद्युम्न यानि राजा इल को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह कहां मानने वाले थे. सबसे लड़ते – भिड़ते, गिरते गिराते अंदर चला गया. जैसे ही पार्वती ने राजा को वहां आते देखा, वह क्रोधित हो उठीं. माता पार्वती ने श्राप दिया कि वह स्त्री बन जाएंगे.

शिव के शाप से ऐसा हुआ
इस कहानी को दूसरी तरह से भी कहा जाता था. इस वन का नाम था श्रीकांता वन. शिव ने ये शाप दे रखा था कि “जो भी पुरुष इस वन में प्रवेश करेगा, वह स्त्री बन जाएगा.”

वह मोहक स्त्री बन गए
इल जैसे ही उस वन की सीमा में दाख़िल हुए. उनके शरीर में बदलाव होने लगा. मांसपेशियां कोमल हो गईं, आवाज़ मधुर, चाल लचकदार – देखते ही देखते वह मोहक और सुंदर स्त्री बन गए यानि अब वो इला थीं. जब राजा इला के सैनिकों और मंत्रियों ने उन्हें देखा तो चकित रह गए. अब इला ऐसी स्त्री थीं, जो अपनी पुरानी सारी यादें भूल चुकी थीं.

बुध उन्हें देख मुग्ध हुए और प्रेम कर बैठे
इला स्त्री रूप में वन में भ्रमण कर रही थीं. कुछ भ्रमित, कुछ लज्जित. तभी उन्हें देखा बुध ने, जो चंद्रदेव और अप्सरा तारा के पुत्र थे. वह स्वर्गलोक से पृथ्वी पर तपस्या के लिए आए हुए थे. बुध इला पर मोहित हो गए. इला ने भी स्वयं को एक सामान्य स्त्री मान लिया था – दोनों के बीच प्रेम हुआ. फिर विवाह.


भगवान शिव द्वारा प्रतिबंधित जंगल में घुसने से राजा इल देखते ही देखते ही शाप के कारण मोहक स्त्री में बदल गए.
फिर इला ने एक बेटे को जन्म दिया
कुछ समय बाद इला ने एक पुत्र को जन्म दिया – पुरुरवा. यह वही हैं जिन्होंने अप्सरा उर्वशी से शादी की. वह महान शासक और प्रतापी राजा बने.

फिर एक महीने पुरुष और एक महीने स्त्री
इसी बीच श्राप का समय पूरा हो गया तो इला को अपने पूर्वजन्म की याद आई, जब वह प्रतापी राजा थे. उन्हें अपने परिवार की याद आने लगी. वह बेचैन रहने लगी. बुध समझ गए कि इला की आत्मा अभी पूरी तरह से शांत नहीं है. उन्होंने ध्यान लगाया, ऋषियों से सहायता मांगी. ऋषियों ने यज्ञ किया. शिव जी से प्रार्थना की. वो प्रसन्न हुए और बोले, “इला अब हर एक मास में अपना रूप बदल सकेंगे यानि वह एक माह पुरुष रहेंगे और एक माह स्त्री.

दोनों रूपों में उन्हें बच्चे पैदा हुए
अब राजा इल का जीवन दो रूपों में बंट गया. जब वे पुरुष होते, तो राज्य चलाते. जब स्त्री होते, तो तपस्या और पारिवारिक जीवन में लीन रहते. दोनों रूपों में उन्हें संतानें प्राप्त होती रहीं, जिससे चंद्रवंश का विस्तार हुआ.

तब भीष्म ने युधिष्ठिर से क्या कहा
युधिष्ठिर को यह कथा सुनाकर भीष्म बोले, “वत्स, ये कथा ये बताती है कि आत्मा का कोई लिंग नहीं होता. पुरुष और स्त्री – ये केवल शरीर की अवस्थाएं हैं, आत्मा तो ब्रह्मरूप है.”

अब आइए पुरुरवा के बारे में भी जान लीजिए. पुरुरवा से शादी रचाने वाली अप्सरा उर्वशी थी. वह स्वर्ग की एक प्रसिद्ध अप्सरा थीं, जिनके सौंदर्य और नृत्यकला की ख्याति थी. उर्वशी ने पुरुरवा से विवाह के लिए कुछ शर्तें रखी थीं, जिनका उल्लंघन होने पर वह स्वर्ग लौट गईं. पुरुरवा पांडवों के पूर्वज थे . पांडवों का वंश पुरुरवा से कई पीढ़ियों बाद आता है.
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT






Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
Uttrakhand : राज्य में रोपवे कनेक्टिविटी के
मुख्यमंत्री धामी ने मसूरी गोलीकांड शहीदों को
शाहरुख की बेटी सुहाना खान की जमीन
भारत को इसरो लैब से तैयार पहली
Asia Cup 2025: सूर्यकुमार यादव T20I में
योगी कैबिनेट :नगरीय परिवहन के लिए ई-बसों
 
 
Most Visited
Rice water & Methi Dana Toner for
(1491 Views )
Shubhanshu Shukla Returns to Earth: A Proud
(633 Views )
उत्तराखंड : केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश, 7
(606 Views )
मुकुल देव आखिरी बार इस फिल्म में
(606 Views )
Salakaar Review: A Rushed Tribute to Ajit
(560 Views )
उत्तराखंड में 3 घंटे का येलो अलर्ट,
(539 Views )