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योगी का बुलडोजर शक्ति और सख्ती का है प्रतीक : असीम अरुण
Go Back | Yugvarta , Apr 28, 2025 09:43 PM
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News Image Lucknow :  लखनऊ, 28 अप्रैल। समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अखिलेश के शासनकाल में वंचित वर्गों पर हुए अत्याचारों को उजागर करते हुए योगी सरकार की विकास और युवा कल्याण योजनाओं की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की छोटी सोच और भेदभावपूर्ण नीतियों के कारण जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर किया।

मंत्री असीम अरुण ने अखिलेश यादव के 2012-2017 के शासनकाल को याद दिलाते हुए कहा कि सपा सरकार में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लोगों पर अत्याचार हुए जो आज भी

-अखिलेश के पास न तो काम करने की शक्ति थी, न निर्णय लेने की ताकत- असीम अरुण

-सभी धर्मों और जातियों को साथ लेकर चल रही है योगी सरकार- मंत्री

-योगी सरकार में सभी भर्तियां निष्पक्ष और पारदर्शी हैं- मंत्री

जनता के जेहन में हैं। अखिलेश ने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का अपमान किया। उन्होंने कन्नौज में बाबा साहब के नाम पर बने मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया। इसके अलावा भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्वीकार करने से इनकार किया और उनकी माता महामाया के नाम पर बने जिले के नाम पर अपनी काली कलम चलाई। उन्होने कहा कि आखिर इसके पीछे अखिलेश यादव की मंशा क्या थी, उन्हें जनता को बताना चाहिए और उन्हें इसके लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अखिलेश अब अनुसूचित समाज और गरीबों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता उनके झांसे में नहीं आएगी। अखिलेश ने अपने शासन के अंत में अनुसूचित जाति के बच्चों की छात्रवृत्ति रोक दी थी, जिसे योगी सरकार ने दोबारा शुरू किया।

प्रदेश में एक्सप्रेसवे और बुनियादी ढांचे का तेजी से हो रहा विकास-
असीम अरुण ने कहा कि योगी सरकार की विकास नीतियां 'सबका साथ, सबका विकास' की है। उन्होंने कहा कि योगी का बुलडोजर दो चीजों का प्रतीक है- विकास यानि शक्ति और सख्ती। एक ओर प्रदेश में एक्सप्रेसवे और बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हो रहा है, वहीं दूसरी ओर माफियाओं द्वारा गरीबों और सरकारी जमीन पर किए गए अवैध कब्जों को हटाया जा रहा है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा सोच-समझकर निर्णय लिए और उन्हें लागू किया। अखिलेश के पास न तो काम करने की शक्ति थी, न निर्णय लेने की सख्ती। इसीलिए जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल किया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार सभी धर्मों और जातियों को साथ लेकर चल रही है, न कि किसी विशेष समुदाय को प्राथमिकता दे रही है।

मंत्री असीम अरुण ने कहा कि सपा शासन में बेरोजगारी दर 13-14% थी, जो अब घटकर 3% हो गई है। योगी सरकार ने न केवल सरकारी नौकरियां दीं, बल्कि 'सीएम युवा' जैसे कार्यक्रमों के जरिए युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए ब्याज मुक्त ऋण भी उपलब्ध कराए। पुलिस भर्ती में पारदर्शिता का जिक्र करते हुए अरुण ने कहा कि अखिलेश के समय भ्रष्टाचार के कारण भर्तियां विवादों में रहती थीं। उन्होंने उदाहरण दिया कि यूपीपीसीएस परीक्षा में 86 में से 56 अभ्यर्थी एक ही जाति से थे, जो भेदभाव को दर्शाता है। इसके विपरीत, योगी सरकार में भर्तियां निष्पक्ष और पारदर्शी हैं। हाल ही में पीसीएस जे की परीक्षा मात्र 8 महीने में पूरी हुई, जो एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि सपा शासन में जाति के आधार पर पुलिस में पोस्टिंग और नौकरियां दी जाती थीं। अखिलेश ने नियमों को ताक पर रखकर एक विशेष जाति को बढ़ावा दिया। अब सत्ता से बाहर होने के बाद उन्हें बाबा साहब और पीड़ित वर्ग याद आ रहे हैं।

आलोचना न तो सरकार हतोत्साहित होगी न प्रदेश के विकास की गति - असीम अरुण
असीम अरुण ने कहा कि मोदी और योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर है। वोट बैंक की चिंता किए बिना सभी के लिए कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में यूपी का महत्वपूर्ण योगदान होगा। अरुण ने कहा कि अखिलेश या अन्य विपक्षी दलों की आलोचना न तो सरकार को हतोत्साहित करेगी, न ही प्रदेश के विकास की गति को रोक पाएगी।

असीम अरुण ने कहा कि सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार हुआ है। 'ऑपरेशन कायाकल्प' के तहत स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाई गई हैं, जिसके चलते लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने को उत्सुक हैं। कई स्कूलों में अब 'एडमिशन क्लोज' का बोर्ड लगाना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय की रैंकिंग A++ हो चुकी है और छात्रों की संख्या 10,000 से बढ़कर 22,000 हो गई है। पहले यूपी के छात्र बाहर पढ़ने जाते थे, लेकिन अब दूसरे राज्यों से छात्र यूपी में पढ़ने आ रहे हैं। अरुण ने प्रयागराज की एक पुलिस अधिकारी की बेटी का उदाहरण दिया, जिसने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया।
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