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बांके बिहारी चरण दर्शन 2025: इस दिन होगा वृंदावन में दुर्लभ दर्शन, जानें इसका आध्यात्मिक महत्व
Go Back | Yugvarta , Apr 17, 2025 06:18 PM
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News Image Lucknow : 
श्री बांके बिहारी लाल के चरणों के दर्शन साल में केवल एक बार होते हैं — और वह भी अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर। लाखों श्रद्धालु इस दिन का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं, जब वे प्रभु के कमल जैसे चरणों का दर्शन कर सकें।
इस वर्ष कब होंगे चरण दर्शन?

इस साल 2025 में, श्री बांके बिहारी जी के दिव्य चरण दर्शन 30 अप्रैल, बुधवार को अक्षय तृतीया के दिन होंगे। यह अवसर श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत दुर्लभ और पुण्यदायी माना जाता है, क्योंकि सामान्य दिनों में ठाकुर जी के चरणों के दर्शन नहीं कराए जाते।

क्यों होते हैं चरण दर्शन इतने खास?

श्री बांके बिहारी जी को राधा रानी और श्रीकृष्ण का संयुक्त स्वरूप माना जाता है। करीब 500 वर्ष पूर्व, महान संत स्वामी हरिदास जी ने इस अद्वितीय युगल स्वरूप की आराधना की शुरुआत की थी और उन्हें "कुंज बिहारी" नाम से पुकारा था।

ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त इस विशेष दिन प्रभु के चरणों का दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि एवं शांति का आगमन होता है।

इस पावन अवसर पर, ठाकुर जी को राजसी पोशाकों से सजाया जाता है। उनके चरणों पर चंदन से बना एक विशेष लड्डू (जो एक किलो से अधिक का होता है) अर्पित किया जाता है। यह लड्डू स्वामी हरिदास जी के उस चमत्कारिक अनुभव का प्रतीक माना जाता है, जब वह रोज़ प्रभु के चरणों में एक स्वर्ण मुद्रा पाया करते थे।

शाम को होता है विशिष्ट अभिषेक

दर्शन के बाद शाम के समय प्रभु को शीतलता प्रदान करने के लिए चंदन लेप किया जाता है। यह दृश्य इतना अलौकिक होता है कि देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु केवल इसे देखने के लिए वृंदावन की ओर रुख करते हैं।

यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करती है, बल्कि भक्तों और ईश्वर के बीच एक भावनात्मक और आत्मिक संबंध भी स्थापित करती है।
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