Lucknow : Gupt Navratri 2021: आज गुप्त नवरात्रि का छठा दिन है. आज भक्त मां त्रिपुर भैरवी की पूजा अर्चना करेंगे. त्रिपुर भैरवी को बंदीछोड़ माता कहा गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इन मां की पूजा करने से हर प्रकार के मुकदमे, बंधनों और कारावास से मुक्ति मिलती है. मां को त्रिपुरा भैरवी, चैतन्य भैरवी, सिद्ध भैरवी, भुवनेश्वर भैरवी, संपदाप्रद भैरवी, कमलेश्वरी भैरवी, कौलेश्वर भैरवी, कामेश्वरी भैरवी, नित्याभैरवी, रुद्रभैरवी, भद्र भैरवी तथा षटकुटा भैरवी भी कहा गया है.
मां त्रिपुर भैरवी बीज मंत्र:
1- ।। ह्नीं भैरवी क्लौं ह्नीं स्वाहा:।।
2- ।। ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः।।
3- ।। ॐ ह्रीं सर्वैश्वर्याकारिणी देव्यैपौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इन मां की पूजा करने से हर प्रकार के मुकदमे, बंधनों और कारावास से मुक्ति मिलती है. मां को त्रिपुरा भैरवी, चैतन्य भैरवी, सिद्ध भैरवी, भुवनेश्वर भैरवी, संपदाप्रद भैरवी, कमलेश्वरी भैरवी, कौलेश्वर भैरवी, कामेश्वरी भैरवी, नित्याभैरवी, रुद्रभैरवी, भद्र भैरवी तथा षटकुटा भैरवी भी कहा गया है. नमो नम:।।
त्रिपुर भैरवी की उत्पत्ति कैसे हुई
दुर्गासप्तशती के अनुसार त्रिपुर भैरवी के उग्र स्वरूप की कांति हजारों उगते सूर्य के समान है. धार्मिक कथाओं में इस बात का वर्णन है कि माता त्रिपुर भैरवी की उत्पत्ति महाकाली के छाया विग्रह से ही हुई है. देवी भागवत के अनुसार छठी महाविद्या त्रिपुर भैरवी हैं.
त्रिपुर भैरवी का स्वरूप
माता त्रिपुर भैरवी का स्वरूप मां काली जैसा ही है. मां के तीन नेत्र और चार भुजाएं हैं. मां के बाल खुले हुए हैं. इनका एक नाम षोडशी भी है. मां को कई और नामों से भी जाना जाता है जैसे रूद्र भैरवी, चैतन्य भैरवी, नित्य भैरवी, भद्र भैरवी, कौलेश भैरवी, श्मशान भैरवी, संपत प्रदा भैरवी.
माता त्रिपुर भैरवी की पूजा से होने वाले लाभ
-माता त्रिपुर भैरवी की पूजा करने से सौभाग्य, आरोग्य और सुख की प्राप्ति होती है.
-माता त्रिपुर भैरवी की पूजा करने से मनवांछित विवाह की इच्छा पूरी हो जाती है.
-माता त्रिपुर भैरवी की पूजा करने से व्यापार और करियर में वृद्धि होती है. |