Lockdown न लगाने के फैसले पर सीएम योगी को मिला गरीब तबके का साथ, आगरा में रोटी वाली अम्मा ने कही ये बात
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Yugvarta
, Apr 20, 2021 02:08 PM 0 Comments
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Agra : कोरोना के बढ़ते संक्रमण (Corona Infection) को देखते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने यूपी के पांच शहरों में कम्पलीट लॉकडाउन (Lockdown) का आदेश दिया है. हालांकि सूबे की योगी सरकार (Yogi Government) ने हाईकोर्ट के इस आदेश को लागू करने से मना कर दिया है और फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. उधर लॉकडाउन की आहट से गरीब तबके में बेचैनी साफ़ दिख रही है. आगरा में गरीब जनता नहीं चाहती है कि लॉकडाउन लगे. रोज कमाने और खाने वाले ऐसे लोगों का कहना है कि
लॉकडाउन की आहट से गरीब तबके में बेचैनी साफ़ दिख रही है. आगरा में गरीब जनता नहीं चाहती है कि लॉकडाउन लगे. रोज कमाने और खाने वाले ऐसे लोगों का कहना है कि लॉकडाउन लगने से उनके सामने दो जून की रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा
लॉकडाउन लगने से उनके सामने दो जून की रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.
लॉकडाउन के पहले एडिशन में चर्चा में आई रोटी वाली अम्मा भी लॉकडाउन के खिलाफ हैं. उनका कहना है कि मास्क और सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन कराया जाए और जो ऐसा ना करें उन्हें दंडित किया जाए. लेकिन अगर लॉक उाउन लगा तो दो जून की रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. रोटी वाली अम्मा का कहना है कि पिछली बार जब लॉकडाउन लगा था तो किसी तरह उधार लेकर पेट पाला था. अब तो उधार भी नहीं देगा.
लॉकडाउन लगा तो भूखे मर जाएंगे
आगरा के एमजी रोड पर मच्छरदानी बेचने वाले राजेश भी कहते कि लॉकडाउन नहीं लगना चाहिए. अगर लॉकडाउन लगा तो खाने की संकट खड़ी हो जाएगी। पिछली बार उधार लिया अभी तक वो चुकता नहीं हुआ है. अगर एक बार फिर ऐसा होता है तो खाएंगे क्या. सख्ती होनी चाहिए लेकिन लॉकडाउन नहीं लगे.
हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को एक याचिका की सुनवाई के दौरान यूपी के पांच शहरों-लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया है. जिस पर सरकार ने रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सरकार की दलील है कि जिंदगी के साथ ही आजीविका भी जरुरी है. लॉकडाउन लगने से गरीबों के सामने संकट खड़ा हो जाएगा।