विश्व में हो रहे डिजिटल खतरे को कम कर सकता है साइबर सुरक्षा और डिजिटल ऑडिट
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Yugvarta
, Aug 19, 2025 04:36 PM 0 Comments
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Lucknow : लखनऊ, 19 अगस्त: साइबर सुरक्षा और डिजिटल ऑडिट का महत्व दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है क्योंकि पूरे विश्व में डिजिटल खतरे का लगातार सामना कर रहा है। ऐसे में हमे साइबर सुरक्षा की एडवांस टेक्नोलॉजी को अपनाना होगा। इसके लिए विश्व के विभिन्न देशों से टेक्नोलॉजी का आदान-प्रदान बहुत महत्व रखता है। यह मंथन यूपीएसआईएफएस द्वारा आयोजित डिजिटल ऑडिट, साइबर इंश्योरेंस, सुरक्षा और कानूनी पहलुओं पर हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में साइबर सुरक्षा को लेकर किये जा रहे विभिन्न पहलुओं को सराहा गया।
साइबर सुरक्षा, डिजिटल ऑडिट और साइबर इंश्योरेंस के क्षेत्र में मजबूत
साइबर सुरक्षा की एडवांस टेक्नोलॉजी के आदान प्रदान से ही साइबर अपराध पर लगायी जा सकती है लगाम
सेमिनार में सीएम योगी द्वारा प्रदेश में साइबर सुरक्षा को लेकर किये जा रहे प्रयासों की सराहना हुई
योगी सरकार द्वारा साइबर अपराधों के खिलाफ अपनाया गया कड़ा रुख, साइबर अपराध में आई कमी
कैरियर की संभावनाएं-
यूपीएसआईएफएस के अपर निदेशक राजीव मल्होत्रा ने बताया कि योगी सरकार द्वारा साइबर अपराधों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया गया है। उन्होंने डेटा सुरक्षा के लिए भारत के डीपीडीपी अधिनियम और जीडीपीआर जैसी नीतियों की जानकारी दी। साथ ही टीमवर्क और निरंतर शिक्षा के महत्व पर बल दिया। सेमिनार में साइबर सुरक्षा के लिए लगातार शिक्षा, व्यावहारिक अनुभव और नैतिक स्पष्टता को एक साथ जोड़ने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा, डिजिटल ऑडिट और साइबर इंश्योरेंस के क्षेत्र में एक मजबूत और टिकाऊ कैरियर की संभावना है, बशर्ते सही कौशल, कानूनी जानकारी और व्यावहारिक अनुभव को प्राथमिकता दी जाए। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इन प्रयासों को और भी सशक्त बनाया गया है, जो भारतीय डिजिटल सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम है।
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में कानूनी, नैतिक और तकनीकी ढांचे को समझना जरूरी-
सेमिनार में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ यूएसए के पवन शर्मा ने कहा कि डिजिटल ऑडिट किसी संगठन के जोखिम को समझने के लिए एक नींव का काम करता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल ऑडिट के बारे में व्यावहारिक ज्ञान और उसे लागू करने की क्षमता आज के समय में साइबर सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। साइबर इंश्योरेंस के लिए ऑडिट रिपोर्ट की सही व्याख्या करना और उसे सही तरीके से लागू करना बेहद जरूरी हो गया है। सिस्को के प्रतिनिधि ने यह बताया कि अब पारंपरिक वार्षिक ऑडिट की बजाय संगठन लगातार, जोखिम-आधारित मूल्यांकन कर रहे हैं, जो वास्तविक समय के मापदंडों और अनुपालन ढांचे से जुड़े होते हैं। इसके साथ ही ऑटोमेशन और साइबर जोखिम मॉडलिंग जैसे कौशल अब करियर की तरक्की के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं। जेड-स्केलर के प्रतिनिधि ने कंपनियों में आंतरिक अपस्किलिंग के महत्व को बताया और साइबर सुरक्षा में अपनी विशेषज्ञता को प्रमाणित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रमाणपत्र जैसे कि CompTIA Security+ और CISSP की सिफारिश की। इन प्रमाणपत्रों को प्राप्त करने से युवाओं को अपने करियर में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का अवसर मिलता है। यूपीएसआईएफएस के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. मनीष कुमार राय ने बताया कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में कानूनी, नैतिक और तकनीकी ढांचे को समझना आवश्यक है। उन्होंने रैंसमवेयर जैसे महत्वपूर्ण उदाहरणों के माध्यम से बताया कि लगातार मूल्यांकन से ही सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने ने अंतरराष्ट्रीय साइबर खतरों के मद्देनज़र वैश्विक दृष्टिकोण की अहमियत को उजागर किया।