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योगी सरकार की सख्ती का असर, ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता में अभूतपूर्व गिरावट
Go Back | Yugvarta , Jun 13, 2025 06:18 PM
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News Image Lucknow :  लखनऊ, 13 जून। उत्तर प्रदेश में विद्युत आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा अब ज़मीन पर असर दिखाने लगी है। उ.प्र. पावर कॉर्पोरेशन की ओर से की गई सख्ती, निरंतर मॉनीटरिंग और जवाबदेही तय करने की नीति से ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। पिछले वर्षों के मुकाबले 2025-26 के सिर्फ अप्रैल और मई महीने में ही 3233 ट्रांसफार्मर कम क्षतिग्रस्त हुए हैं, जो कि बिजली वितरण प्रणाली में मजबूती और मरम्मत-रखरखाव में सुधार का संकेत है।

पावर ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता में लगातार गिरावट
यूपीपीसीएल के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल के मुताबिक, वर्ष

गर्मी में फुंकने वाले ट्रांसफार्मर अब बीते जमाने की बात, जनता को मिल रही है निर्बाध आपूर्ति

भीषण गर्मी के बावजूद अप्रैल और मई दो महीनों में 3233 ट्रांसफार्मर कम फुंके, जनता को मिल रही राहत

महज दो महीनों में 2022-23 की तुलना में 87% तक घटी पावर ट्रांसफार्मर क्षति

100 के.वी.ए. और ऊपर के ट्रांसफार्मरों की क्षति में भी 64% तक की कमी

सख्त मॉनीटरिंग, सुरक्षा उपकरणों की स्थापना और जिम्मेदारी तय करने की नीति बनी सफलता की कुंजी

लापरवाही पर नहीं रहेगी कोई रियायत, दोषियों पर हो रही कड़ी कार्रवाई

2022-23 में अप्रैल-मई में 90 पावर ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए थे। 2023-24 में यह संख्या घटकर 61 हो गई। 2024-25 में 42 ट्रांसफार्मर फुंके और 2025-26 में सिर्फ 12 पावर ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए। यह ट्रेंड यह बताता है कि मात्र तीन वर्षों में पावर ट्रांसफार्मरों की क्षति में 87% से अधिक की कमी आई है।

100 के.वी.ए. और ऊपर के वितरण ट्रांसफार्मरों में भी शानदार सुधार
इसी अवधि में 2022-23 में 7322 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए थे। 2023-24 में यह संख्या घटकर 4906 हुई। 2024-25 में 3801 ट्रांसफार्मर फुंके, जबकि 2025-26 में अप्रैल-मई में केवल 2613 क्षतिग्रस्त हुए। यह वर्ष 2022-23 की तुलना में 64% से अधिक की गिरावट दर्शाता है। गर्मी और बरसात के दौरान ट्रांसफार्मर फुंकना आम समस्या मानी जाती थी, लेकिन अब यह मान्यता टूट रही है।

100 के.वी.ए. से नीचे के ट्रांसफार्मरों में भी कमी
वर्ष 2022-23 में जहां 34,350 ट्रांसफार्मर फुंके थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या घटकर 33,595 रही और 2025-26 के दो महीनों में यह और घटकर 31,580 पर आ गई। इस तरह पिछले वर्ष की तुलना में 2015 कम ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं।

अध्यक्ष की सख्ती और तकनीकी नवाचारों ने निभाई बड़ी भूमिका
डॉ. आशीष कुमार गोयल ने ट्रांसफार्मरों के डैमेज को रोकने हेतु कई ठोस उपाय लागू किए। इसके तहत, पावर ट्रांसफार्मरों पर बेल प्रोटेक्शन सिस्टम, वितरण ट्रांसफार्मरों पर टेललेस यूनिट और फ्यूज यूनिट लगाए गए। लगातार मॉनीटरिंग, मैकेनिकल फॉल्ट ट्रैकिंग और रखरखाव की समीक्षा की गई। जहां ट्रांसफार्मर फुंके, वहां जिम्मेदार अभियंताओं पर कार्रवाई सुनिश्चित की गई। प्रदेश भर में कई अधिशासी अभियंता, SDO और अवर अभियंता कार्रवाई की जद में आए।

विद्युत आपूर्ति में कोई समझौता नहीं
डॉ. गोयल ने स्पष्ट किया कि, "प्रदेश में विद्युत आपूर्ति पर जीरो टॉलरेंस नीति लागू है। किसी भी स्तर की लापरवाही से आपूर्ति बाधित होती है, तो संबंधित अधिकारी पर तत्काल कार्रवाई होगी।" उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जहां कहीं भी 100 के.वी.ए. से ऊपर के ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हों, वहां जिम्मेदारी तय करते हुए कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह प्राथमिकता रही है कि प्रदेशवासियों को 24x7 गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति मिले। इसके लिए उन्होंने पावर कॉर्पोरेशन को निर्देशित किया था कि ट्रांसफार्मर फुंकने जैसी समस्याओं को पूरी तरह नियंत्रित किया जाए। अब डॉ. गोयल की टीम इस दिशा में नतीजे दे रही है, और जनता को उसका प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।
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