» रोचक संसार
महाकुंभ : क्यों इन्ही 4 स्थानों पर लगता है कुंभ मेला, समुद्र मंथन से क्या है कनेक्शन ?
Go Back | Yugvarta , Nov 27, 2024 08:13 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Lucknow : 
महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक मेला है, जिसे हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे विश्व का सबसे बड़ा जनसमूह भी कहा जाता है। महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों में होता है और यह चार पवित्र स्थलों पर बारी-बारी से आयोजित किया जाता है: हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन और नासिक।

महाकुंभ का इतिहास
महाकुंभ मेले की परंपरा प्राचीन हिंदू ग्रंथों और पौराणिक कथाओं से जुड़ी है। इसकी शुरुआत समुद्र मंथन की कहानी से मानी जाती है। कहा जाता है जब देवताओं और असुरों ने अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया, तब अमृत कलश की कुछ बूंदें चार स्थानों (हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक, उज्जैन) पर गिरीं। इन स्थानों को पवित्र माना गया और यहीं पर कुंभ मेले की परंपरा शुरू हुई। यह मेला धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है।


कुंभ के प्रकार
पूर्ण कुंभ मेला: हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है।

अर्धकुंभ मेला: हर 6 साल में होता है।

महाकुंभ मेला: यह 12 पूर्ण कुंभों के बाद यानी 144 वर्षों में एक बार आयोजित होता है।

माघ मेला: हर साल प्रयागराज में माघ महीने में होता है। इसे छोटे कुंभ के रूप में भी जाना जाता है।

महाकुंभ का महत्व
इसमें स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुंभ के दौरान भव्य पूजा, भजन-कीर्तन और संतों के प्रवचन आयोजित होते हैं। यह मेला भारतीय संस्कृति, कला और परंपरा को समझने का अवसर प्रदान करता है।


आयोजन स्थल
महाकुंभ मेला हर 12 साल में चार पवित्र स्थलों पर क्रमशः होता है:

हरिद्वार (गंगा नदी)

प्रयागराज (गंगा, यमुना और सरस्वती संगम)

उज्जैन (क्षिप्रा नदी)

नासिक (गोदावरी नदी)
  Yugvarta
Previous News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT




Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने
महाकुंभ में उत्तराखंड का होगा अपना पवेलियन,
केजरीवाल ने अंबेडकर स्कॉलरशिप का किया ऐलान
प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे कुवैत, 43 वर्षों में
संकट में होती है व्यक्ति और संस्थान
महाकुंभ 2025 : संगम की नावों पर
 
 
Most Visited
टूटते-झड़ते बालों के लिए घर पर ही
(3361 Views )
UP Board Result 2024: 10वीं और 12वीं
(978 Views )
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर (मॉडल हाउस) में
(950 Views )
राम नवमी में श्री रामलला का जन्मोत्सव
(833 Views )
भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख
(803 Views )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभल में किया
(761 Views )