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शिक्षक दिवस पर सीएम योगी का बड़ा ऐलान: प्रदेश के 9 लाख शिक्षकों को मिलेगी कैशलेस इलाज सुविधा
Go Back | Yugvarta , Sep 05, 2025 07:29 PM
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News Image Lucknow :  लखनऊ, 5 सितंबर। शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लाखों शिक्षकों को बड़ी सौगात दी। राजधानी लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश के सभी शिक्षक अब कैशलेस इलाज सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। यह सुविधा न सिर्फ प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक, सहायता प्राप्त विद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए होगी, बल्कि शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों तक को कवर करेगी। मुख्यमंत्री ने यह ऐतिहासिक घोषणा हुए कहा कि इस फैसले से लगभग नौ लाख शिक्षक परिवार सीधे लाभान्वित होंगे। अब किसी भी बीमारी या आपातकालीन स्थिति

सीएम योगी बोले- ऑपरेशन कायाकल्प से 1.36 लाख स्कूलों में हुआ सुधार

प्रोजेक्ट अलंकार से 2,100 विद्यालयों को नए भवन मिलेः मुख्यमंत्री योगी

नकल मुक्त हुई यूपी बोर्ड की परीक्षाएं, अब एक माह में मिल रहा परिणामः सीएम

निपुण भारत मिशन और बाल वाटिका से शिक्षा की नई शुरुआतः योगी आदित्यनाथ

विपक्ष पर सीएम का हमला, शिक्षा में अराजकता लाने वाले अब नकारात्मक राजनीति कर रहे

में शिक्षकों और उनके परिजनों को आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। सीएम योगी ने इसे “शिक्षकों के योगदान के प्रति सरकार की कृतज्ञता का प्रतीक” बताया। मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस के अवसर पर लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षकों का सम्मान, टैबलेट वितरण और स्मार्ट क्लास का लोकार्पण किया।

विभाग जल्द से जल्द पूरी करेंगे प्रक्रिया-
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश भर के शिक्षकों से यही कहूंगा कि आप लोग अच्छा करिए हम आपके साथ में है। शिक्षक दिवस पर आप सबके मन में होगा कि और क्या हो सकता है। हम आज घोषणा करना चाहते हैं और वह यह कि प्रदेश के सभी शिक्षकों को हम कैशलेस उपचार की व्यवस्था का लाभ देंगे। इसके साथ ही शिक्षामित्र, अनुदेशक और रसोईया को भी हम इसके साथ जोड़ेंगे। यानी इस सुविधा का लाभ उत्तर प्रदेश के लगभग 9 लाख शिक्षकों यानी 9 लाख परिवारों को मिलेगा। बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग जल्द से जल्द सभी औपचारिकताओं को पूर्ण करके एक समय सीमा के अंदर कैशलेस उपचार की सुविधा देने के लिए कार्य करेगा।

शिक्षा मित्र और अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाने पर भी निर्णय-
मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय को बढ़ाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद सरकार जल्द ही इस पर सकारात्मक निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का निर्णय इसलिए है कि कि यह लोग भी हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर इस अभियान को ताकत देते है। इसके लिए बहुत शीघ्र रिपोर्ट आने वाली है और हम उसे दिशा में कुछ बेहतर करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञानदाता नहीं, बल्कि राष्ट्र की नींव मजबूत करने वाले निर्माता हैं। उनके सम्मान और सुविधाओं की चिंता सरकार की प्राथमिकता है।

ऑपरेशन कायाकल्प और प्रोजेक्ट अलंकार से बदली तस्वीर-
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए ऑपरेशन कायाकल्प और प्रोजेक्ट अलंकार जैसे अभियान चलाए गए। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 1.36 लाख विद्यालयों को 19 बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा गया। वहीं प्रोजेक्ट अलंकार के जरिए अब तक 2,100 विद्यालयों को नए भवन और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया गया है। निपुण भारत मिशन और बाल वाटिका जैसी योजनाएं बच्चों की भाषा और गणितीय दक्षता बढ़ाने के साथ ही उन्हें पोषण और बुनियादी शिक्षा से जोड़ रही हैं।

नकल के कलंक से मुक्ति-
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले माध्यमिक शिक्षा परिषद नकल का अड्डा बन चुकी थी। बाहर के राज्यों से भी बच्चे यहां आकर नकल के सहारे पास होते थे। आज सीसीटीवी निगरानी में पारदर्शी परीक्षाएं कराई जाती हैं। 56 लाख विद्यार्थी परीक्षा देते हैं और मात्र एक माह के भीतर परिणाम घोषित कर दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अब यूपी बोर्ड का विद्यार्थी किसी भी बोर्ड से कमतर नहीं है।

अब उत्तर प्रदेश नकारात्मकता में जीने वाला प्रदेश नहीं-
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक जीवनभर शिक्षक ही रहते हैं। उनका महत्व नौकरशाह या राजनेता से भी ऊंचा है, क्योंकि वे राष्ट्र की नींव को गढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी के शिक्षक पूरे देश में समाज निर्माण की भूमिका निभाते रहे हैं, और यही परंपरा भविष्य में और मजबूत होगी। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में यूपी देश के पिछड़े राज्यों में गिना जाता था। परीक्षाएं नकल और अराजकता का पर्याय बन चुकी थीं। योगी ने कहा कि आज जब यूपी शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में सुधार कर रहा है, तब वही लोग नकारात्मक माहौल बनाकर प्रदेश को पीछे धकेलने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब उत्तर प्रदेश नकारात्मकता में जीने वाला प्रदेश नहीं है।

शिक्षकों ने ही दुष्प्रचार के बीच पेश किया उदाहरण-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक तरफ प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर स्कूल मर्जर और बाल वाटिका पर दुष्प्रचार किया जा रहा था, उसी समय कई विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों ने मेहनत और नवाचार से मिसाल पेश की। उन्होंने स्वयं ही कहा कि आओ हमारे विद्यालयों को देखो। ये किसी कॉन्वेंट और पब्लिक स्कूल को टक्कर देने में सक्षम हैं। मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि सुल्तानपुर, वाराणसी और प्रदेश के कई जिलों में विद्यालयों ने नवाचार कर यह दिखा दिया कि सरकारी स्कूल भी गुणवत्ता में किसी से पीछे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब हम लिखी-पढ़ी परंपरा से हटकर काम करते हैं, तभी वह नवाचार कहलाता है और वही समाज के लिए प्रेरणा बनता है।

शिक्षक की तुलना किसी नौकरशाह या नेता से नहीं-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को कटघरे में खड़ा कर दिया गया था, लेकिन अब यह बोर्ड सुधार और नवाचार के साथ देश का गर्व बन रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, बल्कि एक समृद्ध राष्ट्र की आधारशिला है। शिक्षक किसी नौकरशाह या नेता से कम नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने वाले पथप्रदर्शक हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि अरुणाचल से लेकर मध्य प्रदेश तक आज भी उत्तर प्रदेश के शिक्षक अपनी उत्कृष्ट शिक्षा के लिए सम्मानित हैं। यही पहचान अब सकारात्मक माहौल और नवाचार के जरिए और सशक्त हो रही है।

बाल वाटिका से शिक्षा की नई नींव-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए "बाल वाटिका" की शुरुआत की गई है। इस सत्र में प्रदेश में 5000 से अधिक बाल वाटिकाएं खुल चुकी हैं, जिनमें 25,000 से अधिक बच्चों ने शिक्षा की पहली सीढ़ी चढ़नी शुरू कर दी है। इन बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों व मुख्यमंत्री पोषण मिशन से भी जोड़ा जा रहा है, ताकि शिक्षा के साथ उनका स्वास्थ्य भी मजबूत हो और उत्तर प्रदेश की नींव सशक्त बन सके।

शिक्षकों के नवाचारों को प्रकाशित कराएं विभाग-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाल वाटिका की पुस्तिकाएं सरल और रोचक हों, ताकि बच्चे खेल-खेल में सीखें और पढ़ाई को आनंददायक मानें। पोषण मिशन के अंतर्गत बच्चों को विविध और आकर्षक भोजन दिया जाए, जिससे उनमें रुचि जागृत हो। उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार किए हैं, उनके उदाहरण प्रकाशित होकर सभी विद्यालयों तक पहुंचें और असेंबली में बच्चों के सामने रखे जाएं। इससे अन्य शिक्षक भी प्रेरित होंगे और भावी पीढ़ी के लिए शिक्षा जगत में नई दिशा तैयार होगी।

इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, प्रभारी मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव (बेसिक एवं माध्यमिक) दीपक कुमार और महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा उपस्थित रहे।
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