PM Modi ने बेंगलुरु की सड़क से गुजरते हुए अचानक रुकवा दी कार, जानें आखिर क्या थी वजह
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Yugvarta
, Nov 11, 2022 12:49 PM 0 Comments
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Bengaluru / Bangalore : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिन तक दक्षिण भारत के चार राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के दौरे पर हैं। पीएम ने इस दौरे की शुरुआत बेंगलुरु से की और वहां पहुंचते ही सबसे पहले वंदे भारत एक्सप्रेस और भारत गौरव काशी दर्शन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इस बीच दोनों ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के लिए जैसे ही पीएम क्रांतिवीर संगोली रायन्ना (केएसआर) स्टेशन जा रहे थे तभी उन्होंने अचानक से अपनी कार रुकवा दी।
कार रुकवाने की यह रही वजह
दरअसल, प्रधानमंत्री ने जैसे ही अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को कर्नाटक लोक सेवा आयोग के कार्यालय के
PM Modi Bengaluru Visit पीएम मोदी ने आज बेंगलुरु में वंदे भारत एक्सप्रेस और भारत गौरव काशी दर्शन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इस बीच जैसे ही पीएम केएसआर स्टेशन जा रहे थे तभी उन्होंने अचानक से अपनी कार रुकवा दी।
पास देखा तो वे काफी उत्सुक दिख रहे थे। इसी को देखते हुए पीएम ने अपनी कार को रुकवाया और अपने समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
कार में खड़े हुए पीएम, लगे मोदी-मोदी के नारे
पीएम मोदी बेंगलुरु के लोगों को दो नई ट्रेनों का तोहफा देने जा रहे थे कि तभी उनकी नजर अपने समर्थकों पर पड़ी और पीएम ने इसके बाद अपनी कार के 'रनिंग बोर्ड' पर खड़े होकर भीड़ का अभिवादन किया, जिनमें से कई लोग 'मोदी, मोदी' के नारे लगाते और भाजपा के झंडे लहराते देखे गए।
कार से उतर लोगों से मिलने पहुंचे पीएम
इसके बाद जैसे ही पीएम मोदी केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईए) के टर्मिनल -2 का उद्घाटन करने के लिए जा रहे थे तो वे केएसआर रेलवे स्टेशन के पास एक प्रमुख ट्रैफिक जंक्शन पर कार से उतर गए और भीड़ की ओर चल पड़े। पीएम को आते देख लोगों में एक अलग ही जोश उत्पन्न हो गया और उन्होंने जोरों शोरों से नारे लगाने शुरू कर दिए।
बेंगलुरु को दिए कई तोहफे
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने, केआईए के टर्मिनल -2 का उद्घाटन करने और शक्तिशाली विजयनगर साम्राज्य के राजा 'नादप्रभु' केम्पेगौड़ा की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के लिए बेंगलुरु की यात्रा पर हैं। केम्पेगौड़ा ने लगभग 600 साल पहले बेंगलुरु की स्थापना की थी। मोदी की बेंगलुरु यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव छह महीने से भी कम समय में होने वाले हैं।