Gorakhpur : गोरखपुर के कुसम्ही जंगल के पर्यावरण पर्यटन का प्रस्ताव की मुख्यमंत्री ने सराहना की है। पर्यावरण पर्यटन के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने वनविभाग को काम करने के लिए कहा है। प्रभागीय वनाधिकारी का कहना है कि जल्द ही वह इस प्रस्ताव को अपने मुख्यालय भेजेंगे।
‘उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म बोर्ड’ के गठन को मिल चुकी है मंजूरी
दो दिन के दौरे पर गोरखपुर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर कक्ष में गोरखपुर वन प्रभाग के कुसम्ही जंगल में पर्यावरण पर्यटन केंद्र बनाए जाने के प्रस्ताव देखा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि ऐसी योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करने कीमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर वन प्रभाग के कुसम्ही जंगल में पर्यावरण पर्यटन केंद्र बनाए जाने के प्रस्ताव देखा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि ऐसी योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री को कुसुम्ही जंगल को पर्यटन केन्द्र बनाए जाने का प्रस्ताव पसंद आया।
जरूरत है। इससे पयर्टकों का आकर्षित करने में सफलता मिलेगी। वन व पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी लोगों को रुझान बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों कैबिनेट में ‘उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म बोर्ड’ के गठन को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रस्तावों पर गंभीरता पूर्व विचार किया जाएगा।
प्रभागीय वनाधिकारी ने सीएम को दिखाया प्रस्ताव
प्रभागीय वनाधिकारी विकास यादव ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उन्हें कुसम्ही जंगल में पर्यावरण पर्यटन केंद्र का प्रस्ताव दिखाया। प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि विनोद वन व उसके आसपास के क्षेत्र में पयर्टकों को हाथी सफारी, आरोग्य योग केंद्र, प्रकृति शिविर, रोमांचक गतिविधि सहित तमाम सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बदले में पयर्टकों को कुछ शुल्क देना होगा।
ऐसी होगी हाथी सफारी
प्रभागीय वनाधिकारी ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्राकृतिक शिविर में लोगों को प्लेटफार्म व शौचालय की सुविधा से युक्त स्विस टेंट पयर्टकों को दिया जाएगा। इसके अंतर्गत लोगों को सोलर लाइट सहित तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। बर्ड वाचिंग के लिए माता चौरा मंदिर और बुढ़िया माता मंदिर के पास वाच टावर बनाया जाएगा। बांस के निर्मित टिकट शाप भी निर्मित किए जाएंगे। जहां से कैमरा, दूरबीन, रेंज फाइंडर और कम्पास किराए पर उपलब्ध होगा। पयर्टकों को मनोरंजन के साथ उन्हें सुरक्षित रोचक खेल की सुविधा दी जाएगी।
यह सुविधाएं भी मिलेंगी
यहां बर्मा ब्रिज, काम्बिंग, रोप-वे क्रासिंग सरीखे रोमांचक गतिविधियों के साथ आरोग्य ईको टूरिज्म सेंटर में प्रशिक्षित योग शिक्षक योग का अभ्यास कराएंगे। यहां दो रास्तों पर नेचर ट्रेल की सुविधा मिलेगी। जहां साइकिल या पैदल सुरक्षा उपकरणों के साथ पयर्टक तीन किलोमीटर और छह किलोमीटर लंबे रूट पर नेचर ट्रेल कर सकेंगे। इसके अलावा इन रूट पर हाथी, घोड़ा, ऊंट की सवारी और खुली जीप में भी लोग इस रास्ते की सैर का आनंद उठा सकेंगे। इस दौरान मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, मुख्य विकास अधिकारी संजय मीणा सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।